बासमती के बाजार में फिर बन रहा तेजी का माहौल | जाने क्या है इसकी वज़ह
किसान साथियो पिछले सीजन में 30 नवंबर को असामयिक रूप से धान और चावल की कीमतों में आई तेजी 8 से 9 महीने तक निर्यातकों और व्यापारियों के लिए दुखदाई रही। अब जबकि नई फसल आने में ढाई से तीन महीने का समय बाकी है | मिलिंग की बढ़ती लागत और निर्यात में बढ़ती मांग को देखते हुए सभी प्रकार के बासमती चावल की कीमतों में फिर से तेजी के आसार बन रहे हैं। टेस्टीफाई राइस मिल प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर वरदान कुमार ने बताया कि बासमती चावल का सीजन सितंबर से शुरू होता है। उनके अनुसार, अनुभवी लोगों ने हमेशा कहा है कि सीजन की तेजी आमतौर पर कष्टकारी होती है, और इस बार भी ऐसा ही देखा गया है। पिछले साल सितंबर-नवंबर में बासमती चावल और धान की कीमतों में तेजी आई थी, लेकिन इसके बाद जून तक भारी मंदी का सामना करना पड़ा।
ताजा मार्किट अपडेट
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से धान की किल्लत और नए साठा धान से बने चावल की गुणवत्ता में कमी के कारण निर्यातकों के पुराने 1718 और 1509 सेला और स्टीम चावल की मांग बढ़ गई है। इसके चलते इन चावलों की कीमतों में 400 से 500 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, यह तेजी तभी टिकाऊ रह सकती है जब सरकार न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) को कम करे। फिलहाल बासमती चावल के निर्यात पर 950 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस निर्धारित है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि केंद्र सरकार को इसे 800 डॉलर प्रति टन कर देना चाहिए। इससे देश का निर्यात बढ़ेगा और अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलेगी।
धान का कितना बचा हुआ है स्टॉक
साथियो देश की सभी मंडियों में पुराने धान का स्टॉक बहुत कम बचा हुआ है, और रुद्रपुर, बरेली, टांडा, काशीपुर, जहांगीराबाद, बहजोई, दादरी, सिकंदरा राव जैसी जगहों से साठा धान की आपूर्ति हो रही है लेकिन इसके चावल में टुकड़े अधिक निकल रहे हैं और चावल की पकाई भी अच्छी नहीं हो रही है। इसके बावजूद, धान की आवक में प्रेशर नहीं बनने के कारण इसकी कीमतों में 200 रुपए की तेजी आई है और यह अब 2750 से 2800 रुपए प्रति क्विंटल पर बिक रहा है। बढ़िया धान मिलना भी कम हो गया है। इस धान से बना चावल यूपी की राइस मिलों में 5750-5800 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। पुराने 1509 सेला चावल की कीमत 6700-6800 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि स्टीम चावल 7500-7700 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बिक रहा है, जो चावल की पकाई पर निर्भर करता है।
इस सीजन क्या है नई अपडेट
साथियो नई फसल दो-ढाई महीने बाद आएगी, लेकिन उससे पहले माल की कमी बनी रहेगी। जिन निर्यातकों के पास कतर के देशों के लिए सौदे पेंडिंग हैं, उनका माल जुलाई-अगस्त शिपमेंट के लिए जाना है। चावल की कमी को देखते हुए इसमें 400-500 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है। हरियाणा, पंजाब, यूपी, एमपी और राजस्थान में आने वाले धान की रोपाई अच्छी हुई है लेकिन किसानो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा जिस में से एक पानी की आपूर्ति है किसानो को इस बार धान की फसल को पलने में दिक्कत हो सकती और बारिश न होने के कारण लागत भी ज्यादा लग सकती है अगर सितंबर-अक्टूबर में आने वाली फसल के दौरान भी मौसम अनुकूल बना रहा, तो फसल बहुत अच्छी होगी। लेकिन तब तक माल की किल्लत से बाजार में तेजी बनी रह सकती है।
क्या फिर से बढ़ेगा धान का रेट
किसान साथियो साठी 1509 की आवक अब सिमटने लगी है यही कारण है कि भाव फिर से तेजी के मोड़ में आ गए हैं। बासमती उत्पादक बेल्ट में बारिश की कमी की धीरे-धीरे हाय तौबा मचने लगी है। हालांकि बारिश का कम ही रहेगी ऐसा कहना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन अगर ऐसा ही ट्रेंड चल तो आने वाले समय में धान के भाव में तूफानी तेजी आ सकती है । अभी साल इन्हीं दिनों में बासमती 1509 के भाव 3000 से 3100 की रेंज में चल रहे थे जो कि इस साल 2400 तक पिटने के बाद अब फिर से 2700-2800 की रेंज में आ चुके हैं। दूसरी तरफ विश्व भर में निर्यात अच्छा रहने के कारण पुराना माल समाप्त होने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि गैर बासमती चावल का स्टॉक भरपूर बताया जा रहा है। सरकार भी गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है। ऐसे में आगे चलकर बहुत कम संभावना है कि बासमती में कोई मंदी बनेगी। चूंकि बासमती का बाजार खबरों पर चलता है इसलिए माहौल को देखते हुए कहा जा सकता है कि बासमती में पिछले साल जैसे भाव फिर से बनने की संभावना पनपने लगी है। साथियों जैसा कि आपको पता है कि बासमती का बाजार बहुत तेज गति से परिवर्तन दिखाता है ऐसे में अगर कोई अंतरराष्ट्रीय घटना घटती है तो भाव ऊपर नीचे भी हो सकते हैं इसलिए व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।
किसान साथियो पिछले सीजन में 30 नवंबर को असामयिक रूप से धान और चावल की कीमतों में आई तेजी 8 से 9 महीने तक निर्यातकों और व्यापारियों के लिए दुखदाई रही। अब जबकि नई फसल आने में ढाई से तीन महीने का समय बाकी है | मिलिंग की बढ़ती लागत और निर्यात में बढ़ती मांग को देखते हुए सभी प्रकार के बासमती चावल की कीमतों में फिर से तेजी के आसार बन रहे हैं। टेस्टीफाई राइस मिल प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर वरदान कुमार ने बताया कि बासमती चावल का सीजन सितंबर से शुरू होता है। उनके अनुसार, अनुभवी लोगों ने हमेशा कहा है कि सीजन की तेजी आमतौर पर कष्टकारी होती है, और इस बार भी ऐसा ही देखा गया है। पिछले साल सितंबर-नवंबर में बासमती चावल और धान की कीमतों में तेजी आई थी, लेकिन इसके बाद जून तक भारी मंदी का सामना करना पड़ा।
ताजा मार्किट अपडेट
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से धान की किल्लत और नए साठा धान से बने चावल की गुणवत्ता में कमी के कारण निर्यातकों के पुराने 1718 और 1509 सेला और स्टीम चावल की मांग बढ़ गई है। इसके चलते इन चावलों की कीमतों में 400 से 500 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, यह तेजी तभी टिकाऊ रह सकती है जब सरकार न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) को कम करे। फिलहाल बासमती चावल के निर्यात पर 950 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस निर्धारित है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि केंद्र सरकार को इसे 800 डॉलर प्रति टन कर देना चाहिए। इससे देश का निर्यात बढ़ेगा और अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलेगी।
धान का कितना बचा हुआ है स्टॉक
साथियो देश की सभी मंडियों में पुराने धान का स्टॉक बहुत कम बचा हुआ है, और रुद्रपुर, बरेली, टांडा, काशीपुर, जहांगीराबाद, बहजोई, दादरी, सिकंदरा राव जैसी जगहों से साठा धान की आपूर्ति हो रही है लेकिन इसके चावल में टुकड़े अधिक निकल रहे हैं और चावल की पकाई भी अच्छी नहीं हो रही है। इसके बावजूद, धान की आवक में प्रेशर नहीं बनने के कारण इसकी कीमतों में 200 रुपए की तेजी आई है और यह अब 2750 से 2800 रुपए प्रति क्विंटल पर बिक रहा है। बढ़िया धान मिलना भी कम हो गया है। इस धान से बना चावल यूपी की राइस मिलों में 5750-5800 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। पुराने 1509 सेला चावल की कीमत 6700-6800 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि स्टीम चावल 7500-7700 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बिक रहा है, जो चावल की पकाई पर निर्भर करता है।
इस सीजन क्या है नई अपडेट
साथियो नई फसल दो-ढाई महीने बाद आएगी, लेकिन उससे पहले माल की कमी बनी रहेगी। जिन निर्यातकों के पास कतर के देशों के लिए सौदे पेंडिंग हैं, उनका माल जुलाई-अगस्त शिपमेंट के लिए जाना है। चावल की कमी को देखते हुए इसमें 400-500 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है। हरियाणा, पंजाब, यूपी, एमपी और राजस्थान में आने वाले धान की रोपाई अच्छी हुई है लेकिन किसानो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा जिस में से एक पानी की आपूर्ति है किसानो को इस बार धान की फसल को पलने में दिक्कत हो सकती और बारिश न होने के कारण लागत भी ज्यादा लग सकती है अगर सितंबर-अक्टूबर में आने वाली फसल के दौरान भी मौसम अनुकूल बना रहा, तो फसल बहुत अच्छी होगी। लेकिन तब तक माल की किल्लत से बाजार में तेजी बनी रह सकती है।
क्या फिर से बढ़ेगा धान का रेट
किसान साथियो साठी 1509 की आवक अब सिमटने लगी है यही कारण है कि भाव फिर से तेजी के मोड़ में आ गए हैं। बासमती उत्पादक बेल्ट में बारिश की कमी की धीरे-धीरे हाय तौबा मचने लगी है। हालांकि बारिश का कम ही रहेगी ऐसा कहना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन अगर ऐसा ही ट्रेंड चल तो आने वाले समय में धान के भाव में तूफानी तेजी आ सकती है । अभी साल इन्हीं दिनों में बासमती 1509 के भाव 3000 से 3100 की रेंज में चल रहे थे जो कि इस साल 2400 तक पिटने के बाद अब फिर से 2700-2800 की रेंज में आ चुके हैं। दूसरी तरफ विश्व भर में निर्यात अच्छा रहने के कारण पुराना माल समाप्त होने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि गैर बासमती चावल का स्टॉक भरपूर बताया जा रहा है। सरकार भी गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है। ऐसे में आगे चलकर बहुत कम संभावना है कि बासमती में कोई मंदी बनेगी। चूंकि बासमती का बाजार खबरों पर चलता है इसलिए माहौल को देखते हुए कहा जा सकता है कि बासमती में पिछले साल जैसे भाव फिर से बनने की संभावना पनपने लगी है। साथियों जैसा कि आपको पता है कि बासमती का बाजार बहुत तेज गति से परिवर्तन दिखाता है ऐसे में अगर कोई अंतरराष्ट्रीय घटना घटती है तो भाव ऊपर नीचे भी हो सकते हैं इसलिए व्यापार आपको अपने विवेक से ही करना है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।