नरमा कपास के बाजार में क्या बन सकता है माहौल | जाने क्या कहती है कपास की तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों साल 2022 में नरमा कपास का रेट 10000 के स्तर को पार कर गया था। तब से ही किसानों और व्यापारियों को उम्मीद लगी हुई है कि साल 2024-25 में 2022 जैसे रेट फिर से मिलेंगे। इसलिए व्यापारियों और किसानों ने काफी दिन तक कपास को स्टॉक करके रखा लेकिन ऐसा हुआ नहीं और सभी को नुकसान उठाना पड़ा। अप्रैल महीने में नरमा के भाव में थोड़ी सी अपलिफ्ट जरूर दिखी है। अब हमारे किसान और व्यापारी है जानना चाहते हैं कि आने वाले समय में कपास का बाजार किस तरफ जा सकता है । मंडी मार्केट मीडिया ने कपास के भाव को प्रभावित करने वाले विभिन्न घटकों का अध्ययन किया है और आपके सामने यह रिपोर्ट पेश कर रहे हैं । अगर आप नरमा कपास के किसान और व्यापारी हैं तो आपको यह रिपोर्ट अंत तक पढ़नी चाहिए।
2024-25 में कैसा रहा ट्रेंड
दोस्तो बात 2025 की करें तो शुरुआत कपास बाजार के लिए स्थिर लेकिन सकारात्मक संकेतों के साथ हुई। नवंबर 2024 में आदमपुर मंडी में नरमा ka औसत का रेट ₹7224 प्रति क्विंटल था, जो दिसंबर में ₹7300, और जनवरी 2025 में ₹7390 तक पहुंचा। फरवरी में कुछ दबाव के कारण रेट ₹7250 तक गिरा, लेकिन मार्च में ₹7290 और अप्रैल में ₹7550 तक फिर से चढ़ाव देखा गया। यह ट्रेंड दर्शाता है कि मांग स्थिर बनी हुई है, जबकि आपूर्ति से संबंधित अनिश्चितताएं कीमतों को सहारा देती रही हैं।
नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9729757540 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
औसत नरमा रेट्स (Adampur Mandi)
नवंबर 2024 – ₹7224 / क्विंटल
दिसंबर 2024 – ₹7300 / क्विंटल
जनवरी 2025 – ₹7390 / क्विंटल
फरवरी 2025 – ₹7250 / क्विंटल
मार्च 2025 – ₹7290 / क्विंटल
अप्रैल 2025 – ₹7550 / क्विंटल
नरमा कपास के भाव को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
उत्पादन में गिरावट (भारत और विश्व स्तर पर)
CAI (Cotton Association of India) की मार्च 2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कपास उत्पादन घटकर 291.30 लाख गांठ (170 किग्रा प्रति गांठ) रह गया है, जो पिछले वर्ष की 327.45 लाख गांठ के मुकाबले लगभग 36.15 लाख गांठ की गिरावट है।
वैश्विक स्तर पर USDA के अनुसार, 2025/26 में कपास उत्पादन 3% गिरकर 116.7 मिलियन गांठ हो सकता है, जिसमें चीन, भारत और ऑस्ट्रेलिया का योगदान प्रमुख है।
खपत और मांग में वृद्धि
भारत में घरेलू खपत 2024-25 में 315 लाख गांठ अनुमानित है, जो पिछले वर्ष से थोड़ी अधिक है। वैश्विक खपत 119 मिलियन गांठ तक बढ़ सकती है, जो 3% की वार्षिक वृद्धि दर्शाती है। विशेष रूप से चीन इस वृद्धि में 50% योगदान देगा।
नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9729757540 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
निर्यात में गिरावट
CAI के अनुसार, भारत का कपास निर्यात 2023-24 के 28.36 लाख गांठ से गिरकर 2024-25 में 16 लाख गांठ पर आ गया है। निर्यात में यह गिरावट भारतीय रेट्स की मजबूती और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के कारण हुई है। इससे ऊंचे भाव पर खऱीदने वाले व्यापारी पीछे हट जाते हैं।
स्टॉक की स्थिति
मार्च 2025 तक भारत में कुल स्टॉक 127.83 लाख गांठ था, जिसमें 27 लाख गांठ टेक्सटाइल मिलों और बाकी CCI व निजी संस्थाओं के पास था। सीजन के अंत (सितंबर 2025) तक 23.49 लाख गांठ स्टॉक रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष से लगभग 6.7 लाख गांठ कम है। स्टॉक कमजोर रहना भाव के लेहाज से एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय मूल्य दबाव और सिंथेटिक फाइबर
A-Index औसतन 82 सेंट/पाउंड पर रहने की उम्मीद है। हालांकि कपास की मांग बढ़ रही है, लेकिन सिंथेटिक फाइबर के विकल्प के चलते इसकी बाजार हिस्सेदारी पर लगातार दबाव है।
तेजी मंदी रिपोर्ट
1. कीमतें अप्रैल 2025 में ₹7550 प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी हैं, जो 6 महीने में सबसे ऊंची दर है।
2. वैश्विक उत्पादन की कमी, खासकर भारत और चीन में, कीमतों को और सहारा दे सकती है।
3. चीन की आयात मांग 9 मिलियन गांठ तक पहुंच सकती है, जो भारत जैसे निर्यातकों के लिए अवसर है।
4. लेकिन निर्यात में प्रतिस्पर्धा – विशेषकर ब्राजील से – और डॉलर विनिमय दर की स्थिति बाजार को प्रभावित कर सकती है।
5. भारत में मानसून की अनिश्चितता और कृषि लागत में वृद्धि भी कीमतों को अगले कुछ महीनों में और ऊपर ले जा सकती है।
नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9729757540 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
आगे का रूझान
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों कपास बाजार 2025 में एक "डिमांड-सपोर्टेड, सप्लाई-ड्रिवन" ट्रेंड पर चल रहा है। एक तरफ जहां उत्पादन में गिरावट के कारण आपूर्ति कमजोर है, वहीँ निर्यात में सुस्ती और घरेलू खपत की सीमित वृद्धि से कीमतों पर अचानक आने वाले उछाल की संभावना भी कम ही रहेगी। उत्पादन कम रहने के कारण बाजार धीरे-धीरे आगे बढता नजर आ सकता है। आप देख ही रहे हैं कि MSP के आसपास के स्तर पर नरमा कपास में ठीक डिमांड आ रही है और भाव फिर से 7600 को पार कर जा रहे हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सस्ता होने के कारण ऊंचे भावों पर आयात से प्रतिस्पर्धा मिलने के कारण खरीददारों की लेवाली घट जाती है । और बढ़े हुए भाव फिर से घूम कर 7300-7400 के दायरे में आ जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कपास भारत से 30% सस्ते रेट पर उपलब्ध हैं इसीलिए निर्यात घट रहा है और आयात बढ़ रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2023 में 617 मिलियन डॉलर के कपास और कच्चा माल प्रोडक्ट आयात किए गए थे और साल 2024 में यह आयात बढकर 1018 मिलियन डॉलर हो गया। हालांकि, अप्रैल तक का भाव का ट्रेंड और स्टॉक डेटा यह संकेत देते हैं कि निकट भविष्य में कपास के भाव ₹7300 से लेकर 8000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में टिक सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।