इस सीजन में 1121 और 1718 में और तेजी आने के कितने चान्स | देखें आज की धान की तेजी मंदी रिपोर्ट में
क्या इस बार मंडियों में 1121 और 1718 धान पहले लेकर जाना सही रहेगा
बासमती के नये धान 1509 प्रजाति की आवक चल रही है तथा अक्टूबर में अन्य सभी प्रजातियों की आवक भी शुरू हो जाएगी। जैसा कि आप सबको पता है कि बासमती के निर्यात पर फ्लोर प्राइस की लिमिट लगा रखी है जो कि 15 अक्तूबर तक जारी रहेगी। अब सवाल यह उठता है कि इस स्थिति में अभी ठहर कर व्यापार करना लाभदायक रहेगा या नहीं । जानकारों के मुताबिक धान के लिए राज्यवार इस बार मौसम में प्रतिकूलता बनी रही है । गौरतलब है कि पिछले साल बासमती के ऊंचे भाव होने से उत्तर भारत के सभी राज्यों में बासमती प्रजाति के विभिन्न तरह के धान की रोपाई अधिक हुई थी । बाजार के कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि ज्यादा बुवाई की वजह से बासमती का उत्पादन बढ़ सकता है। जिसके फलसवरूप आगे चलकर बासमती के भाव मे गिरावट देखने को मिल सकती है। जेआरपीएल राइस लैंड प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर भूपेंद्र कुमार जैन का कहना है कि डोमेस्टिक मार्केट में चावल का व्यापार पिछले कई महीनो से अनुकूल नहीं रहा है। दूसरी ओर सरकार ने निर्यात पर तरह-तरह के कंडीसन घरेलू महंगाई को रोकने के लिए लगा दिये गए हैं । WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
इसलिए धान और चावल मे व्यापार काफी संभल कर ही करना चाहिए। चालू महीने में धान 1509 की आवक हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मंडियों में 6-7 लाख बोरी प्रति दिन के हिसाब से हो रही है। पुराने बासमती सेला व स्टीम चावल का स्टॉक काफी दिन पहले ही निबट जाने से राइस मिलें ऊंचे भाव में माल बेचना चाह रही हैं। वर्तमान में नमी वाला धान आने से स्टीम चावल ज्यादा बन रहा है। राइस मिलों तथा बाजारों में सेला चावल की उपलब्धि स्टीम के मुक़ाबले कम है। पुरानी कच्ची (RAW) बासमती चावल भी बहुत कम बची है। सीजन को आते देख माल की उपलब्धि बढ़ेगी और बाजार में गिरावट धीरे-धीरे आएगी । पिछले महीने मे हैफेड का पुराना धान काफी ऊंचा 5300+ बिका था। महंगे धान होने के कारण 1121 एवं 1718 चावल की मिलिंग पड़ता ऊंची पड़ रही है । अभी कुछ निर्यातकों के माल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जाने हैं, इसलिए माल की कुछ दिन ही और कमी रहेगी। वहीं डॉमेस्टिक मार्केट में ग्राहकी की भारी कमी को देखकर इन बढ़े भाव में माल भी बेचते रहना चाहिए। सरकार द्वारा पिछले दिनों 1200 डॉलर प्रति टन पर निर्यात में कंडीशन लगाने के बाद से ही 1509 धान की बढ़ती तेजी को विराम लग गया है तथा जो निर्यातकों के पहले के सौदे हुए हैं, वही शिपमेंट हो रहे हैं। हम मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन की वजह से कुछ क्षेत्रों में क्वालिटी का अंतर रहेगा । कुछ क्षेत्रों जैसे हिमाचल प्रदेश और पंजाब में सीजन की शुरुआत मे लगातार बरसात होने से दोबारा रोपाई हुई है। बाद वाली फसल को भी प्रत्यक्षदर्शी और बढ़िया बता रहे हैं, जिससे बासमती प्रजाति के सभी धान का उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों ही बढ़कर आने का अनुमान है।
एक अन्य फर्म मनोहर रमेश एग्रो फूड के प्रोपराइटर रमेश जैन ने बताया कि शरबती धान की बिजाई गदरपुर, बिलासपुर, रुद्रपुर पीलीभीत, शाहजहांपुर, काशीपुर, टांडा आदि क्षेत्रों में बढ़िया बताई जा रही है । इधर बहजोई, जहांगीराबाद, बरेली रुद्रपुर लाइन में 1509 एवं 1121 के साथ - साथ 1718 धान की बिजाई अच्छी होने की खबर मिल रही है तथा पछेती बरसात से धान की फसल को व्यापक लाभ मिला है। हम मानते हैं कि कुछ क्षेत्रों में पिछले तीन दिन पहले जो बरसात हुई है, वहां अधिक पानी के चलते नुकसान हुआ है, लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में बिजाई अधिक होने के साथ-साथ समय से बरसात मिलने से तराई वाले क्षेत्रों में उत्पादन बढ़िया आने की खबर मिल रही है। दूसरी ओर 1509 की बिजाई हरियाणा पंजाब में जबरदस्त हुई है, कुछ क्षेत्र में 40 से 42 प्रतिशत तक बिजाई अधिक होने की खबरें आ रही है तथा बारीक धान की बिजाई इस बार मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भी अधिक बता रहे हैं, लेकिन राजस्थान में सूखा पड़ने से फसल को भारी नुकसान है, इन परिस्थितियों को देखते हुए जो 1509 का सेला यहां 6700/6800 रुपए नया बिक रहा है, इसमें व्यापार बड़ा संभलकर करना चाहिए । बासमती प्रजाति के 1718 एवं 1121 धान की आवक अगले महीने होगी तथा फसल बढ़िया है, इसलिए पुराने चावल में अब बहुत बड़ी तेजी की गुंजाइश नहीं लग रही है । हालांकि विदेशों में चावल के ऊंचे भाव निर्यातक बता रहे हैं तथा काफी माल अभी शिपमेंट भी होना बाकी है, लेकिन पिछले दिनों का निर्यातकों पर कंडीशन लगा है, उससे वर्तमान में उनकी खरीद भी काफी कम हो गई है, इन सारी परिस्थितियों को , देखते हुए अभी ऊंचे भाव में फंसना जोखिम भरा हो सकता है । हम मानते हैं कि बहुत तेजी से बाजार टूटना अभी मुश्किल लग रहा है, लेकिन धीरे-धीरे बाजार आगे अक्टूबर- नवंबर के महीने में मंदा रहने कि संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता बाकी व्यापार अपने विवेक से करे।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।