ग्वार और ग्वार गम में बन सकती है तेजी | देखे पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसान साथियों ग्वार सीड व गम व्यापार को लेकर बेचैनी बढ़ती जा रही है। पिछले 1-2 महीनो से ग्वार के भाव में हो रही उठापटक जानकारों की समझ से परे है । दो दिन में बाजार 100-150 रु प्रति क्विंटल सुधार की तरफ बढ़ गया है लेकिन भविष्य को लेकर चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है। ग्वार को लेकर कई सेमिनार हो चुके हैं । हालांकि 29 अक्तूबर को जोधपुर में होने वाला सेमिनार रद्द कर दिया गया है। एग्री ग्रुप के संयोजक श्री पटवा ने बताया कि अधिकांश लोगों की राय है कि इस समय व्यापार का सीजन है और ग्वार के उत्पादन व इससे जुड़े सभी पहलुओं पर जानकारों की सहमति बन चुकी है। इसलिए सेमिनार का औचित्य नहीं है। जोधपुर के प्रमुख ग्वार गम कारोबारी अशोक इंडस्ट्रीज के श्री अशोक धारीवाल ने भी सेमिनार अगले साल करने के फैसले का समर्थन किया । WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
ग्वार सहित कई कृषि जिंसों के जानकार श्रीपाल सारस्वत का कहना है कि चालू सीजन मे ग्वार उत्पादन की तस्वीर पिछले सेमिनार में ही डिस्कस हो गई थी । उसके बाद श्री पटवा जी ने अथक प्रयास कर के तस्वीर को और साफ करके आइना बना दिया है जिसे देखते हुए अब सेमिनार की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी निजी राय में 50-52 लाख बोरी से ज्यादा होने की संभावना बहुत कम है। श्री पटवा ने ग्वार से संबंधित सभी जानकारों, किसानों वे उद्योग से जुड़े लोगों से विचार करने के साथ स्वयं व्यक्तिगत सर्वेक्षण करने के बाद बताया कि इस बार कुल उत्पादन 42 लाख बोरी हो सकता है और इसमें 5 प्रतिशत से अधिक घट बढ़ रहने की संभावना कम है।
श्री पटवा ने एरिया वाइज ग्वार सीड का विवरण दिया है जिसके अनुसार श्रीगंगानगर में 7.5 लाख बोरी, हनुमानगढ़ जिले में 4 लाख, हरियाणा में 2 लाख और पंजाब में 50 हजार बोरी उत्पादन होता दिखाई दे रहा है। राजस्थान के बीकानेर से 8, जैसलमेर नागौर जिले से 3-3 लाख बोरी व बाड़मेर में 1 लाख बोरी का अनुमान है। इसी तरह चूरू 2, सीकर शेखावाटी 3 व जयपुर अजमेर 3 लाख बोरी का अनुमान है। जोधपुर 1.5, पाली सिरोही जालौर 1 लाख बोरी का अनुमान है। गुजरात में 2 लाख बोरी तथा अन्य में 50 हजार बोरी का अनुमान है। उनका मानना है कि सेमिनारों में फसल रिपोर्ट एरिया वाइज डिटेल देना चाहिए ताकि कोई भी जानकारी या दावा तथ्य पर आधारित लगे।
विदेशी मांग को लेकर श्री पटवा कहते हैं कि विदेशी मांग फिलहाल बढ़िया है तथा आगे चलकर इसमें और सुधार संभव है। आपूर्ति एवं मांग को देखते हुए यहाँ से आगे ग्वार सीड व गम में और मंदा नहीं लगता बल्कि यह भी हो सकता है कि मांग बढ़ने पर आपूर्ति देने के लिए व्यापारियों को लालटेन लेकर ग्वार तलाश करना पड़े। किसान साथी चाहे तो ग्वार की फसल को होल्ड कर सकते हैं आने वाला समय उज्ज्वल लग रह अहि । बाकी व्यापार अपने विवेक से करे
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।