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चने को लेकर विदेशी बाजारों से क्या मिल रही है रिपोर्ट | जाने क्या कहते हैं आंकड़े

चने को लेकर विदेशी बाजारों से क्या मिल रही है रिपोर्ट | जाने क्या कहते हैं आंकड़े
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किसान साथियों और व्यापारी भाइयों पिछले 40 दिन से चने के बाजार में कोई खास हलचल देखने को नहीं मिल रही। 1 मार्च 2025 को राजस्थान लाइन का चना 5925 प्रति क्विंटल बिक रहा था जो कि आज 10 अप्रैल को 5850 के आस पास चल रहा है। ऑस्ट्रेलिया जो कि दुनिया का सबसे बड़ा चना निर्यातक है वहाँ से चना निर्यात के आंकड़े जारी किए गए हैं। आंकड़ों के विशलेषण से क्या रूझान निकल रहा है हम आज की रिपोर्ट में इसकी चर्चा करेंगे।

साथियो ऑस्ट्रेलिया से चने के निर्यात में फरवरी 2025 में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आँकड़ों के अनुसार, फरवरी में कुल 2,98,792 मीट्रिक टन चना निर्यात हुआ, जो जनवरी 2025 में हुए 5,76,907 मीट्रिक टन निर्यात की तुलना में करीब 48% कम है। दिसंबर में यह निर्यात 7,19,042 मीट्रिक टन था। यानी दिसंबर से लेकर फरवरी तक ऑस्ट्रेलिया से चने के निर्यात में लगातार गिरावट हुई है। पूरे विपणन वर्ष 2024-25 (अक्टूबर से फरवरी) के दौरान कुल निर्यात 20.09 लाख टन तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 867% अधिक है। कहा जा सकता है कि शुरुआती महीनों में बड़ी मात्रा में निर्यात होने के बाद अब निर्यात की रफ्तार धीमी पड़ रही है।  अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें।

आंकड़ों को देखा जाए तो फरवरी में भारत सबसे बड़ा खरीदार रहा, जिसने 2,35,264 मीट्रिक टन चना आयात किया। इसके बाद पाकिस्तान (37,817 MT) और बांग्लादेश (14,344 MT) प्रमुख बाजार रहे। भारत में चने की नई फसल की आवक मार्च से मंडियों में शुरू हो गई है, और अप्रैल में यह चरम पर होगी। देश में इस बार चने की बुवाई का रकबा अच्छा रहा है, लेकिन उत्पादन औसत से कम आंका जा रहा है। वहीं किसानों के पास अच्छा स्टॉक मौजूद है, जिससे मंडियों में निरंतर आवक बनी हुई है।

सरकार द्वारा चना आयात पर 10% बेसिक ड्यूटी लगाने के फैसले के कारण भी चने का आयात सीमित हो गया है। पहले जब भारत में विदेशी चना ज्यादा मात्रा में आ रहा था, तब भाव ₹5350 तक पिट गए थे, लेकिन अब आयात घटने और डोमेस्टिक सप्लाई पर निर्भरता बढ़ने से बाजार में सुधार दिख रहा है। इस समय देश की प्रमुख मंडियों में देसी चना ₹5500 से ₹6000 प्रति क्विंटल के दायरे में व्यापार कर रहा है। स्टॉकिस्टों की सक्रियता, मजबूत डिमांड, और विदेशी सप्लाई घटने जैसे कारकों ने चना बाजार को सपोर्ट दिया है। अप्रैल में जैसे-जैसे आवक में गिरावट आएगी और डिमांड बनी रहेगी, वैसे-वैसे चने के भाव में स्थिरता या हल्की तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि मौजूदा स्टॉक के दबाव और थ्रेशिंग की प्रगति को देखते हुए किसी बड़ी तेजी की संभावना फिलहाल सीमित है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।