कपास के बाजार से क्या आ रही है अपडेट | जाने कपास की तेजी मंदी रिपोर्ट में
महाराष्ट्र की राजनीति इस समय किसानों के मुद्दों पर काफी गरम है। जैसे-जैसे 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कांग्रेस पार्टी ने किसान कल्याण के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने हाल ही में एक पत्र लिखकर केंद्र सरकार से कपास के आयात पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है। उनका मानना है कि इससे महाराष्ट्र के लाखों कपास किसानों को राहत मिलेगी, जो वर्तमान में कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
कपास की खेती महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है, और यहाँ के किसान इसके जरिए अपनी जीविका चलाते हैं। लेकिन, इस साल कपास की कीमतों में आई कमी और विदेशी आयात की संभावनाओं ने किसानों की स्थिति को और भी खराब कर दिया है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम देखेंगे कि नाना पटोले की मांगें क्या हैं और ये किस तरह से किसानों की मदद कर सकती हैं।
कपास के आयात पर प्रतिबंध की मांग
नाना पटोले ने कपास के आयात पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हुए केंद्र सरकार को यह याद दिलाया है कि महाराष्ट्र कपास उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है। यहाँ पर 40 लाख से ज्यादा किसान कपास की खेती करते हैं, उन्होंने कहा कि बावजूद इसके, हाल के समय में 22 लाख गांठ कपास का आयात होने की खबरें आ रही हैं। इससे न केवल स्थानीय बाजार में कपास की कीमतें गिरने की संभावना है, बल्कि यह किसानों के लिए एक बड़ा खतरा भी है।
अगर हम बात करें कीमतों की, तो वर्तमान में कपास का भाव ₹ 6500 से ₹ 6600 प्रति क्विंटल के बीच है, जो कि ₹ 7122 के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से काफी कम है। इसका मतलब है कि किसान अपनी फसल को सही दाम पर नहीं बेच पा रहे हैं। इसी वजह से पटोले ने केंद्र से मांग की है कि कपास की खरीद MSP पर की जाए, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा मिल सके।
पटोले ने यह भी कहा कि यदि आयात जारी रहा, तो यह भारतीय कपास बाजार को नुकसान पहुँचाएगा। कपास का जो स्टॉक भारतीय कपास निगम (CCI) के पास है, वह पहले से ही किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है। यदि आयात बढ़ता है, तो यह स्थिति और खराब हो जाएगी, और केवल व्यापारी ही लाभान्वित होंगे, जबकि किसान मुश्किल में पड़ जाएंगे।
कपास का समर्थन मूल्य
कांग्रेस नेता ने मांग की है कि कपास की खरीद ₹ 7122 के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाए। लेकिन वर्तमान में बाजार में चल रही कीमतें इससे बहुत कम हैं। इस वक्त कपास की कीमतें ₹ 6500 से ₹ 6600 प्रति क्विंटल के बीच हैं, जो कि MSP से काफी कम है। इस स्थिति के कारण, किसान जब अपनी फसल को बाजार में लाते हैं और उन्हें अपेक्षित कीमत नहीं मिलती, तो यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति तो प्रभावित होती ही है, बल्कि उनके मनोबल को भी गिराता है। ऐसे में, यदि सरकार किसानों के लिए एक निश्चित न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धरित करती है,तो यह उन्हें मजबूत बनाएगी|
भारतीय कपास निगम का स्टॉक
पटोले ने बताया कि भारतीय कपास निगम (CCI) के पास कपास का एक बड़ा स्टॉक है। उनका कहना है कि जब देश में पहले से ही इतना बड़ा स्टॉक उपलब्ध है, तब कपास का आयात करने से कपास बाजार ध्वस्त हो जाएगा। तो कपास का आयात करना किसी भी तरह से उचित नहीं है। इससे यह साबित होता है कि भारत में कपास की कोई कमी नहीं है, बल्कि फिर भी आयात की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
कपास का यह स्टॉक किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में काम कर सकता है। यदि किसानों को पता होगा कि उनके पास कपास का पर्याप्त स्टॉक है, तो वे बाजार में कम कीमतों के कारण अपनी फसल बेचने में घबराएंगे नहीं। इसके अलावा, यह बाजार में कपास की कीमतों को भी स्थिर बनाए रखेगा | इसलिए, पटोले का यह कहना बिल्कुल सही है कि जब देश में पहले से ही इतना बड़ा स्टॉक मौजूद है, तब कपास का आयात करना किसानों के लिए हानिकर हो सकता है।
किसानों की समस्याएं
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में कपास किसान पहले से ही कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे कि कम कीमतें, कृषि उपकरणों पर 12 से 18% गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST), और बे मौसम बारिश के कारण कृषि कार्य में बाधा। उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम ने इस वर्ष 19 लाख हेक्टेयर कपास की फसल को नुकसान पहुँचाया है।
मुआवजे की कमी
पटोले ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित मुआवजे की राशि को केवल कागजों तक ही सीमित बताते हुए कहा कि वास्तविकता में किसानों को कोई ठोस मदद नहीं मिल रही है। उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के बजाय बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाती है, जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई हैं।
मंडियों मे आज के नरमा कपास के भाव
आज ऐलनाबाद मंडी में नरमा का भाव ₹7550 से ₹7801, सिरसा मंडी में नरमा का भाव ₹7550 से ₹7881 और कपास का भाव ₹8000 से ₹8160, आदमपुर मंडी में नरमा का भाव ₹7600 से ₹7891, और बरवाला मंडी में नरमा का भाव ₹7550 से ₹7881 के बीच रहा।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।