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गेहूं के भाव में और कितनी तेजी बन सकती है | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

गेहूं के भाव में और कितनी तेजी बन सकती है | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो इस सल गेहूं की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 14 अगस्त के बीच किसानों को गेहूं का औसत थोक भाव 2518 रुपये प्रति क्विंटल मिला था । हालांकि अलग-अलग राज्यों में गेहूं के भाव में काफी अंतर देखा जा रहा है। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में गेहूं का थोक भाव 3302 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जो की पिछले साल की तुलना में 8.78 प्रतिशत कम है।

गेहूं आटा की कीमतों में हुई वृद्धि
साथियो देश भर में गेहूं और आटे की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। महाराष्ट्र में गेहूं का भाव 2939 रुपये प्रति क्विंटल है जो की पिछले साल के 3450 रुपये प्रति क्विंटल से 14.79 प्रतिशत कम है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं के भाव में 5.19 प्रतिशत की तेजी आई है। पिछले साल गेहूं का भाव 2393 रुपये प्रति क्विंटल था जो इस साल बढ़कर 2517 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। गेहूं की कीमतों में इस तरह के उतार-चढ़ाव का सीधा असर आटे की कीमतों पर भी पड़ता है। 18 अगस्त 2024 को गेहूं के आटे का अधिकतम भाव 65 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था और औसतन आटे का भाव 35.78 रुपये प्रति किलो रहा, जबकि न्यूनतम भाव 28 रुपये प्रति किलो रहा। अलग-अलग राज्यों में आटे की कीमतों में भी काफी अंतर देखा जा रहा है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में आटा का भाव 32 रुपये प्रति किलो, जम्मू-कश्मीर में 41.5 रुपये प्रति किलो, हरियाणा में 33.33 रुपये प्रति किलो और महाराष्ट्र में 43.53 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

गेहूं की आवक में आई गिरावट
गेहूं की मंडियों में आवक में इस साल काफी कमी देखी गई है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 14 अगस्त तक गेहूं की आवक पिछले साल इस समय की तुलना में 13 प्रतिशत कम रही है। इस साल इस अवधि में कुल 4,78,658 टन गेहूं की आवक हुई है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 5,51,728 टन गेहूं बिका था। राज्यवार देखें तो उत्तर प्रदेश में गेहूं की आवक सबसे अधिक रही है। अगस्त के पहले दो सप्ताह में राज्य में 2,78,144 टन गेहूं बिका, जो पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, मध्य प्रदेश में गेहूं की आवक में 26 प्रतिशत की कमी देखी गई है। इस साल राज्य में 1,65,347 टन गेहूं की आवक हुई, जबकि पिछले साल 2,22,931 टन गेहूं की आवक हुई थी। राजस्थान और महाराष्ट्र में भी गेहूं की आवक की बात करे तो राजस्थान 57 प्रतिशत और महाराष्ट्र 72 प्रतिशत आवक में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

आगे गेहूं में क्या हो सकता है
साथियो सरकार ने चालू महीने से रोलर फ्लोर मिलों और ब्रेड निर्माता कंपनियों के लिए 2300 से 2325 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं की बिक्री खुले बाजार में शुरू करने का फैसला किया है। इस फैसले के कारण मंडियों में गेहूं की मांग कम होने की संभावना है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे वर्तमान भाव पर ही अपना गेहूं बेच सकते है। आगे गेहूं के भावों में उतार-चढ़ाव सरकार की बिक्री नीति पर निर्भर करेगा। पिछले साल सरकार ने बाजार में लगातार गेहूं की आपूर्ति की थी जिसके कारण नवंबर के बाद भावों में कोई तेजी देखने को नहीं मिली थी । वर्तमान में गेहूं के भाव 2790 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं जो पिछले साल की तुलना में लगभग 300 रुपये अधिक है। बाकि व्यापर अपने विवेक से करे 

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।