आलू की मुख्य मंडियों की रिपोर्ट आ चुकी है जाने आज मंडियों में क्या है तेजी मंदी
नमस्कार दोस्तों किसान साथियों,मंडी भाव टुडे रिपोर्ट पर आपका हार्दिक स्वागत है। आज की तारीख है 30 अगस्त 2024, और दिन है शुक्रवार। आज हम आपको दिल्ली की प्रसिद्ध आजादपुर मंडी में आलू के बाजार के ताजे हालातों की जानकारी देंगे। आपको बताएंगे कि मंडी में आज आलू का भाव क्या है, बाजार में क्या उतार-चढ़ाव हो रहे हैं, और इस समय आलू के व्यापार की स्थिति कैसी है।
हमारी कोशिश रहती है कि आपको मंडी के ताजे अपडेट्स के साथ-साथ क्वालिटी के हिसाब से भाव की जानकारी भी दी जाए। आजादपुर मंडी में 50 किलो के रेट के आधार पर भाव बताते हैं, क्योंकि मंडी में 50 किलो के पैकेट का ही व्यापार होता है। हालांकि, कुछ मामलों में, पैकेट का वजन 50 किलो से थोड़ा ज्यादा हो सकता है, जिसके लिए अलग से भाव तय होता है।
आजादपुर मंडी में आज की आवक
कल के मुकाबले आज आवक में कुछ अंतर देखने को मिल रहा है। मौसम भी आज खुला हुआ है, और अच्छी खासी धूप निकली हुई है, जिससे शुक्रवार के दिन बाजार में ग्राहकी भी अच्छी होने की संभावना है। कई बार शुक्रवार को शनिवार से भी ज्यादा ग्राहक मंडी में आते हैं, क्योंकि शनिवार को छुट्टी रहती है और ग्राहक शुक्रवार को ही अपने आवश्यकताओं के हिसाब से आलू खरीदने आ जाते हैं।
आज मंडी में करीब 150 गाड़ियां आई हैं, जिसमें से 60 गाड़ियां कल की हैं। इनमें 54 से 55 गाड़ियां चिप सोना की हैं, 25 गाड़ियां सूर्या की,50 गाड़ी अन्य टाइप के आलू और 14-15 गाड़ियां लाल आलू की हैं। कल की तुलना में आज की आवक में कुछ बढ़ोतरी देखी गई है, जो बताती है कि बाजार में आलू की मांग बनी हुई है।
अब यदि हम दिल्ली की अन्य मंडियों की बात करें, तो आजादपुर मंडी के बाद गाजीपुर मंडी का नंबर आता है। गाजीपुर में भी लगभग 70 से 80 गाड़ियां आई हैं। वहीं, ओखला और केशवपुर मंडियों में भी आवक सामान्य है। हर मंडी में आलू की आवक के हिसाब से भाव में थोड़ा बहुत अंतर होता है। अगर आजादपुर में 150 से अधिक गाड़ियां आती हैं, तो भाव में थोड़ी गिरावट हो सकती है, जबकि अन्य मंडियों में अगर आवक कम होती है, तो भाव स्थिर रह सकते हैं।
इसके अलावा, पंजाब से आईटीसी कंपनी का आलू भी मंडी में आ रहा है, जिसकी मांग अधिक है। आईटीसी आलू ज्यादातर अपनी फड़ पर ही बेचती है, और यह गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग भाव पर बिकता है। हल्द्वानी से भी आलू की आवक होती है, लेकिन उनकी संख्या कम होती है, इसलिए वह तुरंत बिक जाता है।
आजादपुर मंडी में आलू के भाव
- संभल का चिप सोना आलू: 1100 से 1150 रुपये के बीच बिक रहा है।
- चंदौसी का चिप सोना आलू: 1130 से 1250 रुपये के बीच बिक रहा है।
- संभल का सूर्य आलू: 1200 से 1250 रुपये तक बिक रहा है, कुछ मामलों में 1300 रुपये तक भी जा रहा है।
- चंदौसी का सूर्य आलू: 1300 से 1400 रुपये के बीच बिक रहा है। कुछ मामलों में 1500 रुपये तक भी जा रहा है।
- 3797 आलू: 950 से 1050 रुपये के बीच, और हाइब्रिड आलू 850 से 920 रुपये के बीच बिक रहा है।
- अलीगढ़ का सूर्य आलू: 1000 से 1150 रुपये के बीच बिक रहा है।
- अलीगढ़ का चिप सोना आलू: 1050 रुपये के आसपास बिक रहा है।
- अलीगढ़ का 3797 आलू: 950 से 1050 रुपये के बीच बिक रहा है।
- हाइब्रिड आलू: 850 से 920 रुपये के बीच बिक रहा है, जिसमें 302, गंगा, पुखराज, मोहन जैसी वरायटी शामिल हैं।
- सूर्य का गुल्ला आलू: संभल में 1100 से 1200 रुपये के बीच और चंदौसी में 1100 से 1150 रुपये के बीच बिक रहा है।
- बंपर आलू: 1000 से 1100 रुपये के बीच बिक रहा है।
- किरा आलू: 600 से 650 रुपये के बीच बिक रहा है, कुछ मामलों में 700 रुपये तक भी बिक सकता है।
- एलआर आलू: 1000 से 1100 रुपये के बीच बिक रहा है, और ये आलू गुजरात, पंजाब, यूपी जैसी जगहों से आ रहा है।
- एलआर आलू का मोटा गुल्ला: 950 से 1000 रुपये के बीच बिक रहा है।
- हल्द्वानी के आलू का भाव 1700 से 1800 रूपये के बीच बिकता है कोई कोई extra सुपर लॉट 2000 रूपये तक बिक जाता है
अभी का माहौल: फिलहाल, आलू की अराइवल और कीमतों को लेकर बाजार में स्थिरता दिख रही है। आलू की वर्तमान अराइवल अच्छी है, और आने वाले दिनों में, विशेषकर सितंबर में, यह देखना होगा कि अराइवल में कोई बड़ा बदलाव होता है या नहीं। किसान जो आलू अभी रोक कर रख रहे हैं, वे इसे नवंबर तक रोक सकते हैं, जो कीमतों को स्थिर रखने में मदद करेगा।
आने वाले महीनों में अराइवल:
सितंबर से अराइवल धीरे-धीरे कम हो सकती है, क्योंकि यूपी और अन्य राज्यों में नई फसल की बुवाई की तैयारी शुरू हो जाएगी। यूपी में नई आलू की बुआई सितंबर महीने से लगभग 15-20 सितंबर से शुरू हो सकती है, जबकि पंजाब में अगले हफ्ते से बुवाई शुरू होने की संभावना है। पंजाब में आलू की बुवाई भी मौसम पर निर्भर करती है। अगर मौसम सही रहता है, तो बुवाई समय पर होगी और आलू की फसल भी अच्छी होगी। इससे बाजार में नई फसल की अराइवल समय पर हो सकती है। इस समय किसान अपने आलू को कोल्ड स्टोरेज से निकालकर खेतों में बोते हैं और बचा हुआ आलू व्यापारियों को बेच देते हैं। बुआई के बाद व्यापारियों द्वारा आलू की सप्लाई को तेज कर दिया जाता है ताकि उनका माल समय पर निकल सके। इसके परिणामस्वरूप, जिले में दूसरे राज्यों को आलू की सप्लाई बढ़ जाती है। आलू की फसल तैयार होने में लगभग दो से तीन महीने लगते हैं, और दिसंबर तक नया आलू बाजार में आने लगता है, जिससे पुराने आलू की कीमतों में तेजी से गिरावट आती है।
बारिश के बाद सप्लाई में तेजी
यूपी में बारिश धीमी होते ही अन्य राज्यों को आलू की सप्लाई जिले से तेजी से बढ़ा दी गई है। दूसरे राज्यों में आलू की आवक बढ़ने से रेट गिरने लगे हैं। फुटकर में 40 रुपए प्रति किलो बिकने वाले आलू की कीमतें अब 35 रुपए तक आ गई हैं। अगर सितंबर में सप्लाई और बढ़ती है, तो कीमतें 25-30 रुपए के आसपास आ सकती हैं। नए आलू के बाजार में आने पर इसकी कीमत 20 रुपए प्रति किलो तक आ सकती है।
यूपी की सबसे बड़ी आलू मंडी फर्रुखाबाद से राहत भरी खबर
फर्रुखाबाद, यूपी की सबसे बड़ी आलू मंडी, से राहत देने वाली खबर आई है। यहां से दूसरे राज्यों को आलू की सप्लाई बढ़ने लगी है, जिससे अन्य राज्यों में आलू की आवक बढ़ गई है। इसके परिणामस्वरूप, आलू के दाम गिरने लगे हैं। थोक में, पिछले महीने तक 3500 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहे आलू के दाम अब 1400-2650 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गए हैं। फुटकर में आलू के दाम में भी पांच रुपए प्रति किलो तक की गिरावट देखने को मिल रही है। बाजार के जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में सप्लाई और बढ़ेगी, जिससे आलू की कीमतें और भी गिर सकती हैं।
फर्रुखाबाद में आलू का स्टॉक
फर्रुखाबाद में लगभग 5 लाख किसान आलू उगाते हैं, और यह यूपी की सबसे बड़ी आलू बेल्ट है। फर्रुखाबाद जिले में यूपी का सबसे ज्यादा आलू उत्पादन होता है। यहां से आलू पश्चिम बंगाल, नेपाल, बिहार, दिल्ली और अन्य कई राज्यों में भेजा जाता है। आलू और शाकभाजी विकास अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में कुल 107 कोल्ड स्टोरेज हैं, जिनमें कुल 862,991.69 मीट्रिक टन आलू स्टोर है। अब तक शीतगृह से 257,603.02 मीट्रिक टन आलू की निकासी हो चुकी है, यानी कि कुल स्टॉक का 29.85% निकाला जा चुका है। अभी भी 70% आलू कोल्ड स्टोरेज में जमा है, जिसमें 40% किसान और 30% व्यापारी का है।
किसान ने बताया कि वर्तमान में सिर्फ 30% आलू ही मंडियों को सप्लाई किया गया है। शेष आलू को अगले महीने से निकालना शुरू कर दिया जाएगा। बुआई के बाद बचे हुए आलू को व्यापारी को बेचा जाएगा। किसान के अनुसार, सामान्य आलू की थोक कीमतें 2000-2100 रुपए प्रति क्विंटल तक आ चुकी हैं, जबकि पिछले महीने ये 2500 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहे थे। चिपसोना आलू की कीमतें भी 2200 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गई हैं, जबकि पिछले महीने ये 2700 से 3200 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहे थे। फुटकर में, आलू की कीमतें 30 से 35 रुपए प्रति किलो हो गई हैं, जबकि पिछले महीने ये 35 से 40 रुपए प्रति किलो तक थीं।
बुआई के साथ स्टोर से निकासी
आज बाजार में निकासी की स्थिति भी अच्छी बनी हुई है। लगभग 50 प्रतिशत आलू निकल चुका है, और बिक्री भी तेज है। यह एक अच्छा संकेत है, खासकर तब जब हम आने वाले समय में आलू की फसल और मांग को देखते हैं। सितंबर महीने में भी आवक जारी रहेगी, लेकिन जैसे-जैसे अक्टूबर और नवंबर का समय आएगा, आलू की नई फसल की बुवाई शुरू हो जाएगी और बाजार में नई फसल का आलू भी आना शुरू हो जाएगा।
सितंबर में बुआई शुरू होते ही व्यापारी महंगे आलू को तेजी से निकालना शुरू कर देते हैं। उन्हें डर होता है कि अगर नए आलू जल्दी बाजार में आ गए, तो उन्हें नुकसान हो सकता है। आलू की फसल को तैयार होने में दो से तीन महीने लगते हैं, और दिसंबर से नए आलू की आवक शुरू हो जाती है, जो जनवरी से मार्च तक तेज रहती है। इस दौरान आलू की कीमतें सबसे कम होती हैं।
निष्कर्ष: अगले कुछ महीने आलू बाजार के लिए निर्णायक होंगे। नई बुवाई, मौसम की स्थिति, और किसानों की योजना सभी कारक कीमतों और अराइवल पर प्रभाव डालेंगे। बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए इन कारकों पर नजर रखना जरूरी होगा।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।