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जीरा के भाव में तेजी की कितनी संभावना है | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

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किसान साथियो चीन के बाद अब तुर्की और सीरिया में भी जीरे की नई फसल की शुरुआत की सूचनाएं मिलने लगी हैं। हालांकि, तुर्की के जीरे की कीमत अपेक्षाकृत ऊंची होने के संकेत मिल रहे हैं। इसके बावजूद यहां लिवाली कमजोर बनी हुई है, जिससे जीरे में मंदी का रुख जारी है। आगामी दिनों में जीरे में तेजी के आसार नहीं दिख रहे हैं। चीन के बाद अब तुर्की और सीरिया में भी जीरे की नई फसल की शुरुआत हो चुकी है। नई फसल के बावजूद, चीन द्वारा जून महीने के अंत में 100 कंटेनर्स की खरीद के बाद से घरेलू बाजारों में जीरे में सुस्ती का माहौल बना हुआ है। आमतौर पर तुर्की के जीरे की कीमत चीन से ऊंची होती है, लेकिन इस बार फसल के चालू होने के बावजूद, चीन द्वारा भारत से जीरे की खरीद करने से ऐसा लग रहा है कि वहां कीमत सामान्य से ऊंची होगी।

जीरे की आवक में आई कमी
किसानों की बिक्री सीमित होने से ऊंझा में इन दिनों जीरे की आवक में भी कमी आ गई है। वहां जीरे की कीमत हाल ही में 200-275 रुपए प्रति 20 किलोग्राम के बीच गिरकर फिलहाल 5400-5450 रुपए तक पहुँच गई है। इससे पहले इसमें 15-20 रुपए की कमी आई थी। चीन के बाद अब तुर्की और सीरिया में भी जीरे की नई फसल की शुरुआत हो चुकी है। आमतौर पर तुलनात्मक रूप से तुर्की में जीरे की कीमत चीन से अधिक होती है। नए जीरे की फसल के चालू होने के बावजूद, चीन द्वारा भारत से इसकी खरीद करने से ऐसा लगता है कि इस बार चीन में भी जीरे की कीमत में वृद्धि हो सकती है।

जीरा में तेजी बन सकती है या नहीं
यहां स्थानीय थोक किराना बाजार में जीरा की बिक्री में गिरावट आ गई है, जिसके कारण हाल ही में इसकी कीमत 2300-2500 रुपए प्रति 20 किलोग्राम के बीच गिरकर फिलहाल 28,000-28,500 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है। इससे पहले इसमें 1000-1200 रुपए की कमी आई थी। भारत के अलावा विश्व में तुर्की और सीरिया को जीरे के प्रमुख उत्पादक देश के रूप में माना जाता है। अब अफगानिस्तान और ईरान भी इस क्षेत्र में चुनौती पेश कर रहे हैं। आमतौर पर तुर्की और सीरिया में संयुक्त रूप से लगभग 35 हजार टन जीरे का उत्पादन होता है और इनकी क्वालिटी भारतीय जीरे की तुलना में हल्की होती है। वित्त वर्ष 2024-25 के आरंभिक महीने में, यानी अप्रैल 2024 में देश से 39,182.42 टन जीरे का निर्यात हुआ और इसकी कीमत 1002.80 करोड़ रुपए थी। एक वर्ष पहले के इसी महीने में 17,084.88 टन जीरे का निर्यात हुआ था और इससे 511.30 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इससे पता चलता है कि जीरे के निर्यात में मात्रा में 129 प्रतिशत और आय में 96 प्रतिशत की वृद्धि आई है। आगामी दिनों में जीरे में तेजी के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।