नयी सरसों को बेचने में फायदा या रोकने में | जाने सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट में
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों दिवाली के बाद से मंडी भाव टुडे पर हमने अपनी लगभग सारी रिपोर्ट में यही बताया है कि सरसों का भाव नीचे की तरफ जाने वाला है और किसान साथियों और व्यापारी भाइयों को माल निकाल देना चाहिए। पिछले 3 महीने के दौरान सरसों के भाव लगभग ₹1100-1200 प्रति क्विंटल तक टूट चुके हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि आपने सही समय पर माल निकाल दिया होगा और अब नए सीजन के लिए आप तैयारी कर रहे होंगे। दोस्तों अब बड़ा सवाल यह उठता है कि सरसों का भाव गिरता गिरता कहां तक जाएगा और किस लेवल पर इसमें यू टर्न लगने की संभावना है। आपने देखा ही होगा कि पिछले साल मई के महीने में एकाएक 15 दिन के अंदर ही सरसों के भाव हजार रुपए तक बढ़ गए थे। इस तरह की तेजी क्या इस साल भी सरसों में आ सकती है। क्या इस सीजन में सरसों को स्टॉक करना चाहिए या नहीं करना चाहिए। आज की रिपोर्ट में हम इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढने की कोशिश करेंगे और यह भी अंदाजा लगाने की कोशिश करेंगे की क्या सीजन के दौरान सरसों को खरीद कर ऑफ में अच्छे भाव में बेचा जा सकता है या नहीं।
नोट :- बोली होते ही मंडियों के लाइव रेट व्हाट्सप्प पर पाने के लिए आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | अगर आप को चाहिए तो 9518288171 पर व्हाट्सअप मैसेज करे | भाव सुबह 7 बजे से आने शुरू हो जायेंगे और इस सर्विस में और भी फसलों के भाव देखने को मिलेंगे | जिन्हे लेनी है वही मैसेज करे
ताजा मार्केट अपडेट
दोस्तों अगर ताजा बाजार की बात करें तो इस समय जयपुर में कंडीशन 42% सरसों का रेट ₹6000 के आसपास चल रहा है। जबकि भरतपुर में इस समय सरसों का रेट 5750 के आसपास चल रहा है। अक्टूबर से लेकर अब तक जयपुर और भरतपुर सरसों में लगभग ₹1100 की गिरावट आ चुकी है । अभी भी बाजार में लगातार नेगेटिव सेंटीमेंट बना हुआ है । इसे देखते हुए ऐसा लगता है कि मार्च का महीना आते-आते सरसों के भाव 300 से 400 रुपये तक और टूट जाएंगे। हालांकि इसके नीचे जाने की उम्मीद फिलहाल कम ही है। जयपुर में 5600 रुपये के स्तर आसपास सरसों में यू टर्न करने की संभावना फिर से बनने लग जाएगी। मंडी भाव टुडे पर हमने जो भी आपको लेवल समझायें हैं यह मनगढ़ंत लेवल नहीं है । आइए इन स्तरों के पीछे गणित समझने का प्रयास करते हैं।
तेजी मंदी का क्या है गणित
दोस्तों किसी भी एग्री कमोडिटी या फसल में तेजी आएगी या नहीं आएगी इसका अंदाजा लगाने के लिए सबसे पहले आपको उस फसल का बुवाई रकबा, मौसम का अनुकूलन, पुराना स्टॉक, विदेशी बाजारों की स्थिति और घरेलू डिमांड को ध्यान में रखना होता है। सरसों की बात करें तो इस साल सरसों का बुवाई रकबा पिछले साल के मुकाबले घटा है। लेकिन मौसम के अनुकूल रहने के कारण जानकार मान रहे हैं कि सरसों का उत्पादन नहीं घटेगा और यथा स्थिति बनी रहेगी।
पुराने स्टॉक की क्या है स्थिति
अब बात करते हैं पुराने स्टॉक की। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल किसी भी बड़े मिलर या स्टॉकिस्ट के पास सरसों का बड़ा स्टॉक नहीं है। मंडियों में हो रही कमजोर आवक इस बात का प्रूफ है कि अभी ज्यादा सरसों बाजार में नहीं बची है। दोस्तो गौर करने वाली बात है कि पूरे 2024 साल में 2023 के मुकाबले सरसों की आवक लगातार कमजोर रही है । इसलिए अंदाजा लगाया जा सकता है कि ना तो किसानों के पास और ना ही स्टॉकिस्ट के पास सरसों कोई बड़ा स्टॉक है। रही बात सरकारी स्टॉक की तो सरकारी एजेंसी नाफेड ने इस साल भारी मात्रा में सरसों की बिकवाली की है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अब नाफेड के पास उतना बड़ा स्टॉक नहीं बचा है जितना कि पिछले साल बचा हुआ था। वैसे भी भारी बिकवाली करने के कारण इस साल सरकार अपने खाली हुए स्टॉक को फिर से भरना चाहेगी। इसलिए सरसों की सरकारी खऱीद को बढ़ा सकती है।
घरेलू डिमांड स्टैटस
अब बात करते हैं घरेलू डिमांड की। दोस्तों घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की डिमांड इतनी है कि वह घरेलू उत्पादन से पूरी नहीं की जा सकती यही कारण है कि भारत को अपनी खाद्य तेलों की जरूरत के लिए विदेशी आयात के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है। इसलिए यह सोचने की जरूरत नहीं है कि सरसों तेल की डिमांड में कोई कमी आने वाली है। अंत में हम विदेशी बाजारों की स्थिति पर चर्चा कर लेते हैं। तो दोस्तों पिछले साल फरवरी के महीने में मलेशिया में पाम तेल का रेट 3900 रिंगिट प्रति टन के आसपास चल रहा था जो कि इस समय 4250 रिंगिट के आसपास बना हुआ है। इसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि विदेशी बाजारों की स्थिति पिछले साल के मुकाबले ज्यादा मजबूत है। इस सीज़न में इंडोनेशिया की B40 और अमेरिका की टेरिफ पॉलिसी बाजार को काफी प्रभावित करने वाली थी है।
नयी सरसों को रोके या बेचे
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों सरसों के बाजार का पूरा विश्लेषण करने के बाद हम यह कह सकते हैं कि अगर आप सीजन के समय सरसों को होल्ड कर लेते हैं तो आपको ₹1000 प्रति क्विंटल तक का लाभ हो सकता है। जो व्यापारी खऱीद करना चाहते हैं वे सीजन के दौरान आप बढ़िया से बढ़िया सरसों को 5400-5500 में पकड़ सकते हैं। और मई महीने के बाद दिवाली के बीच आपको कभी भी यह मुनाफा मिल सकता है। दोस्तों सरसों के भाव में तेजी मंदी यह अंदाजा मौजूदा परिस्थितियों को देखकर ही लगाया गया है। हो सकता है कि आने वाले समय में मौसम बदल जाए और परिस्थितियां भी बदल जाए। इसलिए व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।
👉 चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।