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6050 के भाव से क्यूं लुढ़की सरसों | क्या बाजार में और तेजी बाकी है | जाने इस रिपोर्ट में

sarso me teji kab ayegi
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किसान साथियो हमने अपनी कल की रिपोर्ट में बताया था कि रूस और यूक्रेन के युद्ध के अलावा ऐसी कोई बड़ी फंडामेंटल वज़ह नहीं है जो सरसों के भाव को 6000 के उपर खींच सके। घरेलू डिमांड से सरसों के भाव को सपोर्ट जरूर मिल रहा था लेकिन सरकार ने इतनी भारी मात्रा में विदेशी तेलों का आयात कर लिया है कि अब सरसों में तेजी पर ब्रेक लगता या फिर ये कह सकते हैं कि ठहराव बनता दिखाई दे रहा है। आज की रिपोर्ट में हम तेल तिलहन के बाजारों की सारी खबरें जानेंगे और यह अंदाजा लगाने की कोशिश करेंगे कि सरसों में और तेजी बनने में कितना समय लग सकता है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

ताजा मार्केट अपडेट
पिछले हफ्ते के तेजी के रूझान को देखते हुए सोमवार को जब बाजार खुले तो सरसों में तेजी दिख रही थी। जयपुर में कंडीशन 42% की सरसों के भाव 50 रुपये तेज होकर दाम 6050 रुपये प्रति क्विटल पर खुले थे। लेकिन फंडामेंटल सपोर्ट ना होने के कारण बाजार इस स्तर को होल्ड नहीं कर पाए और शाम को वापिस 6000 के भाव पर ही बंद हुए। अन्य बाजार में कमजोरी का माहौल देखने को मिला। भरतपुर के बाजार 5610 के स्तर से लुढ़क कर 5550 रुपये प्रति क्विंटल के रह गए। दिल्ली लॉरेंस रोड पर सरसों में 100 रुपये तक की गिरावट देखने को मिली। अंतिम भाव 5700 रुपये प्रति क्विंटल के रिपोर्ट किए गए हैं। हरियाणा में चरखी दादरी लाइन पर भी सरसों में गिरावट की खबरे प्राप्त हुई हैं। सोमवार होने के कारण सरसों की आवक बढ़कर 4.50 लाख बोरियों की हुई।

प्लांटों ने गिराए भाव
बाजारों में दबाव को देखते हुए सलोनी प्लांट ने भी 25-25 रुपये करके सरसों के भाव में दो बार कटौती की। सलोनी प्लांट पर सरसों के अंतिम भाव ₹6375 प्रति क्विंटल तक रहे। गोयल कोटा प्लान्ट मैं सरसों के भाव में ₹25 की कटौती की और अंतिम भाव 5850 के रहे। आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों के भाव क्रमशः 6200 और 6300 रुपए प्रति क्विंटल तक रहे।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों में मोटे तौर पर भाव में स्थिरता देखने को मिली है। हालांकि एक दो जगह से गिरावट की खबरें भी मिल रही हैं। राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का रेट 5500 श्री गंगानगर मंडी में सरसों का रेट 2456 जैतसर मंडी में सरसों का भाव 5347 श्री विजयनगर मंडी में सरसों का भाव 5464 गजसिंहपुर मंडी में सरसों का रेट 5463 देवली मंडी में 42% सरसों का भाव 5770 रावतसर मंडी में सरसों का रेट 5480 रायसिंहनगर मंडी में सरसों का भाव 5430 और संगरिया मंडी में सरसों का रेट ₹5500 प्रति क्विंटल बोला गया है। हरियाणा की मंडियों की बात करें तो आदमपुर मंडी में सरसों का रेट 5450 लैब 42 ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 5360 भट्टू मंडी में सरसों का भाव 5415,सिरसा मंडी में सरसों का रेट 5552, सिवानी मंडी में 40 लैब सरसों का भाव 5650 मुहाना मंडी में सरसों का भाव 5251 गुना मंडी में सरसों का भाव 5200 और चरखी दादरी में सरसों का रेट 5700 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया

विदेशी बाजारों में गिरावट
सोमवार को लगभग सभी विदेशी बाजारों में तेल रुपये तिलहन के भाव कमजोर हुए। मलेशिया में पाम तेल की कीमतों में सोमवार को 2 % से ज्यादा गिर गई, जबकि ही शिकागो में सोया तेल के दाम भी कमजोर हुए। पिछले कुछ दिनों से मलेशिया में उत्पादन बढ़ने की खबरें आ रही है। उत्पादन बढ़ने की उम्मीद के साथ ही सुस्त मांग के बीच मलेशियाई एक्सचेंज में पाम तेल की वायदा कीमतें कमजोर होकर सोमवार को लगभग 6 हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गई। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (BMD) पर अक्टूबर डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 88 रिंगिट यानी 2.28 % की गिरावट आकर भाव 3,771 रिंगिट प्रति टन रह गए, जोकि 28 जून के बाद से इसका सबसे निचला भाव है। इस दौरान चीन के डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.7 % कमजोर हो गया जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.7 % कम हो गया। शिकागो में CBOT पर भी सोया तेल की कीमतें 1.4 % कमजोर हुई |

सरसों तेल और खल का रेट
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को क्रमशः 1,148 रुपये और 1,138 रुपये प्रति 10 किलो पर स्थिर हो गई। इस दौरान सरसों खल के दाम भी 2705 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर स्थिर बने रहे।

सरसों की आवक
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक सोमवार को बढ़कर 4.50 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक चार लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 2.25 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 60 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 50 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 75 हजार बोरियों की आवक हुई।

आगे तेजी रहेगी या मंदी
किसान साथियों अगस्त का महीना चल रहा है । इस महीने में तीज रक्षाबंधन आदि त्योहार अभी आने बाकी हैं। इन त्योहारों पर सरसों तेल की खास तौर पर डिमांड रहती है। यही वज़ह है कि पाम तेल के भाव लगातार गिरने के बावजूद भारत में सरसों के भाव लगातार बढ़ते रहे। सोमवार को पाम तेल के भाव 3800 की सपोर्ट का स्तर तोड़कर 3771 पर आ गए हैं। अब इसका असर भारतीय बाजार पर दिख सकता है। सरसों के बढ़ते भाव को देखते हुए ऐसी खबरें भी गर्म हो रही हैं कि सरकार नाफेड से सरसों बेचने पर विचार कर रही है। लेकिन फ़िलहाल इसे केवल व्हाट्सएप की खबर ही माना जाना चाहिए। बाजार केवल अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कमजोरी के कारण लुढ़का है भारतीय बाजार में अभी मांग की सपोर्ट बाकी है। माहौल को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर आगे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत बड़ी कमजोरी आती है तभी सरसों में बड़ी गिरावट बन सकती है। विदेशी बाजारों की कमजोरी को देखते हुए आज भले ही बाजारों में थोड़ी कमजोरी दिखे लेकिन लंबी अवधि में तेजी का यह सिलसिला जारी रहने वाला है। जिन किसान साथियो को रिस्क नहीं लेना है वे एक बार अपने माल को निकालने के बारे में सोच सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।