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दिल्ली-एनसीआर से लेकर पहाड़ों तक बदला मौसम का मिजाज, कहीं लू तो कहीं बारिश-बर्फबारी के आसार

दिल्ली-एनसीआर से लेकर पहाड़ों तक बदला मौसम का मिजाज, कहीं लू तो कहीं बारिश-बर्फबारी के आसार
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उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी और पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में इस समय मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने ताजा अपडेट में बताया है कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान जैसे इलाकों में तेज लू का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। दिन के समय आसमान पूरी तरह साफ रहेगा, जबकि धरती से उठती गर्म हवाएं शरीर को झुलसाने का एहसास कराएंगी। राजस्थान के पश्चिमी जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर में तापमान सामान्य से 3 से 8 डिग्री सेल्सियस अधिक बना रहेगा, जिससे धूप की तीव्रता कई गुना बढ़ गई है। वहीं, हिमालय के ऊंचाई वाले हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है, जिसकी वजह से बारिश और बर्फबारी के संकेत मिल रहे हैं। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ जैसे जिलों में बादल गरजने के साथ हल्की बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है। मौसम विभाग ने नागरिकों को लू और तेज हवाओं से सतर्क रहने के लिए अलर्ट किया है, ताकि स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से बचाव किया जा सके।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती गर्मी से बेहाल  
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में आज मौसम पूरी तरह शुष्क और तपिश भरा रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतम तापमान 39 से 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है, जबकि न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। हवा में नमी की मात्रा बेहद कम रहेगी, जिससे गर्मी की चुभन और भी तीव्र हो जाएगी। मौसम विशेषज्ञों ने लोगों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से सख्ती से परहेज करने की सलाह दी है। खुले आसमान के नीचे अधिक समय बिताना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे क्षेत्रों में भी इसी तरह की भीषण गर्मी का प्रभाव बना रहेगा। विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए सावधानी अत्यंत आवश्यक है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस दौरान अधिक मात्रा में पानी पीने, हल्के कपड़े पहनने और धूप में सीधा संपर्क कम करने की अपील की है।

राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में रिकॉर्डतोड़ लू का कहर
राजस्थान के मरुस्थलीय जिलों में गर्म हवाओं का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर में सूरज की तपिश जमीन को आग उगलने पर मजबूर कर रही है। दिन के तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किए जाने की संभावना है, जो पिछले कुछ वर्षों की तुलना में काफी अधिक है। कई इलाकों में सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है और बाजारों में भी चहल-पहल कम देखने को मिल रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 19 अप्रैल के बाद आंशिक राहत संभव है, जब कुछ क्षेत्रों में आंधी और हल्की बूंदाबांदी से तापमान में थोड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। बीकानेर, चूरू, नागौर जैसे स्थानों पर खेतों में काम करने वाले मजदूरों और बाहर निकलने वाले नागरिकों को लू से बचाव हेतु एहतियात बरतने की चेतावनी दी गई है।

पंजाब और हरियाणा में प्रचंड गर्मी से बिगड़ रहे हालात
पंजाब और हरियाणा में भीषण गर्मी का दौर बना हुआ है। अंबाला, हिसार, रोहतक, पटियाला और अमृतसर जैसे इलाकों में अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान है। इस भीषण गर्मी ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। खेतों में काम करने वाले किसान, निर्माण स्थलों पर कार्यरत मजदूर और सड़कों पर यात्रा करने वाले लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। दोनों राज्यों के स्वास्थ्य विभागों ने नागरिकों से अपील की है कि वे दिन के सबसे गर्म समय में खुले में न जाएं और अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें। पंजाब में कुछ स्थानों पर गर्म हवाएं 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, जिससे सूखे जैसी स्थिति और अधिक विकराल हो सकती है।

पूर्वोत्तर, बिहार और बंगाल में बारिश का बन रहा माहौल
पूर्वोत्तर राज्यों और बिहार में मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने कहा है कि बिहार के पटना, गया, भागलपुर समेत कई इलाकों में गरज के साथ बारिश हो सकती है। इसके अलावा गंगीय पश्चिम बंगाल के हिस्सों में भी ओलावृष्टि और तेज हवाओं का खतरा मंडरा रहा है। कोलकाता समेत आस-पास के इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और अधिकतम तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। असम, मेघालय, मणिपुर जैसे राज्यों में तेज बारिश और आंधी की संभावना से यातायात प्रभावित हो सकता है। बंगाल के जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग क्षेत्रों में भी भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसल की सुरक्षा हेतु विशेष उपाय करें और ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए पहले से तैयारी करें।

सोर्स मौसम विभाग 

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।