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सरसों में बड़ा उछाल | रोके या बेचे | सरसों किसानों के लिए यह रिपोर्ट देखना जरूरी है

sarso teji mandi report
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किसान साथियो पिछले कई दिनों से हम अपनी रिपोर्ट लगातार में बता रहे हैं कि भाव में चाहे मंदी का हो या तेजी, कोई भी मंदी तेजी का दौर बहुत लंबा नहीं चलता। और यह बात हमने बहुत जोर देकर कही है।  पाम तेल के भाव में लगातार गिरावट का दौर भी कभी ना कभी तो रुकना ही था। अच्छी बात यहा है कि त्यौहारी सीज़न से ठीक पहले गिरावट रुक गयी है और माहौल में तेजी बन चुकी है। लेकिन यह तेजी कितनी टिकाऊ है इसको लेकर कुछ दिन तक संशय जरूर बना रहेगा। इस रिपोर्ट में हम यही संशय दूर करने का प्रयास करेंगे। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे

ताजा मार्केट अपडेट
विदेश में खाद्य तेलों (edible oils) के भाव लगातार तेज बने रहने और त्यौहारी डिमांड (festival Demand) निकलने के चलते शुक्रवार को घरेलू बाजार में लगातार दूसरे दिन सरसों एवं सरसों का तेल में अच्छी खासी तेजी देखने को मिली । जयपुर 42 प्रतिशत के भाव लगभग 175 रुपए प्रति क्विंटल उछल कर (Jaipur mustard rate) 6450 रुपए तक पहुंच गए। ब्रांडेड कंपनियों ने भी भाव में अच्छी खासी बढ़ोतरी की। सलोनी आगरा प्लांट पर सरसों के भाव 175 रुपए तेज होकर 7025 रुपए तक पहुंच गए। दरअसल सरसों में इतनी गिरावट आ चुकी थी कि अब यहां से घटे भाव में बिकवाली कमजोर हो रही थी और प्लांटों को त्योहारी सीजन की डिमांड को पूरा करने के लिए सरसों नहीं मिल रही थी । इसलिए सामने त्यौहारी मांग को देखते हुए चारों तरफ भाव बढ़ गए।

जैसा कि हमने अपनी कल की रिपोर्ट में बताया था कि प्रतिकूल मौसम से मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल (palm oil) का उत्पादन घटने की आशंका है, इसके अलावा पाम तेल की उत्पादन का पीक टाइम जा चुका है इसलिए वहां पर भी आगे चलकर स्टॉक कम हो सकता है। साथ ही ओपेक देशों द्वारा कच्चे पेट्रोलियम  (crude Oil) तेल के उत्पादन में कटौती से इसके दाम लगातार दूसरे दिन तेज हो गए। पेट्रोलियम के महंगा होने के कारण आयात महंगा हो जाता है और लोकल मार्केट में फसलों के भाव को सपोर्ट मिलता है।

विदेशी बाजारों की अपडेट

विदेशी बाजारों की बात करें तो मलेशिया में पाम तेल की कीमतों में लगातार 7वें दिन बढ़त देखी गई । ला नीना के प्रभाव से मौसम खराब रहने के कारण दक्षिण पूर्व एशियाई में पाम तेल उत्पादन में कमी हो सकती है। इन्हीं खबरों के चलते मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर दिसंबर वायदा अनुबंध में लगातार 7वें कार्यदिवस में 141 रिगिंट, यानि की 3.81 प्रतिशत की तेजी आकर भाव 3841 रिगिट प्रति टन हो गए। इस दौरान शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT) के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में दिसंबर महीने के सोया तेल अनुबंध में 0.33 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है ।

घरेलू बाजारों की अपडेट

घरेलू बाजार की बात करें तो जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी ( Kachchi Ghani) एवं एक्सपेलर की कीमतें शुक्रवार को 14-14 रुपये तेज होकर भाव क्रमशः 1279 रुपये और 1269 रुपये प्रति 10 किलो के स्तर पर पहुंच गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 2400 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही, लेकिन मांग कमजोर देखी गई। देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक शुक्रवार को 2.25 लाख पर स्थिर रही। बासमती धान के ताजा भाव | Basmati Paddy Rate Today 7 October 22

हाजिर मंडियों में सरसों के भाव
हाजिर मंडियों में सरसों के भाव की बात करें तो राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का भाव 5980 ,रावतसर मंडी में सरसों का भाव 38 लैब का 5540, संगरिया मंडी में सरसों का टॉप रेट 5675, पदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5721, अनूपगढ़ मंडी में सरसों का भाव 5640 ,श्री गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 5801, गोलूवाला मंडी में सरसों का प्राइस 5636, रायसिंहनगर मंडी में सरसों का रेट 5675,  पीलीबंगा में सरसों का भाव 5486,  सादुलपुर चूरू में 39 लैब सरसों का भाव 5700 , बीकानेर मंडी में सरसों का भाव 5600 और देवली में 42% कंडीशन सरसों का भाव ₹6031 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। हरियाणा की मंडियों की बात करें तो सिरसा मंडी में सरसों का भाव 5550,  ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 5821 , आदमपुर मंडी में कंडीशन सरसों का भाव 5978 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया

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रोके या बेचे
किसान साथियों मौजूदा समय में उत्तर भारत में बारिश चल रही है। यह बारिश हरियाणा ,राजस्थान में खास तौर पर सरसों की बुवाई को सपोर्ट करेगी। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में सरसों की बुआई बढ़कर 7 अक्टूबर तक 2 लाख हेक्टेयर के उपर हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई केवल 67 हजार हेक्टेयर में ही हुई थी। जानकारों के अनुसार सितंबर के अंत में कई राज्यों में हुई बारिश से सरसों की अगेती बुआई हुई है। ऐसे में अगले साल भी सरसों की अच्छी फसल होने की संभावना है। हालांकि दूसरा पहलू यह है कि गेहूं के अच्छे भाव को देखते हुए सरसों का थोड़ा बहुत रकबा गेहूं की तरफ भी शिफ्ट हो सकता है। कुल मिलाकर हमारा मानना है कि सरसों को बहुत लंबा होल्ड करने से बड़ा फायदा होने की उम्मीद कम है। इसलिए ज्यादा रिस्क ना लेते हुए समय समय पर माल निकालने का सोचा जा सकता है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें