क्या फिर से 7000 के पार होगा जयपुर में सरसों रेट | अगर सरसों बेचने जा रहे हैं तो ये रिपोर्ट देखकर ही जाना
किसान साथियों, पिछले 3 दिन में विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों ने जिस तरह से दौड़ लगाई है, उसने घरेलू बाजार को मंदी के आगोश से निकालकर तेजी की मझधार में ला दिया है। बाजार का पूरा सेंटिमेंट ही बदल गया है। सरकारी नीतियां बाजार को किस प्रकार से प्रभावित करती हैं, इसे आप पाम तेल के भाव में आए परिवर्तन को देखकर समझ सकते हैं। मलेशिया ने पाम तेल पर निर्यात ड्यूटी को बढ़ा दिया है। इसकी आधिकारिक पुष्टि तो कल ही हुई है, लेकिन बाजार में पहले से ही निर्यात शुल्क बढ़ाने की चर्चा चल रही थी। इसी चर्चा के चलते इस बाजार में यह तेजी बनी है। बाजार की चाल को देखें तो सोमवार, 21 अक्टूबर को जब मलेशिया का बाजार खुला था, तो KLC पर पाम तेल के भाव 4300 रिंगिट प्रति टन के आसपास चल रहे थे। लेकिन उसके बाद से ही बाजार में तूफानी तेजी का दौर चल रहा है। पिछले 4 दिन में बाजार 10% के आसपास तेज होकर अब यह 4700 रिंगिट प्रति टन के पार हो गया है। विदेशी बाजारों में 10% की तेजी आना कोई छोटी बात नहीं है, वह भी भारत जैसे देश के लिए जो अपनी जरूरत का 60% से ज्यादा हिस्सा विदेशों से आयात करता है। इस तेजी का बाजार में असर दिखना ही था, इसलिए भारतीय बाजार में भी हलचल देखने को मिली है। सरसों के भाव जो लगातार नीचे की तरफ गोता लगा रहे थे, न सिर्फ रुके बल्कि तेजी की तरफ मुड़ गए। यहां से आगे बाजार में क्या संभावना है? क्या मलेशिया के बाजार में मुनाफा वसूली आएगी या फिर बाजार और तेज होंगे? क्या भारतीय बाजारों में सरसों में कोई नया टॉप रेट बनने वाला है या फिर भाव फिर से नीचे चले जाएंगे? आज की रिपोर्ट में हमने इन्हीं घटकों को ध्यान में रखकर बाजार का विश्लेषण किया है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
ताजा मार्केट अपडेट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, बहुत लंबे समय बाद गुरुवार को सरसों के भाव में एकतरफ़ा तेजी का माहौल दिखा। विदेशी बाजारों में चल रही तूफानी तेजी को देखकर व्यापारियों ने जयपुर में सरसों के भाव में सीधे 125 रुपये की तेजी कर दी और भाव 6700 रुपये पर खोले। सबसे ज्यादा तेजी भरतपुर की मंडी में देखने को मिली, और यहां पर बाजार पिछले 4 दिन में 6171 से उठकर सीधा 6450 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। दिल्ली और च.दादरी में भी बाजार तेज हुआ और भाव 50 रुपये बढ़कर क्रमशः 6525 और 6500 के हो गए। अन्य मुख्य केंद्रों के भाव को देखें तो अलवर मंडी सरसों भाव ₹ 6450, बरवाला मंडी सरसों भाव ₹ 5900, हिसार मंडी सरसों भाव ₹ 6000, गोयल कोटा मंडी सरसों भाव ₹ 6500, मुरैना मंडी सरसों भाव ₹ 6150, ग्वालियर मंडी सरसों भाव ₹ 6300, खैरथल मंडी सरसों भाव ₹ 6400, टोंक मंडी सरसों भाव ₹ 6280, निवाई मंडी सरसों भाव ₹ 6300 और सिवानी मंडी में सरसों का भाव ₹ 6250 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा। गुरुवार को सरसों की आवक घटकर 2.75 लाख बोरी की हुई।
प्लांटों पर तूफानी तेजी दर्ज
गुरुवार को ब्रांडेड तेल मिलों पर सरसों और सोयाबीन के भाव में तूफानी तेजी दर्ज की गई। सबसे ज्यादा तेजी गोयल कोटा प्लांट पर दर्ज हुई, जहां पर एक ही दिन में सरसों के भाव ₹200 तेज होकर 6600 प्रति क्विंटल हो गए। इसी तरह से सलोनी प्लांट पर भी सरसों का बाजार तेज हुआ और अंतिम भाव 7425 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। सलोनी प्लांट पर पिछला रेट 7350 का था। अन्य प्लांट की बात करें तो वंश सीतापुर प्लांट पर सरसों का रेट ₹50 तेज होकर 6550 का हो गया। अदानी अलवर और बूंदी प्लांट पर सरसों के रेट क्रमशः 6800 और 6825 के रहे। सोयाबीन के रेट की बात करें तो कीर्ति प्लांट पर सोयाबीन का रेट सीधा ₹200 उछलकर 4900 को पार कर गया।
हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों में भी तेजी दर्ज हुई है। मुख्य मंडियों के भाव को देखें तो सिरसा मंडी में सरसों का भाव ₹ 5961, देवली मंडी सरसों भाव ₹ 5000-6350, सरसों 42% भाव ₹ 6300, सूरतगढ़ मंडी सरसों भाव ₹ 5330-5722, ऐलनाबाद मंडी सरसों भाव ₹ 5650-5925, आदमपुर मंडी सरसों भाव ₹ 5894, संगरिया मंडी सरसों भाव ₹ 5265-5778, सिवानी मंडी सरसों भाव ₹ 6100, नोहर मंडी सरसों भाव ₹ 5601-5880, बीकानेर मंडी सरसों भाव ₹ 5300-5801, श्री विजयनगर मंडी सरसों भाव ₹ 5847, जैतसर मंडी सरसों भाव ₹ 5592-5877 और पदमपुर मंडी में सरसों का भाव ₹ 5800-6000 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
विदेशी बाजारों में तेजी का बवंडर
मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल का उत्पादन घटने और निर्यात शुल्क दर को बढ़ाने की खबरों के कारण मलेशियाई पाम तेल वायदा MYR 4,700 प्रति टन से ऊपर के स्तर को छूने में कामयाब रहा। बाजार लगातार चौथे सत्र में तेजी की ओर बढ़ रहा है। चीन के डालियान और अमरीका के CBoT बाजारों में भी खाद्य तेलों में बढ़त के कारण चौतरफा तेजी दिख रही है। मलेशिया में पाम तेल का भाव दो साल में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। पिछले सप्ताह, मलेशिया ने घोषणा की कि वह 1 नवंबर से MYR 4,050 प्रति टन से अधिक मूल्य वाले कच्चे पाम तेल पर अधिकतम निर्यात शुल्क दर को 10% तक बढ़ाएगा। इसी बीच, इंडोनेशिया ने 2025 से 40% अनिवार्य बायोडीजल मिश्रण (B40) को लागू करने की अपनी योजना की पुष्टि की है और भविष्य में B50 को लागू करने की दिशा में भी काम कर रहा है। ये सारी खबरें खाद्य तेलों में आयी तेजी के लिए उत्तरदायी हैं।
ताजा बाजार भाव को देखें तो केवल गुरुवार को ही मलेशिया में पाम तेल में 2 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई। जनवरी पाम तेल वायदा अनुबंध 116 रिंगिट यानी 2.59% की तेजी के साथ भाव 4,602 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए। अमेरिकी बाजार शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल वायदा में 2.21% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। चीन के डालियान कमोडिटी एक्सचेंज पर सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध में 0.71% की तेजी आई, जबकि इसके पाम तेल वायदा अनुबंध में 1.55% की तेजी दर्ज की गई।
तेल और खल में तेजी
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर के भाव गुरुवार को भी तेज हुए। कच्ची घानी सरसों तेल का भाव 19 रुपये तेज होकर 1365 रुपये प्रति 10 किलो हो गया, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 19 रुपये बढ़कर 1355 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। खल में मामूली सुधार हुआ और जयपुर सरसों खल के भाव 5 रुपये बढ़कर 2455 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
आगे कैसा रहेगा बाजार
किसान साथियों, विदेशी बाजारों में पाम तेल का उत्पादन घटने की खबर को चलते हुए तीन-चार दिन का समय हो चुका है। इन चार दिनों में पाम तेल का भाव 10% तक तेज हो चुका है। कल की तेजी निर्यात शुल्क बढ़ाने की खबर के बाद आई थी। आज अगर पाम तेल की तेजी पर ब्रेक लगता है, तो इसे पाम तेल का ऊपरी स्तर माना जाना चाहिए। रही बात घरेलू बाजार की तो अभी भी बाजार डर-डर कर आगे बढ़ रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब विदेशी बाजारों में पाम तेल 10% तक तेज हुए हैं, तो भारतीय बाजार में बाजार केवल 5% ही बढ़े हैं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि सरसों में बहुत बड़ी मंदी आएगी, लेकिन यह आवश्यक कह रहे हैं कि सरसों में यहां से आगे नया टॉप भाव मिलना मुश्किल है। पिछले दिनों सरसों में आया 7125 का भाव ही जयपुर में टॉप भाव रह सकता है। इस समय भाव ठीक-ठाक चल रहे हैं और जिन साथियों को सरसों बेचे हैं वह इस तेजी का फायदा उठाकर माल को निकाल सकते हैं। मंडी भाव टुडे को पास विदेशी बाजारों की खबरों के लिए अन्य स्रोतो पर निर्भर रहना पड़ता है इसलिए विदेशी बाजारों की तेजी मंदी का अनुमान उतना सटीक नहीं लग पाता। इसलिए हमारे दर्शकों से निवेदन है कि आप विदेशी बाजारों की मॉनिटर करते रहें और जब तक बाजार में तेजी का माहौल बना हुआ है तब तक माल को होल्ड कर सकते हैं जैसे ही बाजार नीचे की तरफ मुड़ने लगे तुरंत अपना माल निकाल दें। लंबे समय में कोई बड़ी तेजी नहीं दिख रही अगर पिछले वाले भाव लौट आए तो इससे संतोष कर लेना चाहिए। व्यापार अपने विवेक से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।