क्या जीरे के भाव में तेजी आएगी या नहीं | जाने क्या कहते हैं जीरे के उत्पादन, स्टॉक और निर्यात के आँकड़े
किसान साथियो और व्यापारी भाइयो भारत में जीरे की घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है और निर्यातकों की सक्रियता भी लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते इसकी हाजिर और वायदा कीमतों में लगातार सुधार देखा जा रहा है। वर्तमान में व्यापारी, स्टॉकिस्ट और निर्यातक सभी जीरे की अच्छी खरीद कर रहे हैं। चीन, बांग्लादेश, मलेशिया और खाड़ी देशों से भी जीरे की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। दूसरी ओर, गुजरात में जीरे की सामान्य आवक बनी हुई है, जबकि राजस्थान में आपूर्ति सीमित होने के कारण मंडियों पर अधिक दबाव नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि मांग की तुलना में आवक में कुछ कमी है, जिसके कारण कीमतों में मजबूती आ रही है। अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें। इसके अतिरिक्त, गुजरात में इस वर्ष प्रतिकूल मौसम के कारण नए जीरे की आवक में लगभग एक महीने की देरी हो सकती है, जिससे बाजारों में इसकी उपलब्धता कम रहेगी।
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जाम जोधपुर मंडी में जीरा का भाव ₹4400 से ₹4800 (20 किलो) तक रहा, जहां लगभग 1000 बोरी की आवक हुई। नोखा मंडी में जीरा ₹20000 से ₹24000 प्रति क्विंटल बिका, और आवक 3000 से 3500 बोरी के बीच रही। मेड़ता सिटी मंडी में जीरा के भाव ₹22000 से ₹26000 तक रहे, जिसमें 20000 से 22000 बोरी की अच्छी आवक देखी गई। वहीं नागौर मंडी में जीरा ₹21000 से ₹25000 के भाव पर बिका, और आवक 10000 से 11000 बोरी दर्ज की गई।
आगे क्या रह सकता है जीरे के बाजार में
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जीरे का उत्पादन, पैदावार और गुणवत्ता अधिक प्रभावित नहीं हुई है। इसलिए, आने वाले समय में इसकी आपूर्ति की स्थिति बेहतर रहने की उम्मीद है, जिसके चलते भविष्य में जीरे की कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है। 2024-25 सीजन के दौरान जीरे के क्षेत्रफल में कमी आई, लेकिन मौसम काफी हद तक अनुकूल रहा। बताया जा रहा है कि अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के दस महीनों में देश से जीरे का निर्यात 67 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि के साथ 1.82 लाख टन पर पहुंच गया। हालांकि, दिसंबर की तुलना में जनवरी 2025 के दौरान जीरे का निर्यात कुछ कम रहा, लेकिन जनवरी 2024 के मुकाबले यह लगभग 38 प्रतिशत तक अधिक रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में जीरे की मांग काफी अच्छी बनी हुई है। जारी आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान और गुजरात जैसे क्षेत्रों में बुवाई के क्षेत्र में काफी वृद्धि दर्ज की गई थी, जिसके कारण वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जीरे का घरेलू उत्पादन 5.77 लाख टन से बढ़कर 2023-24 के सीजन में 8.60 लाख टन के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्पादकों के पास लगभग 20 लाख बोरी जीरे का पिछला बकाया स्टॉक था, जिसमें से केवल 3-4 लाख बोरी का ही व्यापार हो सका है। इसके बाद, चालू सीजन के लिए लगभग 16 लाख बोरी का स्टॉक शेष है। ऐसे में, उम्मीद है कि आने वाले समय में इसकी कीमतों में तेजी नहीं आएगी। बाकी व्यापार अपने विवेक से ही करे
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।