सरसों के सीज़न में नुकसान से बचना है तो ये रिपोर्ट जरूर पढ़ लेना | सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियों और व्यापारी भाइयों मंडी मार्केट पर हम पिछले 5 साल से सरसों के बाजार का विश्लेषण कर रहे हैं। हमारे दी गई 95% तक सटीक निकली है। सरसों का सीजन आ चुका है और किसान साथी चाहते हैं कि उन्हें अपने सरसों का बढ़िया से बढ़िया भाव मिले। हमारे व्यापारी भाई चाहते हैं कि वे सरसों के सीजन में अच्छा मुनाफा कमा सकें। इसीलिए हम हमारे किसान साथियों और व्यापारी भाइयों के सामने सरसों के बाजार की सही तस्वीर रखना चाहते हैं ताकि वे बाजार की चाल का अंदाजा लगा सके। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी यह रिपोर्ट आपको ज्यादा से ज्यादा मुनाफा दिलवाने में सहायक होगी। यह रिपोर्ट 1 मार्च 2025 तक सरसों के बाजार की स्थिति, सरसों आवक, क्रशिंग और स्टॉक की स्थिति का विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिससे बाजार की मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को समझा जा सके। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
ताजा मार्केट अपडेट
दोस्तों मार्च का महीना शुरू हो गया है और सरसों का सीजन सोमवार से अपने रंग में दिखने लग जाएगा। राजस्थान में मंडियों की हड़ताल समाप्त हो गई है और सरसों की आवक ज़बरदस्त तरीके से बढ़ने की उम्मीद है। बाजार की बात करें तो मार्च के पहले दिन सरसों बाजार में कमजोरी देखने को मिली। जयपुर, दिल्ली, चरखी दादरी, अलवर, गोयल कोटा, मुरैना, खैरथल, टोंक और निवाई में सरसों के भाव में गिरावट दर्ज की गई। जयपुर में ₹ 50 की मंदी के साथ भाव ₹ 6325 रहा, जबकि दिल्ली में ₹ 25 की गिरावट के साथ ₹ 6150 पर बंद हुआ। चरखी दादरी में ₹ 25 की मंदी आई और भाव ₹ 6125 रहा। गोयल कोटा में सबसे ज्यादा ₹ 150 की गिरावट दर्ज की गई, जिससे सरसों का भाव ₹ 6050 पर आ गया। वहीं, मुरैना में ₹ 50 घटकर ₹ 5700, खैरथल में ₹ 50 गिरकर ₹ 5900 और टोंक में ₹ 50 की मंदी के साथ ₹ 6030 पर बंद हुआ। निवाई में भी ₹ 50 की गिरावट देखने को मिली और सरसों का भाव ₹ 6050 रहा। हालांकि, कुछ मंडियों में भाव स्थिर बने रहे। बरवाला, हिसार, ग्वालियर और सिवानी में किसी प्रकार का बदलाव नहीं देखा गया और इनके भाव क्रमशः ₹ 5800, ₹ 5900, ₹ 5800 और ₹ 5800 पर स्थिर रहे। सरसों की आवक अभी भी 3 लाख 50 हजार बोरी की ही हुई है। हालांकि राजस्थान में मंडियां सोमवार से खुल जाएंगे इसके बाद सरसों की आवक में अच्छा खासा उछाल देखने को मिल सकता है।
साप्ताहिक आधार पर कितना फेरबदल
साप्ताहिक सरसों बाजार रिपोर्ट (24 फरवरी - 01 मार्च 2025)
इस सप्ताह सरसों बाजार में कुल मिलाकर मंदी का रुख देखने को मिला। प्रमुख मंडियों में सरसों के भाव में गिरावट दर्ज की गई, जबकि आवक में वृद्धि देखी गई, जिससे बाजार में दबाव बना रहा।
साप्ताहिक आधार पर प्रमुख मंडियों के सरसों भाव में बदलाव:
जयपुर: ₹ 6375 से घटकर ₹ 6325, मंदी ₹ 50
दिल्ली: ₹ 6225 से घटकर ₹ 6150, मंदी ₹ 75
चरखी दादरी: ₹ 6200 से घटकर ₹ 6125, मंदी ₹ 75
अलवर: ₹ 6000 से घटकर ₹ 5950, मंदी ₹ 50
बरवाला: ₹ 5750 स्थिर, हिसार: ₹ 5900 स्थिर
मुरैना: ₹ 5800 से घटकर ₹ 5700, मंदी ₹ 100
ग्वालियर: ₹ 5850 से घटकर ₹ 5800, मंदी ₹ 50
खैरथल: ₹ 5950 से घटकर ₹ 5900, मंदी ₹ 50
टोंक: ₹ 6030 स्थिर, निवाई: ₹ 6050 स्थिर
सिवानी: ₹ 5950 से घटकर ₹ 5800, मंदी ₹ 150
प्लांट्स और प्रोसेसिंग यूनिट्स पर सरसों भाव में गिरावट:
सलोनी प्लांट
▪️ शमसाबाद आगरा ₹ 6850 से घटकर ₹ 6750, मंदी ₹ 100
▪️ दिगनेर आगरा ₹ 6850 से घटकर ₹ 6750, मंदी ₹ 100
▪️ अलवर ₹ 6850 से घटकर ₹ 6800, मंदी ₹ 50
▪️ कोटा ₹ 6775 से घटकर ₹ 6650, मंदी ₹ 125
सरसों तेल और खल बाजार पर असर:
सरसों तेल में भी मंदी का प्रभाव दिखा। जयपुर में एक्सपेलर तेल ₹ 1339 से गिरकर ₹ 1336 पर आ गया, जबकि दिल्ली में ₹ 1325 से गिरकर ₹ 1320 पर पहुंच गया। कच्ची घानी तेल जयपुर में ₹ 1349 से गिरकर ₹ 1346 हो गया। सरसों खल के भाव में भी गिरावट देखी गई। जयपुर में खल का भाव ₹ 2105 से घटकर ₹ 2090 हो गया, जबकि अलवर में ₹ 2100 से ₹ 2080 तक लुढ़क गया। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
सप्ताहिक आधार पर इस सप्ताह मंडियों में आवक में उल्लेखनीय वृद्धि
▪️ मध्य प्रदेश - 15,000 बोरी से बढ़कर 20,000 बोरी
▪️ उत्तर प्रदेश - 20,000 बोरी से बढ़कर 25,000 बोरी
▪️ हरियाणा + पंजाब - 5,000 बोरी से बढ़कर 10,000 बोरी
▪️ गुजरात - 10,000 बोरी से बढ़कर 15,000 बोरी
▪️ अन्य राज्यों से - 40,000 बोरी से बढ़कर 50,000 बोरी
▪️ कुल आवक: 2.15 लाख बोरी से बढ़कर 3.50 लाख बोरी
साप्ताहिक बाजार विश्लेषण:
पिछले एक सप्ताह में सरसों के भाव में गिरावट दर्ज की गई, जो मुख्य रूप से आवक में बढ़ोतरी और सरकार द्वारा ड्यूटी ना बढ़ाने और विदेशी बाजारों में गिरावट के कारण रही। जयपुर, दिल्ली, चरखी दादरी, अलवर, मुरैना जैसी प्रमुख मंडियों में सरसों के भाव ₹ 50-₹ 150 तक घट गए। प्लांट्स और प्रोसेसिंग यूनिट्स पर भी सरसों की कीमतें घटीं, जिससे तेल और खल के भावों में भी मंदी रही। हालांकि, कुछ मंडियों में स्थिरता बनी रही, लेकिन कुल मिलाकर बाजार कमजोर दिखा।
सरसों की उपलब्धता और स्टॉक स्थिति:
2024 की फसल का अनुमान: 108 लाख मीट्रिक टन (Lac MT)।
पिछले वर्ष (2023) का पुराना स्टॉक: 12 लाख मीट्रिक टन।
1 मार्च 2025 तक कुल उपलब्धता: 120 लाख मीट्रिक टन।
मार्च 2024 से फरवरी 2025 तक कुल आवक: 107 लाख मीट्रिक टन।
साथियो साल 2024 से लेकर अब तक की अवधि में कुल क्रशिंग 111 लाख मीट्रिक टन की हो चुकी है और क्रशिंग की उच्च दर के कारण स्टॉक घटकर 9 लाख मीट्रिक टन रह गया है। जो की पिछले साल 13.5 लाख टन था।
किसके पास कितनी सरसों
किसानों के पास: 1 लाख मीट्रिक टन।, प्रोसेसर्स एवं स्टॉकिस्ट के पास: 1 लाख मीट्रिक टन। NAFED / HAFED के पास: 7 लाख मीट्रिक टन। सरकारी एजेन्सी NAFED और HAFED ने पिछले सीजन में 20 लाख मीट्रिक टन की खरीद और 20 लाख मीट्रिक टन का निपटान किया।
विदेशी बाजारों की अपडेट
विदेशी बाजारों की बात करें तो पिछले हफ्ते मलेशिया के बाजारों में आम तेल का में वाला चार्ज 4664 के स्तर पर खुला था जो की 28 तारीख यानी कि शुक्रवार को 4553 पर बंद हुआ 111 रिंगिट की कमजोरी देखने को मिली। इसी तरह से अमेरिका में भी सोया तेल के भाव में ढाई प्रतिशत से ज्यादा की कमजोरी देखने को मिली है। आगे भी विदेशी बाजारों से कोई खास तेजी के समाचार नहीं मिल रहे हैं।
सरसों में आगे क्या
दोस्तों क्योंकि सरसों का सीजन पीक की तरफ जा रहा है इसलिए सरसों बाजार में मंदी की संभावना बनी हुई है। सोमवार को आवक बढ़ने की उम्मीद है। हम मानते हैं की बरसात और ओलावृष्टि के कारण कुछ इलाकों में सरसों की फसल को नुकसान हुआ है लेकिन अभी तक इस नुकसान का अंदाजा नहीं लगाया जा सका है। इसलिए इसका भाव पर कितना होगा असर होगा यह नहीं बताया जा सकता। जिस तरह से इस साल सरसों की फसल के हिसाब मौसम अनुकूल रहा है उसे देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि रकबा घटने के बावजूद भी सरसों का उत्पादन बहुत कम रहेगा। रही बात स्टॉक की तो जैसा कि हमने ऊपर स्टॉक के विश्लेषण में बताया कि सरसों का स्टॉक पिछले साल से कम है इसलिए पिछले साल जैसी गिरावट होने की संभावना न के बराबर है। आवक के कम रहने के कारण पिछले दिनों बाजार में मजबूती जरूर दिखी है। लेकिन यह स्थिति जल्द ही बदलती दिखेगी। गौरतलब है कि यदि आवक में तेजी नहीं आती, तो स्टॉक की कमी के कारण कीमतों में स्थिरता तो देखी जा सकती है लेकिन इस समय तेजी सोचना तर्कसंगत नहीं है। इसलिए किसान साथी चाहे तो मौजूदा भाव पर अपना माल निकाल सकते हैं और व्यापारी भाई खरीद करने के लिए थोड़ा सा इंतजार और कर सकते हैं। बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, किसानों और व्यापारियों को सतर्क रहने और अपने स्टॉक प्रबंधन को योजनाबद्ध तरीके से संचालित करने की सलाह दी जाती है। नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव चाइये तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे | व्यापार अपने विवेक से करें
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।