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चने के बाजार में क्या है हवा तवा | कब रुकेगी चने में गिरावट | जाने चने की तेजी मंदी रिपोर्ट में

चने के बाजार में क्या है हवा तवा | कब रुकेगी चने में गिरावट | जाने चने की तेजी मंदी रिपोर्ट में
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किसान साथियो देशी चने का बाजार इन दिनों काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां ऑस्ट्रेलिया से काला चना आने से बाजार में मंदी का माहौल है, वहीं दूसरी ओर घरेलू स्तर पर बिजाई और खड़ी फसल की स्थिति को देखते हुए बाजार में तेजी की उम्मीद भी जताई जा रही है। हाल ही में हुई एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया से चने का आयात पिछले कुछ दिनों से काफी कम भाव में हो रहा था। इसके अलावा, लगातार कंटेनरों के उतरने से बाजार में मंदी का दबाव बढ़ गया था। हालांकि, वर्तमान में बंदरगाह पर उतरने वाले चने के भाव इससे नीचे नहीं आ रहे हैं। राजस्थानी चने के भाव में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कुछ दिन पहले जहां यह 6300 रुपए प्रति क्विंटल बोल रहा था, वहीं अब यह 6200 रुपए तक आ गया है। लेकिन दाल मिलों की ओर से थोड़ी सी पूछ परख बढ़ने के साथ ही बाजार में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया का चना भी 6100-6110 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिक रहा है। कुल मिलाकर, देशी चने का बाजार अभी भी अनिश्चितता का सामना कर रहा है। आने वाले समय में बाजार में किस दिशा में बदलाव आएगा, यह देखना दिलचस्प होगा अगर आपको तेजी मंदी की जानकारी सही समय पर चाहिए तो आप हमारी प्रीमियम सर्विस ले सकते है जो केवक 500 रूपये में 6 महीने तक की है लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे ।

उत्पादन और घरेलू खपत में इतना बड़ा अन्तर
भारतीय चने के बाजार में फिलहाल कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में नई फसल आना शुरू हो गई है, लेकिन अभी यह माल स्थानीय बाजारों में ही बिक रहा है। मध्य प्रदेश का चना अगले महीने आने की उम्मीद है जबकि राजस्थान का चना मार्च के बाद ही आएगा। इन दोनों राज्यों में चने की बिजाई कम होने के कारण अनुमान है कि उत्पादन 80 लाख मीट्रिक टन से अधिक नहीं होगा। जबकि भारत की घरेलू खपत लगभग 130 लाख मीट्रिक टन है। पुराने स्टॉक की कमी और ऑस्ट्रेलिया से चने के आयात के कारण बाजार में कुछ गिरावट आई है। हालांकि, अब यह गिरावट रुकने की संभावना है और मध्य प्रदेश का चना आने के साथ ही बाजार में तेजी आ सकती है। बड़ी दाल मिलें सीधे ऑस्ट्रेलिया से चना खरीद रही हैं और उसे मिलिंग कर रही हैं जिससे मंडियों में देसी चने की खरीद कम हुई है। आगे दाल और बेसन की खपत बनी रहने की उम्मीद है, जिससे मंडियों में दबाव नहीं बनेगा और वर्तमान भाव व्यापारियों के लिए अनुकूल लग रहे हैं।

आगे चलकर चने पर बढ़ सकता है दबाव
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों मंडी भाव टुडे का मानना है की नई फसल के आने से पहले हाल फिलहाल के भाव अनुकूल लग रहे हैं। बाजार में डिमांड और सप्लाई संतुलित है। लेकिन नई फसल आने का डर बाजार में जल्दी ही दिखने लग जाएगा। ऐसे में बाजार तेज होगा ऐसा नहीं लगता। जैसे ही राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात जैसे राज्यों से नयी फसल की आवक शुरू होगी चने के भाव पर दबाव बना शुरू हो जाएगा । इसलिए 100-200 की तेजी का इंतजार ना करके, जिन साथियों के पास चने का स्टॉक पड़ा हुआ है वह धीरे-धीरे करके अपना माल निकाल सकते हैं अगर आपको तेजी मंदी की जानकारी सही समय पर चाहिए तो आप हमारी प्रीमियम सर्विस ले सकते है जो केवक 500 रूपये में 6 महीने तक की है लेने के लिए 9518288171 पर मैसेज या कॉल करे । व्यापार अपने विवेक से ही करें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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