सरसों के बाजार में क्या है माहौल देखें रिपोर्ट |
सरसों, सोया और खाद्य तेलों में स्थिरता, विदेशी बाजार कमजोर
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों अगर सरसों के बाजार की समीक्षा करें तो आज जयपुर मंडी में सरसों मामूली कमजोर रही और उठापटक के बाद अंत में भाव ₹6250 प्रति क्विंटल पर बंद हुए । सरसों तेल, खल और अन्य खाद्य तेलों में ₹5 से ₹20 तक की नरमी देखी गई। मलेशिया में पाम तेल और शिकागो में सोया ऑयल के कमजोर रहने से घरेलू बाजार पर दबाव आया और यहाँ भी हल्की गिरावट दर्ज की गई। साथियों आपकी जानकारी के लिए बता दे कि आज दिल्ली में सरसों एक्सपेलर तेल 1270 रुपए पर बंद हुआ है और यह पूरे अप्रैल महीने का सबसे निचला स्तर है। अगर बात भरतपुर की करें तो यहां पर भी सरसों तेल कच्ची घानी अपने ऊपरी रेट 1340 से घटकर अब ₹1290 रह गया है। व्यापारियों कहना है कि एक तरफ तो पाम तेल की घटते भाव ने सरसों के बाजार पर दबाव डाला है दूसरी तरफ सरसों की आवक में हल्का-फुल्का सुधार हुआ है जिससे भाव पर दबाव आया है। आने वाले समय में त्योहारों का सीजन और शादी विवाह का सीजन शुरू हो रहा है जिससे थोड़ा बहुत बाजार सुधर सकता है लेकिन निकट भविष्य में कोई बड़ी तेजी नहीं है। सरसों के भाव 50-100 की तेजी मंदी में घूमते दिख सकते हैं
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क्या सोयाबीन को बेच देना चाहिए
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों सोयाबीन के बाजार अब अपने उपरी स्तरों से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक टूट चुके हैं। गुजरात और अन्य मंडियों में सोयाबीन की आवक पहले जैसी बनी हुई है लेकिन प्लांट्स खरीद सीमित मात्रा में कर रहे हैं। आज नाफेड की बिकवाली घटने से सोयाबीन में आज कमजोरी नहीं दिखी । नाफेड ने 11250 टन सोयाबीन की बिकवाली की। मुख्य बात यह रही कि एमपी और महाराष्ट्र में नीचे भाव में बिड को पास नहीं किया गया। फ़िलहाल सोयमील की मांग घटी है और इसी को देखते हुए क्रशिंग डिमांड कमजोर हुई है। अब महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट भाव हमारे द्वारा बताए गए सपोर्ट 4500 के ऊपर टिका हुआ है। बाजार के संतुलन के हिसाब से यह स्तर टूटना नहीं चाहिए। अब यह सरकार पर भी निर्भर करेगा कि वह कितने नीचे के भाव में सोयाबीन बेचती है। विदेशी बाजारों को देखें तो साउथ अमेरिका में सोयमील की पर्याप्त सप्लाई मिल रही है और वहां के सस्ते भाव को देखते हए भारतीय सोयमील की डिमांड में कोई बड़े उठाव की उम्मीद नहीं है। घरेलू बाजार में सोयमील में तेजी के बिना सोयाबीन के भाव बढ़ने मुश्किल लगते हैं। बात नीचे के भाव की करें तो अब सोयाबीन की मंदी नाफेड की बिकवाली पर निर्भर है। अगर नाफेड ने भाव घटाकर बड़ी मात्रा में बिकवाली की तो ही सोयाबीन के भाव यहाँ से बड़ी गिरावट दिखाएगा और 4500 का स्तर तोड़ देगा। व्यापार अपने विवेक से करें। अगर सोयाबीन के किसान या व्यापारी है और आपको रियल टाइम में भाव के साथ तेजी मंदी की पूर्वानुमान रिपोर्ट की जरूरत रहती है तो आप मात्र ₹500 देकर 6 महीने तक या फिर ₹900 देकर 1 साल तक हमारी प्रीमियम सर्विस ले सकते हैं ।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।