जीरे के भाव को लेकर क्या कहते हैं जानकार | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसानों की बिकवाली सीमित ही बनी होने के कारण ऊंझा में जीरे की आवक तथा कीमत एक सीमित दायरे में ही घूम रही है। गुजरात में मानसून पहुंच चुका है और चीन में नई फसल भी शुरू हो चुकी है। आने वाले दिनों में तुर्की एवं सीरिया की नई फसल भी शुरू होने से बाजार पर दबाव और बढ़ सकता है। अतः आगामी दिनों में जीरा सीमित दायरे में ही घूमता रहने के आसार हैं। आप सुधि पाठकों को समय-समय पर जीरे की तेजी-मंदी के सम्बन्ध में नवीनतम जानकारियां मिलती रहती हैं और उन्हें इससे लाभ भी होता है। कीमत उम्मीद से नीची बनी होने के कारण किसानों ने अपनी जीरा फसल की बिक्री सीमित की हुई है। यही वजह है कि ऊंझा में इन दिनों जीरे की आवक और घटकर करीब 10-12 हजार बोरियों की ही रह गई है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करे
दूसरी ओर, मांग सुस्त बनी होने से वहां जीरे की कीमत भी हाल ही में 70-100 रुपए मंदा होकर 5625/5700 रुपए प्रति 20 किलोग्राम के दायरे में बनी होने की जानकारी मिली। गुजरात में मानसून पहुंच चुका है लेकिन अभी तक वहां वर्षा सामान्य से कमजोर बनी होने की सूचनाएं भी आने लगी हैं। दूसरी ओर, चीन की नई फसल शुरू हो चुकी है तथा चालू महीने के अंत या आगामी जुलाई महीने के आरंभ में तुर्की तथा सीरिया में जीरे की नई फसल शुरू होने के भी अनुमान व्यक्त किए जा रहे हैं। अभी तक प्राप्त सूचना पर यदि विश्वास किया जाए तो इन तीनों प्रमुख देशों में इस बार जीरे की फसल तुलनात्मक रूप से अच्छी आने के आसार हैं। बीते सीजन की अपेक्षा इस बार गुजरात में जीरे की बुआई दोगुनी से भी कुछ अधिक हुई थी।
इससे पूर्व इस बार जीरे की बिजाई करीब 25 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान व्यक्त किया था। इधर, स्थानीय थोक किराना बाजार में भी बिकवाली बनी होने से जीरा सामान्य हाल ही में 700-800 रुपए मंदा होकर फिलहाल 30,300/31,200 रुपए प्रति क्विंटल पर बना हुआ है। इससे पूर्व इसमें 700-800 रुपए की तेजी आई थी। भारत के अलावा विश्व में तुर्की और सीरिया को जीरे के अन्य उत्पादक देशों के रूप में जाना जाता है। तुर्की-सीरिया में भी जीरे की नई फसल शुरू होने का अनुमान है। अब अफगानिस्तान तथा ईरान भी चुनौती पेश करने लगे हैं।
आमतौर पर तुर्की एवं सीरिया में संयुक्त रूप से करीब 35 हजार टन जीरे का उत्पादन होता है और इनकी क्वालिटी भारतीय जीरे की तुलना में हल्की होती है। हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष 2023-24 में जीरे का कुल 1,65,269 टन का हुआ। इससे 5797.23 करोड़ रुपए की आय हुई। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में देश से 4193.593 करोड़ रुपए मूल्य के 1,86,509 टन जीरे का निर्यात हुआ था। आगामी दिनों में जीरा सीमित दायरे में बना रहने का अनुमान है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।