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गेहूं के भाव में हो सकता है बड़ा बदलाव | जाने क्या कहती है गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट

गेहूं के भाव में हो सकता है बड़ा बदलाव | जाने क्या कहती है गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट
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किसान साथियो साल 2024-25 में गेहूं के तेज भाव ने सबको चौंकाया है। सरकार द्वारा ओएमएसएस (Open Market Sale Scheme) के तहत गेहूं की बिक्री शुरू करने के बावजूद, गेहूं की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। दरअसल बात यह है कि आटा मिलों को पर्याप्त मात्रा में गेहूं नहीं मिल पा रहा है। लगातार गेहूं की उपलब्धता कम रहने से सीज़न की शुरुआत से लेकर अब तक गेहूं के दाम पिछले साल की तुलना में लगभग 750 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गए हैं। अगर सरकार आने वाले टेंडर में गेहूं की मात्रा नहीं बढ़ाती है, तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गेहूं के दाम 3400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं। अगर आपूर्ति साइड को देखें तो नई गेहूं की फसल आने में अभी कम से कम 2 महीने का समय बाकी है। तब तक देश को केंद्रीय पूल से ही गेहूं की आपूर्ति करनी होगी। जैसा कि आप सबको पता है कि पिछले साल सरकार ने नवंबर में गेहूं की बिक्री खुले बाजार में करने से मना कर दिया था, जिसके कारण गेहूं के दामों में तेजी से वृद्धि हुई थी। हालांकि, बाद में सरकार को यह फैसला बदलना पड़ा और नवंबर के अंत में गेहूं की बिक्री शुरू की गई। लेकिन, मिलों को पर्याप्त मात्रा में गेहूं नहीं मिलने के कारण गेहूं के भाव में बन रही तेजी पर ब्रेक नहीं लग पाया है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

पिछले साल की तुलना में कितना बढ़ा गेहूं का भाव
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में पिछले साल 20 जनवरी 2024 में गेहूं का भाव 2575 रुपये प्रति क्विंटल था, जो आज की डेट में बढ़कर लगभग 3325 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। पिछले साल की तुलना में लगभग 750 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी हुई है। इसी तरह, आटा, मैदा और सूजी के दाम भी पिछले साल की तुलना में लगभग 400 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बढ़कर क्रमशः 1790 रुपये, 1890 रुपये और 1900 रुपये हो गए हैं।

सरकार ने बढ़ायी बिकवाली की मात्रा
लगातार भाव बढ़ते देख सरकार ने हाल ही में दिल्ली में गेहूं की नीलामी में मात्रा बढ़ाकर 65,000 टन कर दी है और पूरे देश में इस मात्रा को बढ़ाकर डेढ़ लाख टन कर दिया है। लेकिन अभी भी मांग की तुलना में आपूर्ति कम है। निजी क्षेत्र में गेहूं का स्टॉक कम होने के कारण आटा चक्कियों और रोलर फ्लोर मिलों के पास पर्याप्त गेहूं नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे बाजार में गेहूं और गेहूं के उत्पादों की कमी की स्थिति बनी हुई है।

पिछले टेंडर में क्या था गेहूं का भाव
पिछले टेंडर में गेहूं के भाव 3150-3160 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचे थे। इस टेंडर में छोटी मिलों के लिए 25 टन और बड़ी मिलों के लिए 100 टन की क्वांटिटी निर्धारित की गई थी। इसके बावजूद, अधिकतर मिलों को पूरा गेहूं उपलब्ध नहीं हो पाया। अब अगला टेंडर बुधवार को आयोजित होगा, और उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बार मिलों की क्षमता के अनुसार गेहूं की बिक्री करेगी ताकि आम उपभोक्ताओं पर रोटी की महंगाई का बोझ न पड़े। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

कैसी लगी है गेहूं की फसल
दोस्तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार गेहूं की बिजाई में वृद्धि हुई है। हालिया मौसम की स्थिति अभी तक गेहूं के अनुकूल बनी हुई है। खास तौर पर, पिछेती फसल को सर्दी से लाभ मिला है, लेकिन अभी भी फसल को कोहरे वाली सर्दी की जरूरत है। बिजाई में हुई वृद्धि और अनुकूल मौसम के आधार पर आगामी फसल के 1160 लाख मीट्रिक टन से अधिक होने की संभावना जताई जा रही है। इसलिए ऐसा नहीं लगता कि आने वाले समय में गेहूं में कोई तूफानी तेजी आएगी।

गेहूं के भाव में हो सकता है बड़ा बदलाव | जाने क्या कहती है गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट

पिछले हफ्ते क्या हुआ उतार चढाव
सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री बढ़ाने के चलते पिछले सप्ताह गेहूं के भाव 3200 रुपए प्रति क्विंटल तक गिर गए थे, लेकिन इतना गेहूं भी पर्याप्त नहीं रहा और अब फिर से गेहूं के भाव 3330 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। गौरतलब है कि इन बढ़े हुए भावों पर भी अधिकांश रोलर फ्लोर मिलों को पर्याप्त गेहूं नहीं मिल सका। बाजार की मौजूदा परिस्थितियों और आगामी टेंडर से भावों में और बदलाव की उम्मीद है।

मध्य प्रदेश में परिस्थितियां अलग
मध्य प्रदेश में गेहूं की मंडियों में माल स्टॉक में पड़ा हुआ है, लेकिन बिकवाल माल बेचना नहीं चाहते। इसके विपरीत, हरियाणा और पंजाब में गेहूं की आपूर्ति पूरी तरह समाप्त हो गई है और गोदामों में गेहूं की कमी है। इस स्थिति के कारण गेहूं की कीमतों में थोड़ी बहुत और बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि यहां से आगे बहुत बड़ी तेजी की उम्मीद करना सही नहीं होगा। मंडी भाव टुडे का मानना है गेहूं के भाव यहां से 3400 तक तो जा सकते हैं लेकिन इसके आगे मुनाफावसूली आने का खतरा बन सकता है। इसलिए स्टॉक को हल्का कर लेना चहिए। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

पिछले साल गेहूं का उत्पादन लगभग 1121 लाख मीट्रिक टन रहा था और इस साल उत्पादन में 40-42 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि होने की उम्मीद है। हालांकि, सरकार द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2400 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, लेकिन अगर गेहूं के भाव इसी तरह तेज बने रहे तो किसान मंडियों में अधिक दाम पाने की उम्मीद में अपनी फसल को रोक सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, सरकार के लिए गेहूं खरीदने का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो सकता है। गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को अपने भंडार से अधिक मात्रा में गेहूं को खुले बाजार में बेचना होगा। और पूरी उम्मीद है कि सरकार इस पर ध्यान देगी और कीमतों को अनाप शनाप नहीं बढ़ने देगी। इसलिए अगर आपके पास माल पड़ा हुआ है तो मुनाफावसूली करने की सोच सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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