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2025 में सोयाबीन के किसानों के आ सकते हैं अच्छे दिन | जाने क्या है इसकी वज़ह

2025 में सोयाबीन के किसानों के आ सकते हैं अच्छे दिन | जाने क्या है इसकी वज़ह
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2025 में सोयाबीन के किसानों के आ सकते हैं अच्छे दिन | जाने क्या है इसकी वज़ह

किसान साथियों, सोयाबीन (Soybean) भारत में एक महत्वपूर्ण और प्रमुख कृषि उत्पाद है। यह न केवल हमारे देश के कृषि व्यापार का एक अहम हिस्सा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी इसकी खास पहचान है। सोयाबीन का इस्तेमाल केवल खाने के तेल के उत्पादन में ही नहीं, बल्कि इसके कई अन्य उत्पाद जैसे सोया डीओसी (Soybean De-oiled Cake), सोया तेल, सोया लिवर, और सोया आटा बनाने में भी किया जाता है। सोया डीओसी वह पदार्थ है जो सोयाबीन से तेल निकालने के बाद बचता है, और इसे आमतौर पर पशुओं के आहार, उर्वरक (Fertilizer), और अन्य उद्योगों में उपयोग किया जाता है। यह एक बहुपरकारी उत्पाद है, और इसके व्यापार से लाखों किसानों और व्यापारियों को फायदा होता है।

हालांकि, इस वर्ष सोयाबीन का उत्पादन अपेक्षाकृत सामान्य रहा है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले सोयाबीन और सोया डीओसी के भाव में बड़ी गिरावट देखी गई है। इसका सबसे बढ़ा कारण सोया डीओसी निर्यात में गिरावट को बताया जा रहा है। इस गिरावट के कारण बाजार में सोयामील के भाव गिरे हैं। परिणामस्वरुप सोयाबीन के भाव भी MSP से नीचे आ गए हैं। लगातार मंदी रहने के कारण व्यापारियों और किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। निर्यात में कमी के कारण सोया डीओसी की कीमतों में भारी गिरावट आई है,। हालात ऐसे हो गए हैं कि किसानों और व्यापारियों को अब लागत के हिसाब से खेती करना और व्यापार करना मुश्किल हो रहा है।

दोस्तों इसमें कोई दो राय नहीं है कि सोया डीओसी का बाजार फिलहाल गिरावट के दौर से गुजर रहा है, लेकिन अब स्थिति में सुधार की उम्मीदें बनने लगी हैं। आज की इस रिपोर्ट में हम सोया डीओसी के बाजार की स्थिति, गिरावट के कारण, और इसके भविष्य के बारे में विस्तार से जानेंगे। तो चलिए इसे सही ढंग से समझने के लिए शुरू करते हैं आज की यह रिपोर्ट।


कितनी आयी है सोया डीओसी के बाजार में गिरावट
किसान साथियो और व्यापारी भाइयों, सोयाबीन के उत्पादन में सामान्य वृद्धि के बावजूद, सोया डीओसी के निर्यात में भारी कमी आई है। पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों के अनुसार, सोया डीओसी की कीमत में लगभग 10,000 रुपये प्रति टन की गिरावट देखी गई है। यह गिरावट मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में घटते दामों के कारण आई है। अगर हम पिछले वर्ष के मुकाबले देखें, तो सोयाबीन के व्यापार में 39,000 रुपये प्रति टन तक का भाव था, लेकिन अब वही भाव घटकर 27,500 रुपये (कोटा लाइन में 29,000 रुपये) प्रति टन हो गया है। निर्यात के कमजोर रहने का प्रमुख कारण अन्य देशों से सोया डीओसी की अधिक आपूर्ति है, जो भारत के लिए प्रतिद्वंद्वी बन चुकी है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्राजील से आ रही सोया DOC भारतीय DOC के मुकाबले 40$ से $50 तक सस्ती है। इस स्थिति ने भारतीय सोया डीओसी के निर्यात को प्रभावित किया है। भारतीय सोया डीओसी के भाव अधिक होने के कारण कई देशों में इसकी मांग में गिरावट आई है, और निर्यातकों को इसके भाव घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

मंदी की स्थिति का दूसरा बड़ा कारण
दूसरा कारण सोयाबीन की क्रशिंग में वृद्धि है। जब सोयाबीन की क्रशिंग बढ़ जाती है, तो तेल सोक रिफाइंड का उत्पादन भी अधिक हो जाता है। इससे साल्वेंट प्लांट्स में ओसी (Oil Cake) का उत्पादन बढ़ता है, जिससे सोया डीओसी की मांग घट जाती है। अधिक ओसी का उत्पादन होने से बाजार में अतिरिक्त आपूर्ति होती है, और इससे सोया डीओसी के भाव में गिरावट आती है। इस स्थिति ने भी सोया डीओसी के व्यापारियों को चिंतित किया है, क्योंकि उत्पादन और मांग में असंतुलन की स्थिति बन गई है। आइए कुछ मंडियों और प्लांटों के रेट पर नजर डालते हैं।

प्लांट पहुँच सोयाबीन रेट:
सोलापुर ₹ 4500 स्थिर, लातूर ₹ 4500 तेज़ी 20, नांदेड़ ₹ 4500 स्थिर, हिंगोली ₹ 4500 स्थिर। गोयल कोटा: सोयाबीन भाव ₹ 4400 तेज़ी ₹ 25।

मंडी भाव:
बार्शी ₹ 3700/₹ 4150 (आवक 3000 बोरियां), वाशिम ₹ 4000/₹ 4200 (आवक 4000 बोरियां), दर्यापुर ₹ 3400/₹ 4250 (आवक 3000 बोरियां), जालना ₹ 4000/₹ 4050, खामगांव ₹ 3200/₹ 4200 (आवक 5000 बोरियां), शिरपुर ₹ 3400/₹ 4250 (आवक 3000 बोरी), सागर ₹ 3800/₹ 4300 (आवक 3000 बोरी), खुरई ₹ 3700/₹ 4125 (आवक 500 बोरी), बीना ₹ 4000/₹ 4250 (आवक 500 बोरी), अशोकनगर ₹ 4100/₹ 4350 (आवक 2000 बोरियां), गंजबसौदा ₹ 4200/₹ 4350 (आवक 1500 बोरी), वेरावल ₹ 3825/₹ 4165 (आवक 400 बोरी), देवास ₹ 3800/₹ 4350 (आवक 10000 बोरियां), मंदसौर ₹ 4000/₹ 4300 (आवक 3500 बोरियां)।

सोया DOC रेट
मध्य प्रदेश सोया DOC:
इंदौर ₹ 28500 मंदी ₹ 250, देवास ₹ 29500, मंदसौर ₹ 27500, गुना ₹ 30500, नीमच ₹ 27200, इटारसी ₹ 30500, उज्जैन ₹ 32500, सागर ₹ 28500, बैओरा ₹ 28600 मंदी ₹ 400।

मध्यप्रदेश प्लांट वाइज सोया DOC:
प्रकाश ₹ 28500, सांवरिया ₹ 30500, धानुका ₹ 27000, एमएस सोल्वेक्स ₹ 27500, आर एच ₹ 29600।

महाराष्ट्र प्लांट वाइज सोया DOC:
दयाल ₹ 29500, दिसान ₹ 32000, शिवपार्वती ₹ 31000, अष्टकोण ₹ 31000, साईस्मरन ₹ 31000, श्रीनिवास ₹ 30300।


क्या बढ़ सकता है सोयाबीन का रेट
किसान भाइयों, अभी के समय में, सोया डीओसी के बाजार में संतुलन की स्थिति बनी हुई है। हालांकि सेंटिमेंट अभी भी गिरावट का चल रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार हो सकता है। दिसंबर महीने के आंकड़े पूरे साल से अलग हैं। दिसंबर में भारतीय सोयामील के निर्यात में गिरावट की बजाय बढ़ोतरी देखने को मिली है। सोयामील के निर्यात में 0.03 लाख टन की वृद्धि हुई है और यह बढ़कर 2.77 लाख टन हो गया है। निर्यात में यह वृद्धि मुख्य तौर पर जर्मनी और नीदरलैंड की मांग में बढ़ोतरी के वजह से आई है। इसके अलावा देश में सोयाबीन की आवक लगातार घट रही है। जानकारों के अनुसार सोयाबीन की आवक में लगभग 11% की गिरावट देखी जा रही है। इसके अलावा सरकार द्वारा सोयाबीन की वायदा कारोबार पर प्रतिबंध हटाया जा सकता है। इसकी चर्चा तेल तिलहन के बाजार में जोरों से हो रही है। दक्षिण अमेरिका से सोयाबीन की फसल आने में अभी थोड़ा समय बाकी है। ये सब कुछ ऐसे संकेत हैं जो बता रहे हैं कि आने वाले समय में सोयाबीन और सोया DOC के भाव बढ़ सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।