चने के किसान और व्यापारी क्या करें | जाने चने की सटीक तेजी मंदी रिपोर्ट में
पिछले सप्ताह चना और काबुली चना दोनों में हल्की से मध्यम मजबूती का रुख देखने को मिला। काबुली चना (कंटेनर) की शुरुआत इंदौर मंडी में सोमवार को ₹11,600 प्रति क्विंटल पर हुई थी और सप्ताहांत शनिवार को भाव बढ़कर ₹11,900 प्रति क्विंटल पर बंद हुए। यानी पूरे सप्ताह में काबुली चना में कुल ₹300 की मजबूती दर्ज की गई, जिसमें मुख्य भूमिका कमजोर आवक और सीमित बिकवाली ने निभाई। मध्यप्रदेश में काबुली चना की आवक घटने के पीछे उत्पादन में कमजोरी और किसानों द्वारा निचले भाव पर बिकवाली से परहेज़ को कारण बताया गया है।
हालांकि, काबुली चना के ऊपरी भाव पर स्टॉकिस्टों और निर्यातकों की खरीदी सुस्त रही। अमेरिका के वैश्विक ट्रेड वॉर और डॉलर में भारी उतार-चढ़ाव के कारण विदेशों से मांग कमजोर बनी हुई है। इंदौर के निर्यातकों का कहना है कि फिलहाल निर्यात के मोर्चे पर अनिश्चितता का माहौल है।
नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9729757540 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
आउटलुक की बात करें तो, मंडी मार्केट मीडिया का मानना है कि शॉर्ट टर्म में कुछ दबाव बना रह सकता है, लेकिन जब तक 42-44 काउंट काबुली ₹11,000 के सपोर्ट से ऊपर ट्रेड करता है, तब तक बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। दूसरी ओर, अगर ₹12,000 का रेजिस्टेंस टूटता है, तो तेजी की गति और तेज हो सकती है। इसलिए व्यापारी भाइयों को सलाह है कि 1-2 सप्ताह तक बाजार की स्थिति देखकर ही खरीदी-बिक्री का निर्णय लें।
वहीं देसी चना की बात करें तो, पिछले सप्ताह दिल्ली मंडी में नया राजस्थान लाइन चना ₹5775/5800 पर खुला और ₹5800/5825 पर बंद हुआ, जिससे सप्ताह भर में ₹25 की मजबूती दर्ज की गई। चना में मिलर्स की जरूरत के अनुसार सीमित खरीदी जारी है, जबकि दाल-बेसन की मांग थोड़ी नीरस बनी हुई है। हालांकि, चना में बिकवाली बेहद कमजोर है और जैसे ही भाव थोड़ा नीचे आते हैं, बिक्री गायब हो जाती है।
आवक को लेकर व्यापारियों का मानना है कि पीक सीजन निकल चुका है और आने वाले समय में कई राज्यों में धीरे-धीरे आवक में गिरावट आएगी, जिससे लंबी अवधि में भावों को सपोर्ट मिल सकता है।
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चना की मजबूती के पीछे मुख्य कारण हैं:
1. स्टॉकिस्टों की जोरदार खरीदी
2. सरकार के बफर स्टॉक में रिकॉर्ड गिरावट
3. MSP से ऊपर चल रहे भाव
4. चना पर 10% आयात शुल्क
5. ऑस्ट्रेलिया और तंज़ानिया में उत्पादन का कमजोर अनुमान
6. विदेशों से मटर आयात भी सुस्त
साथियो गौर करने वाली बात यह है कि यदि चना में अत्यधिक तेजी आती है तो सरकार के पास नीति आधारित हस्तक्षेप के विकल्प मौजूद हैं, और मटर को विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है।
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चने में क्या करें ?
यदि आपके पास चना का स्टॉक है तो दिल्ली चना (राजस्थान लाइन) ₹5700 का सपोर्ट लेवल है, उस पर नजर रखें। यदि ताजा खरीदी करनी है तो सप्ताह के अंत तक बाजार की दिशा देखकर निर्णय लेना बेहतर रहेगा। वहीं ₹5950 का रेजिस्टेंस अगर टूटता है, तो भावों में और मजबूती आ सकती है। व्यापार अपने विवेक से करें
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।