विदेशी बाजारों में तूफानी तेजी के बाद कितनी और उछलेगी सरसों
किसान साथियो सरसों और गेहूं के किसानों को लगातार मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। बेमौसम बरसात के चलते गेहूं की फ़सल लेट गई है जबकि काट कर इकट्ठा की गई सरसों पर थ्रेशर नहीं चलाया जा सका है। विडंबना यही है कि जब किसान की फ़सल जब खराब होती है तभी उसकी फ़सल का भाव बढ़ता है। फसल के खराबे के कारण जो भाव बढ़ता है उससे किसान को फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता है। मरूधर एजेंसी ने सरसों की आवक और क्रशिंग को लेकर एक रिपोर्ट बनाई है जिसमें सरसों के कुल उत्पादन और स्टॉक का डाटा रिलीज़ किया है। आज की रिपोर्ट में हम उसी रिपोर्ट के आधार पर यह जानने की कोशिश करेंगे कि सरसों को बेचना सही है या होल्ड भी कर सकते हैं। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
सरसों में बड़ा उछाल
किसान साथियो सोमवार को जब बाजार खुले तो सरसों में तेजी बन गई। तेल मिलों की मांग बनी रहने से घरेलू बाजार लगातार तीसरे दिन सरसों के भाव में यह तेजी दर्ज हुई है। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 64 रुपये उछलकर 5,925 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। हालांकि भरतपुर में बाजार सुस्त दिखाई दे रहे थे लेकिन शाम होते होते वहाँ भी बाजार में तेजी आ गई और भाव 54 रुपये उछल गए। भरतपुर में अंतिम भाव 5500 के रिपोर्ट किए गए हैं। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर भी सरसों के भाव 50 रुपये तेज होकर 5700 तक पहुंच गए। उम्मीद लगाई जा रही थी कि कुछ जगह पर मौसम साफ हुआ है इसके बाद सरसों की आवक में बढ़ोतरी होगी लेकिन सोमवार को ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दिया और सरसों की आवक आवक 4.50 लाख बोरियों पर स्थिर बनी रही। सरसों पहुंची 6000 के नजदीक | जाने कहाँ मिल रहे हैं इतने रेट
प्लांटों पर बड़ी तेजी
घटी हुई आवक को देखते हुए तेल मिलों ने अपनी खरीद बढ़ा दी जिससे सरसों के भाव तेज हो गए. सलोनी प्लांट में सरसों के भाव ₹50 तक बढ़ाए जिसके बाद सलोनी प्लांट पर खरीद भाव 6400 तक पहुंच गए। आगरा बी पी प्लांट पर सरसों के भाव लगातार तीसरे दिन ₹50 तेज हुए और अंतिम भाव 6200 के रिपोर्ट किये गए हैं शारदा प्लांट पर भी ₹50 की तेजी दर्ज हुई है। गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के भाव में ₹100 की अच्छी खासी बढ़ोतरी की गई और भाव 5800 पर बंद हुए। आज के सरसों के ताजा भाव जानने के लिए आप हमारी ऐप्प मंडी मार्केट को डाउनलोड कर सकते हैं
विदेशी बाजारों में तूफानी तेजी
सोमवार को विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों में तगड़ी तेजी देखने को मिली है। व्यापारियों को कहना है कि सऊदी अरब और अन्य ओपेक उत्पादक देशों कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने की घोषणा के चलते यह तेजी बनी है। मलेशियन क्रूड पाम आयल (CPO) वायदा सोमवार को दो महीने में सबसे बड़ी तेजी के साथ 3 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुआ। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, (BMD) पर जून महीने के पाम ऑयल वायदा अनुबंध में 124 रिंगिट यानी की 3.3 प्रतिशत की तेजी के बाद भाव 3,885 रिंगिट प्रति टन पर पहुंच गए, सुबह के सत्र में इसमें तूफानी तेजी देखने को मिली थी और सुबह के सत्र में यह 4.2 प्रतिशत तक तेज हो गया था। इसके अलावा चीन के डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 1.4 प्रतिशत तक तेज हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 1.7 प्रतिशत मजबूत हुआ । शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें भी 2.0 प्रतिशत तक उछल गई । क्या इस सीज़न में MSP से उपर बिकेगा आपका गेहूं | जानें रिपोर्ट में
सरसों में तेजी की बड़ी वज़ह
बाजार के जानकारों का कहना है कि विदेशी बाजारों में तूफानी तेजी को देखते हुए ही घरेलू बाजार में भी सरसों तेल की कीमतें तेज हुई हैं। इसके अलावा कम आवक ने भी सरसों के भाव को सहारा दिया है। सरसों उत्पादक राज्यों में मौसम लगातार खराब बना हुआ है जिससे सरसों की आवक कमजोर बनी हुई है। भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों और उत्तर राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 या 2 स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। ऐसे में सरसों में मिलों की मांग बनी रहने से मौजूदा भाव में हल्का सुधार और भी बन सकता है। किसानों को उम्मीद है कि सरसों के भाव जरूर बढ़ेंगे इसलिए ज्यादातर किसानों ने सरसों को रोक लिया है। मरुधर एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार के अनुसार मार्च में देशभर की उत्पादक मंडियों में 16 लाख टन सरसों की आवक हुई है, जिसमें से 11 लाख टन क्रेसिंग हुई। पहली अप्रैल को किसानों के पास करीब 96 लाख टन एवं व्यापारियों तथा मिलर्स के पास 5 लाख टन को मिलाकर कुल 101 लाख टन सरसों का बकाया स्टॉक है। देखे आज के नरमा और कपास के ताजा मंडी भाव 03 April 2023
सरसों रोके या बेचे
किसान साथियों जैसा कि हमने बताया कि किसानों के पास लगभग 96 लाख सरसों स्टॉक हुई है। ऐसे में बड़ा स्टॉक होने के कारण ऐसा नहीं लगता कि यहां से आगे कोई बहुत बड़ी तेजी आने की संभावना है। लेकिन यह कहा जा सकता है कि सरसों का उत्पादन पिछले अनुमानों से कम हो सकता है। सरकार द्वारा दिए गए बंपर उत्पादन के आंकड़े के बाद सरसों के भाव काफी पिट गए थे। लेकिन अब उतने उत्पादन की संभावना ना के बराबर है यही वजह है कि सरसों के भाव अपने निचले लेवल से संभल रहे हैं। नुकसान की खबरों के बावजूद भी मंडी भाव टुडे का अंदाजा है कि इस साल सरसों का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा ही रहने वाला है। इसीलिए हम कह रहे हैं कि सरसों में बहुत बड़ी तेजी के आसार कम हैं। किसान साथी चाहे तो सरसों के भाव में हो रहे हर उछाल पर थोड़ा-थोड़ा माल निकाल सकते हैं। बाकी व्यापार अपने विवेक से ही करें।
सरसों में कितनी और तेजी की है उम्मीद | जानिए क्या कहते हैं जानकार | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट