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सोयाबीन में कब तक मिलेंगे 5000 के उपर के भाव | जाने सोयाबीन की तेजी मंदी रिपोर्ट में

सोयाबीन में कब तक मिलेंगे 5000 के उपर के भाव | जाने सोयाबीन की तेजी मंदी रिपोर्ट में
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किसान साथियो और व्यापारी भाइयों पिछले हफ्ते भारी बारिश, सोया तेल और DOC में उठाव से सोयाबीन के भाव में 200-250 रुपये की तेजी देखने को मिली है। मंडियों से लेकर प्लान्टों तक भाव तेज हुए हैं। कीर्ति प्लान्ट पर सोयाबीन का रेट 4820 रुपये के पार हो गया है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भारी बारिश के चलते सोयाबीन की नयी फसल पर नुकसान का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मानसूनी सीज़न लंबा होने वाला है। जानकारों का कहना है कि अगर सितम्बर में भारी बारिश जारी रही तो सोयाबीन की फली का विकास प्रभावित हो सकता है जिससे कुल उत्पादन पर असर पड़ सकता है। सोयाबीन में तेजी तो बनी है लेकिन भाव अभी भी MSP से नीचे चल रहे हैं।

इसी वज़ह से मध्य प्रदेश में किसान सोयाबीन की 6000 के भाव में खरीदारी का आग्रह कर रहे हैं किसान धीरे-धीरे आंदोलन के मूड में जा रहे हैं। साल 2021-22 के बाद से किसान और व्यापारी को उच्चित भाव ना मिलने से निराशा बनी हुई है। मंडी भाव टुडे पर हमने पिछले सप्ताह की रिपोर्ट में बता दिया था कि सोयाबीन के भाव एमएसपी तक बढ़ सकते है। रिपोर्ट के मुताबिक फ़िलहाल 250-300 रुपये की बढ़त के साथ मंडियों में भाव 4500 के आसपास बोले जा रहे हैं जबकि प्लांट डीलीवरी भाव 4800 के पार हो गया है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

सोया तेल पर क्या है अपडेट
विदेशी बाज़ारों की मजबूती और ड्यूटी की अफवाहों से सोया तेल में बीते सप्ताह 1.5 रुपये/किलो की बढ़त देखने को मिली है। पिछले दिनों पाम में आयी तेजी के बाद पाम तेल के ऊँचे भाव होने और सप्लाई के कम रहने से तेलों की डिमांड सोया तेल की तरफ शिफ़्ट हुई है। इसके अलावा बंदरगाहों पर जहाजों की आवाजाही और डिस्चार्ज में देरी से सप्लाई टाइट रहने से भी सोया तेल को सहारा मिला है। हालाँकि व्यापरियों का मानना है कि मौसम में सुधार होने पर यह समस्या दूर होगी जिससे सप्लाई सुचारु रूप से चालू हो जाएगी।

त्यौहारी सीज़न का असर
भारत में त्यौहारी सीज़न की शुरुआत हो चुकी है और आगे और बड़े त्योहारों का समय आ रहा है। सीज़न को देखते हए आयातक सोया तेल की खरीदारी बढा रहे हैं मंडी भाव टुडे का अंदाजा था कि सोया तेल में दिवाली तक तेजी बनेगी लेकिन सोया तेल के भाव में यह तेजी उम्मीद से पहले ही आ गई है। हम मानते हैं कि नयी फसल को देखते हुए अन्य तेलों की तुलना में सोया तेल में ज्यादा तेजी नहीं आयी लेकिन उम्मीद है आगे गिरावट नहीं है। सोया तेल में इन स्तरों से 2 से 2.5 रुपये/किलो तक और तेज होने की जगह है। ध्यान देने वाली बात यह है कि चूंकि तेजी उम्मीद से पहले आ चुकी है इसलिए उपरी स्तर पर थोड़ी बहुत मुनाफा वसूली देखने को मिल सकती है जिसके बाद फिर से सोयाबीन और सोया तेल में तेजी का अंदाजा है।

विदेशी बाजारों की अपडेट
अर्जेंटीना में सोयाबीन की धीमी बिक्री से अगस्त महीने में सोया तेल का उत्पादन और निर्यात में गिरावट आयी है। कमजोर उत्पादन और निर्यात के चलते अर्जेंटीना में सोया तेल के भाव बढ़कर 950-955$/टन तक बोले जा रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार अर्जेंटीना में भाव बढ़ने से वहां के किसान सोयबीन की बिक्री बढा रहे हैं जिससे आगे चलकर सोयाबीन की सप्लाई सामान्य होने की संभावना है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 9 सितम्बर से अर्जेंटीना में फिर से लेबर की हड़ताल हो सकती है जिसके कारण सोया तेल की सप्लाई बाधित हो सकती है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

नयी फसल का क्या होगा असर
किसान साथियो गौर करने वाली बात यह है कि अक्टूबर महीने में नयी फसल की आवक का प्रेशर आना है जिसे व्यापारी देख रहे हैं। इसके अलावा हाल फिलहाल में आयी तेजी के बाद खाद्य तेलों में ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली के चलते कुछ करेक्शन आने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। इसलिए पुराने स्टॉक वाले किसान अगर रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो एक बार थोड़ा बहुत माल हल्का कर लेना चाहिए।

क्या 5000 के उपर जाएंगे सोयाबीन के भाव
तेजी मंदी के सभी कारकों को देखें तो ओवर ऑल पिक्चर यह बनती है कि सोयाबीन के भाव में सितम्बर से नवंबर तक बाजार में बड़ी मंदी नहीं दिख रही कुल मिलाकर तेजी का माहौल ही रह सकता है। अगर मौसम साफ़ रहता है तो सोयाबीन में कुछ करेक्शन भी देखने को मिल सकता है जहाँ पर व्यापारी चाहे तो कुछ खरीद भी कर सकते हैं। आगे के मौसम और विदेशी बाजारों की चाल को देखें तो ऐसा लगता है कि यहाँ से आगे सोयाबीन में अभी और 250-300 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ने की जगह है। यानि कि 5000 का स्तर ज्यादा दूर नहीं है दिवाली से पहले ये भाव दिख जायेंगे ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन हमें यह भूलना नहीं चाहिए कि आगे की तेजी मौसम की चाल पर पूरी तरह निर्भर रहेगी। साथियो हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में भी बताया था कि अगर किसान आंदोलन के दबाव में खाद्य तेलों के इम्पोर्ट ड्यूटी में कोई बदलाव करती है तो यह निश्चित रूप से सोयाबीन के भाव को 5000 के ऊपर निकाल सकती है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।