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आज प्याज के बाजार में दिख रही है हल्की कमजोरी | जाने क्या है इसकी वजह

प्याज के भाव
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दोस्तों आज आजादपुर मंडी में प्याज के ताज़ा भाव और बाजार की स्थिति की जानकारी देंगे। प्याज की कीमतों में गिरावट, बाजार का माहौल, और आवक की स्थिति के बारे में विस्तार से बात करेंगे। आज प्याज की आवक कल के मुकाबले कम है, जो कुल 13 गाड़ियों की कमी आई है। आज नई गाड़ियों की संख्या में भी गिरावट देखी गई है, और NCCF की गाड़ियों में भी कमी है । प्याज की कीमते भी कल और आज दोनों दिन स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन आवक में कमी और गुणवत्ता में अंतर के कारण बाजार में हल्की तेजी देखने को मिल रही है।  सरकारी सप्लाई के बावजूद, मंडी में गुणवत्ता वाले प्याज की मांग बनी हुई है, जिससे कीमतों में कोई बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिल रही है। नए फसल के आने तक, विशेष रूप से अलवर और कर्नाटक से, बाजार में कीमतें स्थिर या हल्की तेजी पर बनी रहने की संभावना है।

आजादपुर मंडी में प्याज की स्थिति और आवक

आजादपुर मंडी में प्याज की कुल 81 गाड़ियां आई हैं। इनमें से 13 गाड़ियां कर्नाटक से, 3 नासिक से, और 12 गाड़ियां राजस्थान से हैं। इसके अलावा, कल की नेफेड की 10 गाड़ियां और एनसीसीएफ की 7 गाड़ियां भी आज मंडी में उपलब्ध हैं।  राजस्थान से 250-300 कट्टे नया प्याज आ रहा है, जो फिलहाल प्रतिदिन इसी मात्रा में आ रहा है। इसके अलावा कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और राजस्थान से भी प्याज की आपूर्ति हो रही है। अगले हफ्ते में राजस्थान से प्याज की आवक बढ़ने की संभावना है। पुराने प्याज की बात करें, तो वह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान से मंडी में आ रहा है।

पिछले एक सप्ताह में प्याज की आवक लगभग स्थिर रही है। हालांकि, कल एनसीसीएफ का माल कम था क्योंकि रात को एक रैक दिल्ली के लिए लोड किया गया था। सुनने में आया है कि यह रैक 42 बक्से का था, और इसमें नासिक से प्याज आया है। रैक से प्याज आने की वजह से गुणवत्ता पर फर्क पड़ सकता है क्योंकि रैक की प्याज की गुणवत्ता हल्की होती है और यह गाड़ियों में लाए गए प्याज जितनी अच्छी नहीं होती।

प्याज की क्वालिटी और भाव

नासिक से आए प्याज की गुणवत्ता हल्की होने की वजह से यह सस्ता बिकता है। वहीं, मंडी में आने वाले प्याज की गुणवत्ता और उसकी कीमत में भी अंतर होता है। मंडी में 32,000 कट्टे प्याज आने की संभावना है, और यह आवक प्याज के भाव पर असर डाल सकती है। हल्की क्वालिटी का प्याज सस्ते में बिकेगा, जबकि अच्छी क्वालिटी का प्याज 1600 से 1700 रुपये प्रति मन बिक सकता है। नासिक से आए प्याज का भाव 1700 से 1900 रुपये प्रति मन तक है।

अलवर से आने वाले प्याज की क्वालिटी को इस बार बरसात के मौसम ने काफी प्रभावित किया है, लेकिन किसानों से अपील है कि वे प्याज को सुखा कर ही मंडी में लाएं ताकि उन्हें अच्छे दाम मिल सकें। दिवाली के बाद अलवर की फसल की अच्छी आवक की उम्मीद है, और बाजार में अच्छी क्वालिटी का प्याज देखने को मिल सकता है।

इस समय प्याज के भाव स्थिर बने हुए हैं क्योंकि साउथ में लगातार बारिश हो रही है, जिससे वहां का प्याज खराब होकर दागी हो रहा है। इसके चलते पुराने प्याज को अच्छे दाम मिल रहे हैं, और नए प्याज का भाव भी ठीक बना हुआ है। फिलहाल अगले 5-10 दिन तक बाजार में कोई गिरावट नहीं दिख रही है।

मध्य प्रदेश के पुराने प्याज का रेट 1600 से 1800 रुपये प्रति मन है, मतलब प्याज का किलो में भाव  40-45 किलो के बीच है, क्वालिटी के अनुसार।

नासिक के पुराने प्याज की कीमत 42-47 रुपये प्रति किलो है।

पुणे के टॉप क्वालिटी प्याज की कीमत 1800 से 2000 रुपये प्रति मन है मतलब 45-50 किलो है।

साउथ के नए प्याज का भाव 1200 से 1800 रुपये प्रति मन है,मतलब यह 30-45 किलो के बीच बिक रहा है, लेकिन इनमें क्वालिटी और साइज का अंतर है।

कैथल के प्याज की बात करें, तो दागी प्याज का रेट 35 रुपये प्रति किलो  है, जबकि बढ़िया क्वालिटी का प्याज 45 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। एनसीसीएफ (National Cooperative Consumers' Federation) का प्याज फिलहाल दिल्ली नहीं पहुंच रहा है, क्योंकि वे रैक लोड कर रहे हैं और ट्रेन से प्याज भेज रहे हैं। जब यह प्याज दिल्ली पहुंचेगा, तो एक बार में बड़ी मात्रा में आवक होगी।

कर्नाटक की बात करें तो वहां की बारिश के चलते माल की गुणवत्ता में कमी देखी जा रही है, जिसमें से केवल 10-15% प्याज ही उच्च गुणवत्ता का है और बाकी दागी माल है।

एमपी का माल भी अब अंत की ओर है और 1600-1800 रुपये के बीच बिक रहा है। इसके आगे एमपी में केवल 15-20 दिन का स्टॉक बचा है।

नवंबर के पहले हफ्ते में अलवर का प्याज बाजार में आ जाएगा, और उसकी आवक हर जगह देखी जाएगी, न केवल दिल्ली में बल्कि अन्य जगहों पर भी। कर्नाटक का प्याज उस समय तक बाजार से बाहर हो जाएगा और गुजरात का प्याज भी अपने समय पर आएगा।

किसानों से विनती है कि वे तेजी के चक्कर में बिना प्याज को सुखाए मंडी में न लाएं। इससे न केवल मंडी की स्थिति प्रभावित होती है बल्कि किसानों को भी नुकसान होता है। दिवाली के बाद अलवर की फसल अच्छी मात्रा में मंडी में आ सकती है, बशर्ते मौसम सही रहे।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।