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क्या आस्ट्रेलिया से गेहूं आयात करेगा भारत | जाने इस रिपोर्ट में

क्या आस्ट्रेलिया से गेहूं आयात करेगा भारत | जाने इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो ऑस्ट्रेलिया को उम्मीद है कि भारत सरकार जल्द ही गेहूं के आयात शुल्क में कटौती करेगी। भारत में गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और किसानों से खरीद मूल्य (MSP) से भी काफी अधिक चल रही हैं। मौसम की खराब स्थिति के कारण गेहूं का उत्पादन कम होने की संभावना है, जिससे घरेलू मांग पूरी करने के लिए भारत को आयात पर निर्भर रहना पड़ सकता है। ऐसे में, ऑस्ट्रेलिया भारत को गेहूं का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनने की उम्मीद कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया के किसानों के लिए भारत में गेहूं निर्यात के नए अवसर खुल सकते हैं। इंडिया पल्स ब्रीफिंग में ऑस्ट्रेलिया के कृषि सलाहकार किरण कर्मिल ने इस बात का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कीमतों को कम करने के प्रयास कर रही है और इस साल के मध्य तक शुल्क में कटौती की उम्मीद है। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया की सरकारी अनाज खरीद एजेंसी ऑस्ट्रेड की दक्षिण एशिया प्रमुख मोनिका कैनेडी ने बताया कि दोनों देश मुक्त व्यापार के लिए एक व्यापक आर्थिक समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जो द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

उत्पादन में आ सकती है गिरावट
कृषि मंत्रालय ने देश में गेहूं का उत्पादन 1150 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कुछ अनुमानों के मुताबिक, यह आंकड़ा 1164 लाख मीट्रिक टन तक भी पहुंच सकता है। लेकिन, मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी में कम बारिश होने की संभावना है, जिससे गेहूं की फसल प्रभावित हो सकती है। पिछले कुछ महीनों में देश के कई हिस्सों में बारिश की कमी रही है। इस कारण, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि गेहूं का उत्पादन अनुमानित आंकड़े से कम रह सकता है।

सरकार के पास कितना है गेहूं का स्टॉक
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास 1 फरवरी तक गेहूं का स्टॉक 160.17 लाख मीट्रिक टन था, जो पिछले साल की तुलना में 22% अधिक है। हालांकि, व्यापारियों का मानना है कि एफसीआई द्वारा हर सप्ताह 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में बेचे जाने के कारण 1 अप्रैल तक यह स्टॉक घटकर काफी नीचे आ सकता है। यह चिंताजनक है क्योंकि 1 अप्रैल से ही नए गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होनी है। दूसरी ओर, कृषि उत्पाद विपणन समितियों में गेहूं का औसत मूल्य वर्तमान में 2879 रुपये प्रति क्विंटल है और कुछ मंडियों में यह 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है दिल्ली मंडी की बात करे तो भाव 3300 तक पहुंच गया है । यह स्थिति गेहूं की कीमतों में उतार-चढ़ाव की ओर इशारा करती है और किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है। अगर आप चाहते है की आपको समय पर पता चलता रहे की गेहूं का भाव डाउन हो रहा है या तेज होने वाला है तो आप हमारी प्रीमियम सर्विस ले सकते है वो भी केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक सर्विस लेने के लिए 9518288171 पर मसेज या कॉल करे |

ऑस्ट्रेलिया के किसानों को मिल सकता है लाभ
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई व्यापार और निवेश आयोग के मुंबई स्थित वरिष्ठ व्यापार और निवेश आयुक्त, जॉन साउथवेल ने बताया कि भारत में ऑस्ट्रेलियाई गेहूं उत्पादकों के लिए बड़े अवसर हैं। भारत को घरेलू खपत, बुवाई, चारे और औद्योगिक उपयोग के लिए बड़ी मात्रा में गेहूं की आवश्यकता होती है। भारत में गेहूं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए देश गेहूं के आयात पर 44 प्रतिशत का शुल्क लगाता है। यह रिपोर्ट ऑस्ट्रेलियाई गेहूं उत्पादकों के लिए एक बड़ा अवसर दर्शाती है, क्योंकि भारत में गेहूं की मांग लगातार बढ़ रही है। हालांकि, भारत द्वारा गेहूं के आयात पर लगाया गया उच्च शुल्क ऑस्ट्रेलियाई उत्पादकों के लिए एक चुनौती भी हो सकता है। लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी गेहूं के आयात तो लेकर नहीं मिली है

ऑस्ट्रेलिया और भारत हो सकता है समझौता
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। ऑस्ट्रेड की दक्षिण एशिया प्रमुख मोनिका कैनेडी ने बताया कि दोनों देश एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) पर बातचीत कर रहे हैं। यह समझौता मौजूदा अस्थायी आर्थिक सहयोग व्यापार समझौते (ECTA) का विस्तार होगा। कैनेडी ने उम्मीद जताई है कि भारत सरकार से FTA के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी।

मिलिंग के लिए गेहूं आयात की कितनी संभावनाएं है
ग्रेन्स ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ प्रबंधक पीटर ब्रुगेट ने बताया है कि ऑस्ट्रेलिया भारत में कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। विशेष रूप से, उन्होंने कहा कि भारत में उगाए जाने वाले गेहूं की मिलिंग की गुणवत्ता ऑस्ट्रेलियाई गेहूं के बराबर नहीं है, जिससे ऑस्ट्रेलियाई गेहूं के लिए भारतीय बाजार में एक बड़ा अवसर है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया पहले से ही भारत को जौ का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और इस क्षेत्र में और अधिक वृद्धि की संभावना है। कैनबरा सरकार गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि ऑस्ट्रेलियाई कृषि उत्पादों को भारत में आसानी से पहुंचने में मदद मिल सके। बाकी व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।