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500 रुपये तक बढ़ सकते हैं चने के रेट | देखें चने की तेजी मंदी रिपोर्ट

500 रुपये तक बढ़ सकते हैं चने के रेट | देखें चने की तेजी मंदी रिपोर्ट
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पिछले दो तीन साल से देसी चने की खेती करने वाले किसानों को कम भाव मिलने के कारण लगातार नुकसान हो रहा है। यही वज़ह है कि बहुत सारे किसानों ने चने की खेती से अपना मुँह मोड़ लिया है। इन किसानों का रूझान दूसरी दलहनी फसलों की ओर बन चुका है । चालू सीजन में चने की बुवाई में लगभग 32 प्रतिशत की कमी बतायी जा रही है। यही कारण है कि इस बार देसी चने का सकल उत्पादन 110 से घटकर केवल 68- 70 लाख मैट्रिक टन रह जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।

500 रुपये तक बढ़ सकते हैं चने के रेट
कम उत्पादन की खबरों के बाद धीमी गति से ही सही लेकिन धीरे-धीरे चने के भाव में तेजी आने लगी है। मंडियों में चने की आवक घटने लगी है। दूसरी ओर सरकार की दहशत से पाइप लाइन में स्टॉक ज्यादा नहीं है, जबकि नई फसल का सीजन अपने पीक पर चल रहा है। इन दिनों शादियों का सीज़न चल रहा जिसके कारण शादियों की मांग निकलने लगी है। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 30 जून से पहले राजस्थानी चना 500 रुपए तक बढ़ सकता है।सरसों में तेजी की क्या है बड़ी वज़ह | देखें आज की तेजी मंदी रिपोर्ट

सरकारी गोदामों की सप्लाई ने गिराए थे भाव
सरकार द्वारा पिछले साल खुले बाजार में सस्ते भाव पर देसी चने की बिकवाली किए जाने से बाजार में भाव काफी नीचे गया था। नीचे के भावों को देखते हुए चने की बिजाई एवं चने के कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अधिकतर कारोबारियों के गले में ऊंचे भाव के देसी चने फंसे हुए थे, जो कि अपना सारा माल औने पौने भाव में काट चुके हैं। अब स्थिति यह है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में सरकार ने चना खरीद कर गोदामों में तो भर लिया है, लेकिन प्राइवेट सेक्टर में घाटे के चलते स्टॉक कम रहने आभास हो रहा है। यही कारण है कि नीचे के माल छोटे दाने के पहले ही खपते चले गए हैं। और अब राजस्थान का माल ऊंचे पड़ते का आ रहा है तथा किसानी माल के भी पड़ते नहीं लग रहे हैं क्योंकि जयपुर, कोटा, बीकानेर लाइन में ही लोकल दाल मिले खरीदने लगी है।

दो दिन में 80 रुपये का सुधार
मध्य प्रदेश का माल ग्वालियर एवं इंदौर की दाल मिलें खरीद रही हैं। यही कारण है कि सरकार की सख्ती के बावजूद पिछले 2 दिनों बाजार 75/80 रुपए सुधर कर कारोबार कर रहा है। राजस्थानी चना 5075/ 5100 रुपए प्रति क्विटल लारेंस रोड पर बिक गया है तथा रुक-रुक कर इसमें तेजी कायम रहने की उम्मीद बल पकड़ रही है। बाजार के जानकारों को राजस्थानी चना  में 30 जून तक 5500/5600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बनने की संभावना नजर आ रही है। गौरतलब है कि देसी चने की बिजाई राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र तीनों ही राज्यों में औसतन 32 प्रतिशत कम होने की खबरें आ रही हैं। चने की जगह पर किसानों द्वारा सरसों, मसूर एवं सब्जी वाली मटर की बिजाई अधिक होने की चर्चा है। जैसा कि आप सबको पता है कि किसानों को इन नकदी फसलों ने पिछले कई वर्षो से लाभ दिया है।सरसों में तेजी का क्या बन रहा समीकरण | कैसी रहेगी सरसों की चाल

चने में तेजी के मजबूत संकेत
लगातार भाव नीचे रहने के कारण राजस्थान में देसी चने से, किसान काफी निराश हो चुके थे। महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में भी किसानों ने देसी चने की बिजाई पर रुचि कम दिखाया है। डिमांड और सप्लाई के रूल को देखते हुए कह सकते हैं कि आगे चलकर देसी चने के भाव और बढ़ सकते हैं। हम मानते हैं कि तेजी को देखकर एक बार फिर सरकार बिकवाली में आने का प्रयास करेगी, लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है कि सरकार के गोदामों में भी बहुत बढ़िया चना नहीं है।  इन परिस्थितियों में यदि थोड़ी बहुत गिरावट आती भी है तो घबराने की जरूरत नहीं है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें।

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट(Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।