सोयाबीन DOC को के उत्पादन स्टॉक और निर्यात के जारी हुए आंकड़े | जाने क्या मिल रहा है रूझान
किसान साथियो और व्यापारी भाइयो, साथियो आपने देखा कि पिछले साल सोयाबीन और सोया DOC के बाजार की किस तरह पिटाई हुई थी। इस पिटाई का मुख्य कारण था सोया DOC का निर्यात घट जाना, जिसके चलते घरेलू पेराई पर सीधा असर पड़ा। लेकिन अब परिस्थिति में बदलाव हुआ है, और इसी वजह से भावों में भी सुधार दिखने लगा है। अमेरिका और चीन के बीच चल रही टैरिफ वॉर के चलते सोया DOC बाजार में डिमांड निकलने उम्मीद बंधी है। यही वज़ह है कि पिछले कुछ दिनों में सोयाबीन और सोया DOC दोनों के भावों में तेजी देखने को मिली है। अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें। हालांकि यह सुधार फिलहाल अस्थायी माना जा रहा है, लेकिन यह संकेत जरूर देता है कि अगर अंतरराष्ट्रीय मांग बेहतर हुई तो बाजार में स्थायी सुधार की गुंजाइश बन सकती है। क्या कहते हैं आंकड़े सबसे पहले आंकड़ों को समझते हैं। SOPA की रिपोर्ट के अनुसार चालू तेल वर्ष 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर) के पहले छह महीनों में सोयाबीन उद्योग पर दबाव बना रहा है। पेराई में गिरावट, तेल आयात में बढ़ोतरी, और सोया खली की घरेलू व वैश्विक मांग में कमी के चलते प्रोसेसिंग सेक्टर की गतिविधियां सुस्त रही हैं।
सोयाबीन पेराई में 10% से अधिक गिरावट
SOPA के अनुसार अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक 60.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई, जो पिछले वर्ष के 67.50 लाख टन से लगभग 10.37% कम है। मार्च में पेराई 9 लाख टन रही, जो पिछले साल मार्च की 10.50 लाख टन से कम है। अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें।
सोया DOC का उत्पादन और निर्यात
अक्टूबर से मार्च के दौरान 47.74 लाख टन सोया DOC का उत्पादन हुआ और शुरुआत में 1.33 लाख टन बकाया स्टॉक था। इस दौरान 11.12 लाख टन DOC का निर्यात हुआ, जो पिछले साल की समान अवधि से 17.5% कम है।
सस्ती DDGS और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा बिगाड़ रही खेल
पशु चारे में सस्ते डीडीजीएस (DDGS) के विकल्प ने घरेलू मांग को प्रभावित किया है, जिसकी कीमत 15–16 रुपये/किलो है, जबकि सोया खली 30–31 रुपये/किलो है। इसके अलावा अमेरिका की सोया खली वैश्विक बाजार में भारतीय DOC से सस्ती है, जिससे निर्यात में भी गिरावट आई।
स्टॉक स्थिति और आवक से क्या मिल रहा संकेत
देशभर में अक्टूबर से मार्च तक 72 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई, जिसमें से 61 लाख टन की पेराई हो चुकी है। 1 अप्रैल तक 38.51 लाख टन बकाया स्टॉक बचा, जो पिछले साल के 64.83 लाख टन से कम है। स्टॉक का घटना एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है।
चीन और अमेरिका टैरिफ वॉर के क्या हैं पहलू
दोस्तों जिस तरह से अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर चल रहा है, इसका दो तरफा असर देखने को मिल सकता है। पहला असर तो यह है कि अमेरिका चीन को बड़ी मात्रा में सोयाबीन के उत्पादन का निर्यात करता है। चीन ने अमेरिका के उत्पादों पर 125% टैक्स लगा दिया है। अगर इससे अमेरिका का निर्यात बाधित होता है तो वह भारत को एक बाजार के रूप में देखेगा और भारत पर पहले से चल रहे आयात टैरिफ को कम करने का दबाव बना सकता है। दूसरी तरफ चीन अपनी मांग की पूर्ति के लिए भारत और ब्राजील की तरफ मुड़ सकता है। अगर आप भी मंडी बाजार से जुड़े हैं और आपको रोजाना भाव और आगे का अनुमान साथ में आयात-निर्यात से संबंधित जानकारी चाहते हैं, तो हमारी प्रीमियम सेवा मात्र ₹500 में 6 महीने के लिए उपलब्ध है। इसके लिए 9518288171 पर संपर्क करें। इससे भारत में सोया DOC की मांग निकल सकती है। जिस तरह से अमेरिका और चीन एक-दूसरे के ऊपर टैरिफ बढ़ा रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसा लगता नहीं कि यह मामला ज्यादा लंबा चलेगा। आपसी बातचीत के जरिए मामला सुलझने के आसार बन सकते हैं। इसलिए सोया तेल, सोयाबीन और सोया DOC के बाजार में अनिश्चितता रहने के आसार हैं। DDGS का विकल्प उपलब्ध होने के कारण यहां से आगे बहुत बड़ी तेजी नहीं लगती। सोयाबीन, सोया तेल और DOC के व्यापारी ऐसे में हर उछाल पर मुनाफावसूली करते रहें। व्यापार अपने विवेक से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।