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अमेरिका से आयात शुल्क को लेकर जारी है असमंजस | सोयाबीन इस इस संगठन के सरकार से क्या लगाई गुहार | देखें रिपोर्ट में

अमेरिका से आयात शुल्क को लेकर जारी है असमंजस | सोयाबीन इस इस संगठन के सरकार से क्या लगाई गुहार | देखें रिपोर्ट में
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सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) ने भारतीय सरकार से सोया तेल, सोयाबीन और सोयामील पर मौजूदा आयात शुल्क बनाए रखने का अनुरोध किया है। यह आग्रह भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत भारत के व्यापारिक हितों को सुरक्षित रखने के लिए किया गया है। एसोसिएशन ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे एक पत्र में इस मुद्दे को उठाया।  नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव whatsapp पर चाहिए तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

भारत की सोयाबीन उत्पादकता अमेरिका से काफी कम
SOPA ने पत्र में बताया कि भारत में सोयाबीन की उत्पादकता अमेरिका की तुलना में काफी कम है। अमेरिका में जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) सोयाबीन की पैदावार प्रति हेक्टेयर 3 टन है, जबकि भारत में गैर-GM सोयाबीन की उत्पादकता 1.2 टन प्रति हेक्टेयर ही है। इस भारी अंतर को ध्यान में रखते हुए, SOPA ने सरकार से मौजूदा आयात शुल्क बनाए रखने का अनुरोध किया ताकि सस्ते आयात से घरेलू बाजार को कोई नुकसान न पहुंचे और किसानों की आय प्रभावित न हो।

खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता के लिए आयात शुल्क आवश्यक
SOPA ने भारत की खाद्य तेल आत्मनिर्भरता का मुद्दा भी उठाया। वर्तमान में भारत अपनी खाद्य तेल जरूरतों का 60% से अधिक आयात करता है। अगर सोयाबीन पर रियायती शुल्क पर आयात की अनुमति दी जाती है, तो इससे घरेलू उत्पादन कमजोर होगा और खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदम बाधित होंगे।

मूल्य-वर्धित सोया उत्पादों को बढ़ावा देने की सिफारिश
SOPA ने सरकार को सुझाव दिया कि वह कच्चे सोयाबीन की बजाय मूल्य-वर्धित सोया उत्पादों जैसे सोया प्रोटीन पर ध्यान केंद्रित करे। इससे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय बाजार में नवाचार एवं विस्तार को समर्थन मिलेगा।

अमेरिका द्वारा भारतीय ऑर्गेनिक सोयामील पर भारी ड्यूटी चिंता का विषय
SOPA ने पत्र में उल्लेख किया कि अमेरिका ने भारतीय ऑर्गेनिक सोयामील पर 283.91% काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगा दी है, जो पहले 12-15% के बीच थी। इस शुल्क वृद्धि के कारण भारतीय सोयामील की अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। SOPA ने सरकार से आग्रह किया कि इस मुद्दे को प्राथमिकता दी जाए और भारतीय सोयामील को अमेरिकी बाजार में निष्पक्ष पहुंच दिलाने के लिए वार्ता की जाए।  नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव whatsapp पर चाहिए तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे  |

रियायती आयात शुल्क से घरेलू कृषि को खतरा
SOPA ने सरकार को आगाह किया कि अगर कृषि उत्पादों को रियायती शुल्क पर आयात करने की अनुमति दी गई, तो यह भारत की घरेलू कृषि प्रणाली को कमजोर कर सकता है, खासकर उन उत्पादों के लिए जो देश में पर्याप्त मात्रा में उत्पादित होते हैं।

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में संतुलन बनाए रखने की जरूरत
हालांकि SOPA ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा है, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय किसानों और खाद्य तेल उद्योग को नुकसान नहीं होना चाहिए। SOPA का मानना है कि एक संतुलित और परस्पर लाभकारी व्यापार समझौता भारत के कृषि क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करेगा और भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।