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क्या सरसों में और तेजी बाकी है? सरसों रखी हुई है तो ये रिपोर्ट देखे बिना बेचना नहीं

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किसान साथियो और व्यापारी भाइयों का शनिवार का दिन तेल तिलहन के किसानों और व्यापरियों के लिए 2024 का सबसे अच्छा दिन था। खाद्य तेलों पर आयात ड्यूटी बढ़ने के समाचार के बाद भारतीय बाजार में सभी तिलहन फसलों के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। एक तरफ जहां सरसों की रेट ₹200 तक बढ़े वहीं सोयबीन में भी ₹100 तक का उछाल देखने को मिला। मंडी भाव टुडे ने अपनी रिपोर्ट में पहले ही बता दिया था की अगर सरकर खाद्य तेलों पर आयात ड्यूटी बढ़ाती है तो सरसों के भाव 7000 का आंकाडा छू सकते हैं। शनिवार को बाजार में यही देखने को मिला। जयपुर में कंडीशन 42% सरसों के रेट लगभग ₹150 तक तेज हुए और 6950 के भाव पर बंद हुए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जयपुर में यह भाव पिछले दोनों साल का सबसे ऊँचा भाव है। इसी तरह से भरतपुर मंडी में भी सरसों के भाव में लगभग 181 रुपए की तेजी देखने को मिली। प्लांटों के भाव भी ₹200 तक उछल गए। अब फिर से वही बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि तेल तिलहन फसलों में आई तेजी की इस सुनामी के बाद अभी आगे बाजार कैसा रहेगा? क्या सरसों के भाव और बढ़ जाएंगे या फिर अभी यहां पर मुनाफा वसूली देखने को मिलेगी और भाव धीरे-धीरे नीचे की तरफ खिसक जाएंगे। इन दोनों परिस्थितियों में से बाजार की किस तरफ जाने की ज्यादा चांसेस हैं आज की रिपोर्ट में हम इसी मुद्दे का बारीकी से विश्लेषण करेेंगे। अगर आप ने सरसों को अभी तक नहीं बेचा है तो ये रिपोर्ट आपके लिए सबसे जरूरी है।

ताजा मार्केट अपडेट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों जैसा की हमने ऊपर बताया की श्रीवर को सरसों के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। जयपुर में भाव जहां सुबह के समय 50 रुपये तेज होकर 6900 रुपये पर खुली थी जो कि शाम को 50 रुपये और तेज हुई और भाव 6950 पर बंद हुए। भरतपुर सीधी 181 रुपये तेज होकर 6606 रुपये पर खुली। और बाद में उपर में भाव 6624 तक हो गए थे। अन्य मुख्य केंद्रों पर सरसों के भाव को देखें तो कल के मंडी भाव इस प्रकार रहे: खैरली में सरसों का रेट 6650 रुपये, जयपुर में 6900 रुपये, दिल्ली में 6600 रुपये, च दादरी में 6650 रुपये, अलवर में 6600 रुपये, बरवाला में 6225 रुपये, हिसार में 6000 रुपये, गोयल कोटा में 6750 रुपये, मुरैना में 6150 रुपये, ग्वालियर में 6200 रुपये, खैरथल में 6600 रुपये, गंगापुर में 6700 रुपये, टोंक में 6480 रुपये, निवाई में 6500 रुपये और सिवानी में 6350 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किए गए।

प्लांटों में 200 रुपये की तेजी
शनिवार को सरसों प्लांटों के खरीद भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। सरसों के भाव 200 रुपये तेज होकर पिछले दो साल के उच्चतम भाव पर पहुंच गए। प्लान्ट वाईज सरसों के भाव इस प्रकार रहे: वंश सीतापुर में 6800 रुपये, शारदा में 7150 रुपये, बीपी आगरा में 7050 रुपये (100 रुपये की बढ़त के साथ), अडानी बूंदी में 7050 रुपये, अडानी अलवर में 7050 रुपये, गोयल कोटा में 6750 रुपये, और सलोनी सरसों प्लांट में – सामसाबाद और डीगनेर में 7650 रुपये (200 रुपये की बढ़त के साथ), अलवर और कोटा में 7550 रुपये (200 रुपये की बढ़त के साथ) दर्ज किए गए।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
शनिवार को हाजिर मंडियों में बढ़िया तेजी देखने को मिली । सरसों मंडी भाव इस प्रकार रहे: ऐलनाबाद मंडी में 5750 से 6375 रुपये, सिरसा मंडी में 5700 से 6425 रुपये, सिवानी मंडी में 40 लैब रेट 6350 रुपये, गजसिंहपुर मंडी में 5868 से 6307 रुपये, श्री गंगानगर मंडी में 4900 से 6305 रुपये, घड़साना मंडी में 5766 से 6295 रुपये, जैतसर मंडी में 5881 से 6260 रुपये, पीलीबंगा मंडी में 6050 से 6200 रुपये, देवली मंडी में 5700 से 6800 रुपये, सरसों 42% रेट 6750 से 6800 रुपये, गोलूवाला मंडी (लेब 39.99%) में 5951 से 6310 रुपये, नोहर मंडी (लैब 40%) में 6100 से 6300 रुपये, सरसों 42% रेट 6700 रुपये, सुरतगढ़ मंडी में 5523 से 6219 रुपये, संगरिया मंडी में 5790 से 6405 रुपये, आदमपुर मंडी में लैब 43.5 के साथ 6600 रुपये, भट्टू मंडी में 6451 रुपये, अनूपगढ़ मंडी में 5715 से 6357 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किए गए। सबसे तेज भाव देवली मंडी में 6800 रुपये रहा।

 

आयात शुल्क बढ़ने से कितना महंगा होगा आयात
शुक्रवार के हिसाब से देखें तो पाम तेल CPO की कीमत 949 डॉलर प्रति टन थी, जिसे 84.9 के एक्सचेंज रेट पर बदलने पर 80,570 रुपये प्रति टन बनती है। अब इस पर 27.5% आयात शुल्क यानी 22,156 रुपये प्रति टन लगेगा, जबकि पहले 0% ड्यूटी के साथ केवल 4431 रुपये प्रति क्विंटल का AIDC टैक्स लगता था। अब, आयात ड्यूटी जुड़ने से CPO की लागत प्रति क्विंटल 17,725 रुपये बढ़ेंगी । इसी तरह से सोया तेल की कीमत जो कि पहले 983 डॉलर प्रति टन थी, जिसे एक्सचेंज रेट के बाद 83,456 रुपये प्रति क्विंटल बैठता है। इस पर अब 27.5% के हिसाब से आयात शुल्क यानी 22,950 रुपये प्रति टन लगेगा ड्यूटी बढ़ने से पहले यह शुल्क 4590 रुपये प्रति टन था। अब, सोया तेल आयात 18,360 रुपये प्रति टन महंगा पड़ेगा। इस अनुपात को देखते हुए कहा जा सकता है कि सभी तरह के खाद्य तेलों में 5 से 8 रुपये प्रति किलो बढ़ने की गुंजाईश है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

तेल और खल के भाव
जयपुर में सरसों टेल कच्ची घनी और एक्सपेलर के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। सरसों तेल कच्ची घानी के भाव 47 तेज होकर 1422 प्रति 10 किलो हो गए और एक्सपेलर के भाव की अपडेट भी इतनी ही तेजी के बाद 1412 रुपए प्रति, 10 किलो रहे। जयपुर में सरसों खाल में भी तेजी देखने को मिली और इसके भाव ₹30 तेज होकर 2750 प्रति क्विंटल हो गए जहां तक सरसों की आवक की बात है, इतनी तेजी आने के बावजुद भी सरसों की कुल आवक 2 लाख 25 हजार  बोरी से ऊपर नहीं जा सकी।

अभी और तेज हो सकती है सरसों
किसान साथियों सरसों के बाजार में पिछले दो साल की लंबी अवधि में मंदी की मार झेल रहे व्यापारी अभी तेजी की माहौल में फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं। घाटे का डर उन्हें लगातार सता रहा है। यही वज़ह है कि जिस अनुपात में खाद्य तेलों की ड्यूटी बढ़ी है उस अनुपात में अभी सरसों और सोयाबीन के भाव नहीं बढ़े हैं। दोस्तों मंडी भाव टुडे पर हम बड़ी जिम्मेदारी के साथ यह कहना चाहते हैं की आयत शुल्क बढ़ने के बाद बाजार को स्टाबिलइज होने में थोड़ा सा समय लगेगा। बाजार में कुछ तेजी तो बन गई है और कुछ तेजी और बन सकती है। किसान साथियों को बाजार को लगातर मॉनिटर करते रहना चाहिए और जब तक बाजार तेज हो रहा है तब तक होल्ड करके बैठे रहना चाहिए। क्योंकी सरकर की फैसले के बाद बाजार अपनी सही दिशा को पकड़ने में वक्त ले सकता है। इसलिए आपको इस समय जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना। ऐसा भी हो सकता है अच्छे भाव होने के बाद बाजार में सरसों की आवक बढ़ जाए इसलिए आपको सरसों की आवक को लगातर मॉनिटर करना है और दैनिक आवक अगर 4 लाख बोरी के पार जाती है तो आपको तुरन्त प्रभाव से अपनी सरसों निकल देनी चाहिए। अगर आवक 3 लाख बोरी के नीचे रहती है तो इसे बाजार में और तेजी का संकेत माना जा सकता है। जयपुर में सरसों के भाव 7000 होने की पुरी-पुरी संभावना है और अगर आप चाहे तो कुछ माल इस स्तर पर जरुर निकल दें। आयात ड्यूटी बढ़ने के बाद कुछ दिन तक विदेशी बजारों में आ रही तेजी मंदी का बहुत बड़ा फर्क भारतीय बाजार पर नहीं पड़ेगा। व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।