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1509 और 1847 के बाजार में हो सकता है बदलाव | जानिए क्या है वज़ह इस रिपोर्ट में

1509 और 1847 के बाजार में हो सकता है बदलाव | जानिए क्या है वज़ह इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो खरीफ सीजन में 1509 धान की आपूर्ति शुरू हो गई है, और अन्य बासमती धान के खेत भी लहलहा रहे हैं। लेकिन लगातार हो रही बारिश ने इस समृद्ध फसल को खतरे में डाल दिया है। खेतों में खड़ी धान की फसल को व्यापक नुकसान हो रहा है, जिसके कारण मंडियों में 1509 धान की आवक में भारी गिरावट आई है। इस घटती आवक के परिणामस्वरूप, धान की कीमतों में पिछले कुछ दिनों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी देखी गई है। यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में धान की व्यापक पैमाने पर खेती की जाती है। विशेष रूप से हरियाणा और पंजाब में 1509 धान की कटाई जोरों पर थी, लेकिन अत्यधिक बारिश ने इस प्रक्रिया को बाधित किया है और फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। मंडियों में आवक कम होने के कारण, 1509 धान की कीमतों में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह स्थिति किसानों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि उन्हें पहले से ही कम कीमतों का सामना करना पड़ रहा था। अब, फसल के नुकसान के कारण उनकी आय पर और अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका है। सरकार को इस स्थिति से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

बासमती धान के भावों में दिखी तेजी की चाल
पिछले सप्ताह अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और तरावड़ी लाइन में जो बासमती धान 2600-2650 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा था, उसके भाव अब बढ़कर 2700-2800 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। इसी तरह, तरनतारन, अमृतसर और जंडियाला गुरु लाइन में भी धान के भावों में 2700-2800 रुपए से बढ़कर 2925-3000 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। इसी प्रकार, चावल के भावों में भी वृद्धि देखी गई है। जो चावल पहले 5000-5050 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा था, वह अब गुणवत्ता और लंबाई के आधार पर 5350-5400 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। हालांकि, पुराने चावल के भावों में कोई खास बदलाव नहीं आया है, लेकिन सभी प्रकार के बासमती धान की मांग में मंदी देखी जा रही है।

चावल बाजार में तेजी का संकेत
हाल ही में चावल बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। साठा धान और चावल के दामों में गिरावट के कारण सेला 1509 चावल की मांग में कमी आई थी और बाजार मंदा हो गया था। लेकिन मौजूदा स्थिति में कुछ बदलाव देखने को मिल रहे हैं। खरीफ सीजन में धान की आवक काफी कम हुई है, साथ ही लगातार हो रही बारिश के कारण खेतों में लगी फसल को नुकसान पहुंचने का खतरा मंडरा रहा है। इन कारकों के कारण चावल के दामों में तेजी आने की उम्मीद है। यह माना जा रहा है कि जो चावल 5050 रुपये में बिका था, वह अब उस स्तर पर वापस नहीं आएगा। इस स्थिति को देखते हुए चावल के व्यापार में भविष्य में अच्छे लाभ मिलने की संभावना है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।