अगले 8 महीनो तक क्या रह सकते है गेहूं के भाव | जाने गेहूं का भाव बढ़ेगा या गिरे गा
किसान साथियो विश्व स्तर पर गेहूँ का सबसे अधिक उत्पादन रूस और यूक्रेन में होता है, लेकिन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के कारण गेहूँ उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसी कारण वैश्विक खाद्य संकट है। दोनों देशों के बीच युद्ध की शुरुआत में भारत से गेहूं का निर्यात किया जाता था, लेकिन बाद में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हाल ही में केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने का फैसला किया। इसके बावजूद गेहूं की औसत कीमत बढ़ी है.
फिलहाल क्या भाव चल रहे है
बाजार में गेहूं की औसत कीमत फिलहाल 2,400 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है. बाजार में खेरची की फसल का औसत मूल्य लगभग 30.99 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो कि 3099 रुपये प्रति क्विंटल है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक साल में गेहूं की कीमत में 2 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल गेहूं का औसत बाजार मूल्य 28.95 रुपये प्रति किलोग्राम या 2,895 रुपये प्रति क्विंटल था. इस साल प्रति किलो आटे की कीमत 34.29 रुपये से बढ़कर 36.13 रुपये हो गई है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं और आटे की कीमतों में भी पिछले साल की तुलना में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है। 30 जून तक गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 30.99 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि एक साल पहले यह 28.95 रुपये था। गेहूं के आटे की कीमत भी बढ़कर 36.13 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पिछले साल 34.29 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
किन किस्मों के भाव अधिक मिल रहे है
साथियो बाजार में गाजर गेहूं की कीमतें 2,400 रुपये से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं, चपाती बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गेहूं की किस्म की कीमतें अधिक हैं। बाजार में मुख्य रूप से लोकवन, पूर्णा, शरबती, पूसा अहिल्या 1634, जीडब्ल्यू 513 और कुछ अन्य किस्मों की कीमत 2,700 रुपये से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है.
इस साल कितनी हुई है गेहूं की खरीदी
गेहूं खरीद का विपणन सीजन समाप्त हो गया है। इस बार सेंट्रल पूल के लिए 266 मिलियन टन गेहूं खरीदा गया, जो पिछले साल से 4 मिलियन टन यानी 1.5% ज्यादा है. 1 जुलाई को, भारतीय खाद्य निगम (FCI) का गेहूं स्टॉक 297.60 लाख टन था, जो न्यूनतम आवश्यक मात्रा 275.80 लाख टन से अधिक है। गेहूं क्रय सीजन 30 जून को समाप्त हो गया था ।
मध्यप्रदेश में कितनी हुई है गेहूं की खरीदी
मध्य प्रदेश में कुल आपूर्ति निर्धारित लक्ष्य 80 लाख टन से काफी कम 47.10 लाख टन तक ही पहुंच सका है. पंजाब में पांच एजेंसियों ने केंद्रीय पूल के लिए 124.60 लाख टन गेहूं खरीदा, जो निर्धारित लक्ष्य 130 लाख टन से कम था. इसी तरह हरियाणा में निर्धारित लक्ष्य 80 लाख टन के मुकाबले 71.50 लाख टन गेहूं खरीदा गया. इसके अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लक्ष्य से काफी कम गेहूं खरीदा जा सका.
सरकार ने लगाई स्टॉक लिमिट
आने वाले समय में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने और जमाखोरी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं आपूर्ति पर सीमा लगा दी है। यह सीमा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी खुदरा श्रृंखलाओं और प्रोसेसरों पर लागू होगी। यह अध्यादेश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा. सरकार द्वारा जारी मानदंडों के अनुसार, थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा अब 3,000 टन होगी, जबकि प्रोसेसर के लिए यह प्रसंस्करण क्षमता का 70% होगी। बड़ी वितरण श्रृंखलाओं के लिए यह प्रति स्टोर 10 टन होगी, जिसकी कुल सीमा 3,000 टन होगी। व्यक्तिगत खुदरा विक्रेताओं के लिए यह 10 टन होगा।
अगले आठ महीनो के गेहूं के औसत भाव क्या रह सकते है
गेहूं की कीमत का यह पूर्वानुमान जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 20 वर्षों के आंकड़ों के सांख्यिकीय अध्ययन के आधार पर तैयार किया गया है। विभिन्न बाज़ार कारकों के कारण, वास्तविक बाज़ार मूल्य और अपेक्षित मूल्य के बीच अंतर हो सकता है।
किस महीने | क्या भाव रह सकता है |
जुलाई 2024 | 2504 रुपए |
अगस्त 2024 | 2541 रुपए |
सितम्बर 2024 | 2564 रुपए |
अक्टूबर 2024 | 2570 रुपए |
नवम्बर 2024 | 2633 रुपए |
दिसम्बर 2024 | 2613 रुपए |
जनवरी 2025 | 2660 रुपए |
फरवरी 2025 | 2624 रुपए |
गेहूं की कीमतों को लेकर सरकार की क्या है रणनीति
सूत्रों के मुताबिक, सरकार के पास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने और बाजार में प्रभावी हस्तक्षेप करने के लिए पर्याप्त गेहूं भंडार है। गरीब कालीन योजना के तहत सालाना करीब 184 लाख टन गेहूं की आपूर्ति की जरूरत है. चालू वर्ष के दौरान देश में लगभग 21 लाख किसानों से 266 लाख टन गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। पिछले विपणन सत्र में, 28 जून से 28 फरवरी तक, सरकार ने खुले बाजार बिक्री कार्यक्रम के तहत लगभग 100 लाख टन गेहूं बेचा, जिससे कीमतों में तेज वृद्धि को रोका जा सका। इस साल भी अगर गेहूं की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई तो सरकार खुले बाजार में गेहूं बेचना शुरू कर देगी।
नोट :- दी गई जानकारी ऑनलइन और न्यूज़ पेपर से ली गई है भाव का नहीं पता है की कब बढ़ जाये और कब घाट जाये तो व्यापार अपने विवेक से ही करे आपके नफा नुकसान के जिम्मेदार नहीं है