क्या पाम तेल के भाव बढ़ेंगे? जाने विदेशी बाजारों से पाम तेल की क्या है रिपोर्ट
किसान साथियों सरसों और सोयाबीन का भाव बढ़ने के लिए यह जरूरी है कि विदेशी बाजारों में पाम तेल और सोया तेल के भाव बढ़ जाएं । दोस्तों हम सरसों के बाजार पर तो रिपोर्ट बनाते रहते हैं लेकिन पाम तेल के बाजार में क्या हलचल हो रही है इसकी आज हम बात करने वाले हैं । पाम के अलावा हम सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर भी अपनी रिपोर्ट लेकर आएंगे । इन सारी रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आपको यह अंदाजा लगाने में आसानी होगी कि आने वाले समय में तेल तिलहन का बाजार किस चाल से चल सकता है । चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
दोस्तो पाम तेल दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला वनस्पति तेल है इसका उपयोग कई खाद्य पदार्थो और कई प्रकार की दवाई बनाने में भी किया जाता है पाम आयल दुनिया की एक महत्वपूर्ण जरूरत बन चुकी है, बावजूद इसके पाम तेल के दाम लगातार नीचे गिर रहे हैं। आज की रिपोर्ट में हम पाम तेल के आयात निर्यात और गिरते भावों पर चर्चा करेंगे और पता लगाने की कोशिश करेंगे की विश्व की महत्वपूर्ण जरूरत होने के बावजूद भी पाम आयल का बाजार ऊपर क्यों नहीं उठा रहा। साथीयो अगर इस सप्ताह की बात करें तो मलेशिया पाम आयल वायदा 7 महीने से भी अधिक समय के निचले स्तर पर आ गया है। हालांकि तुलनात्मक रूप से नीचे बकाया स्टॉक के कारण पाम तेल की नवीनतम मंदी सीमित ही बनी रही। आज हम अपनी रिपोर्ट में जानने की कोशिश करेंगे कि वह कौन से घटक हैं जिसके कारण पाम आयल के दाम लगातार नीचे गिर रहे हैं तो आईए जानते हैं इस रिपोर्ट में।
पिछले 7 महीनों में कैसा रहा पाम आयल का सफर
खाद्य तेलों की बात की जाए तो पाम तेल की खपत दुनिया में सबसे ज्यादा है। बावजूद इसके पिछले 6-7 महीनो में पाम आयल के बाजार में काफी बार उतार चढ़ाव देखा गया। बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज का बैंचमार्क अक्तूबर पाम तेल वायदा 0.51 प्रतिशत मंदा होकर 3689 रिंगिट (829.73 डॉलर) प्रति टन पर आ गया। इसका नवीनतम स्तर 5 जनवरी के बाद का सबसे नीचा है। कार्गो सर्वेयर सोसिएट जनरल डी सर्विलांस (एसजीएस) ने अनुमान जताया है कि एक महीना पूर्व की अवधि की तुलना में वर्तमान अगस्त महीने के आरंभिक 10 दिनों में मलेशियाई पाम तेल उत्पादों का निर्यात 13.20 प्रतिशत गिरकर 4,89,898 टन हुआ है। एक विश्लेषक ने कहा कि वर्तमान अगस्त महीने में निर्यात अपेक्षाकृत रूप से नीचा ही बना रहने का अनुमान है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
इसकी वजह से बकाया स्टॉक में वृद्धि होने में मदद मिल सकती है। उन्होंने आगे बताया कि सोया तेल तथा पाम तेल के बीच कीमत का अंतर घटने के कारण भी पाम तेल की मांग पर दवाव बढ़ गया है। मलेशियन पाम आयल बोर्ड (एमपीओबी) ने एक दिन पूर्व जारी किए गए अपने आंकड़ों में बताया था कि एक महीना पूर्व की अपेक्षा बीते जुलाई महीने में मलेशिया का पाम तेल बकाया स्टॉक 5.35 प्रतिशत घटकर 17.30 लाख टन रह गया था। इसका प्रमुख कारण यह है कि उत्पादन में हुई वृद्धि की तुलना में निर्यात की बढ़त दर अधिक रही। डालियान का सर्वाधिक सक्रिय सोया तेल वायदा 2.44 प्रतिशत लुढ़क गया। इसके पाम तेल वायदा में 1.71 प्रतिशत की गिरावट आई। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड का सोया तेल भी 1.53 प्रतिशत टूट गया। संबंधित खाद्य तेलों की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव का पाम तेल द्वारा अनुसरण किया जाता है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यह दोनों एक- दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं।
क्या कहते हैं आयात के आंकड़े
साथियों पाम तेल आयात के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा पाम आयल आयातक देश है। विश्व में सबसे अधिक निर्यात पाम तेल का इंडोनेशिया और मलेशिया से होता है। भारत में 70% पाम तेल का आयात इंडोनेशिया से होता है और 30% आयात मलेशिया से होता है। पिछले वर्ष की तुलना में भारत का पाम तेल आयात इस वर्ष काफी बड़ा है। विश्वसनीय आंकड़ों के अनुसार इस साल मई मे 74 प्रतिशत बढ़कर 7,63,300 टन पर पहुंच गया है। जो कि पिछले साल 4,39,173 टन था। आयात बढ़ाने की वजह वनस्पति तेल खरीदारों द्वारा बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पाम तेल का स्टॉक करना था। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
पिछले लगातार पांच दिनों तक आई तेजी के बाद चालू सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन क्रूड ऑयल स्थिर बना रहा क्योंकि चीन में मंदी की आशंका के कारण ओपेक द्वारा वर्ष 2024 में मांग की विकास दर के अपने पूर्वानुमान में चालू सप्ताह के आरंभिक कारोबारी दिन कटौती किए जाने के बाद बाजार संभावित मांग को लेकर उपजी नवीनतम चिंताओं पर फिर से ध्यान केन्द्रित कर रहा है मलेशियाई रिंगिट,जोकि पाम तेल की कारोबारी मुद्रा है,अमेरिकी डॉलर की तुलना में 0.20 प्रतिशत मजबूत हुई।रिंगिट मजबूत होने से विदेशी मुद्राओं में खरीद करने वालों के लिए पाम तेल का आकर्षण अपेक्षाकृत रूप से घट जाता है।
घरेलू बाजार में पाम तेल के आज के भाव
साथियों पाम तेल के भारतीय बाजारों में मंडियो के भाव की बात करें तो, अहमदाबाद में 905, गांधीधाम में895,शिवामोगा 890, जबलपुर 1050, गाजीपुर में 890, कानपुर में 860, लखनऊ में 1050, महाराष्ट्र की मंडियों में 940-950 रुपए प्रति 10 किलो के रहे।
कब बढ़ेंगे पाम तेल के भाव
साथीयों मौजूदा हालातों को देखते हुए यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि कम तेल के दामों में आगे चलकर कितना उतार चढ़ाव बनेगा क्योंकी बाजार में अन्य खाद्य तेलों के दामों में कुछ खास वृद्धि देखने को नहीं मिल रही है त्यौहारी सीजन के चलते बाजारों में खाद्य तेलों में आपसी स्पर्धा बढ़ गई है। जबकि दिवाली के त्योहार पर हम थोड़ी बहुत उम्मीद कर सकते हैं। जानकारों की माने तो पाम तेल के दामों में और अधिक उतार चढ़ाव की उम्मीद नहीं है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
सावधानी
किसान भाइयों हमने यह जानकारी प्रमुख जानकारों की राय और निजी विचारों की समझ के आधार पर दी है, कोई भी लेनदेन करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह है अवश्य लें और व्यापार अपने बुद्धि और विवेक के साथ संयम से करें।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।