Movie prime

दिवाली तक क्या रह सकते हैं सरसों के भाव | आज की तेजी मंदी रिपोर्ट

Sarso rate today

किसान साथियो तेल तिलहन में मंदी की मार को किसान और व्यापारी वर्ग कई दिन से झेल रहे हैं। पिछले 6 महीने में सरसों का भाव गिरते गिरते 8500 से 6300 तक आ चुका है। पाम तेल का भाव 7500 रिंगिट प्रति टन से गिरकर 3500 रिंगिट प्रति टन पर आ चुका है। हालांकि अब यह गिरावट थमती दिख रही है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है कि पाम ने अपने पिछले निम्नतम स्तर को नहीं तोड़ा है। इस रिपोर्ट में हम तेल तिलहन की खबरों को जानेंगे और बाजार की हलचलों विशलेषण करेंगे।

WhatsApp पर भाव पाने के लिए यहां क्लिक करें

किसान साथियो लगातार तीन दिनों से चल रही गिरावट के बाद घटे हुए भाव पर बिकवाली कम आने से शनिवार को सरसों के भाव में गिरावट थम गई और भाव स्थिर हो गए। हालांकि तेजी जैसा कोई बड़ा संकेत देखने को नहीं मिला। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 6375 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। नीचे के भाव पर बिकवाल कम नजर आए। इसलिए इस सरसों की दैनिक आवक घटकर 1.75 लाख बोरियों की ही हुई ।  घरेलू बाजार में घटे दाम पर बिकवाली कम होने के कारण शाम के सत्र में कई ब्रांडेड कंपनियों ने सरसों की खरीद कीमतों में 50 रुपये से 125 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी की।

बिनौला, सरसों, सोया रिफाइन व सूरजमुखी तेल में मामूली तेजी दिखाई दी, वहीं मूंगफली तेल ने स्थिर स्तर पर कारोबार किया।

विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के बहुत सस्ता होने के कारण इस साल जुलाई में भारत ने 12.05 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया है। जबकि जून तक कुल आयात मात्र 9.41 लाख टन था। मलेशिया और इंडोनेशिया द्वारा निर्यात मार्ग सुलभ करने तथा भारत द्वारा सोया व सूरजमुखी तेल की 20-20 लाख टन शुल्क मुक्त आयात छूट देने से आयात मात्रा में वृद्धि हुई है। एक माह में यह करीब 30 प्रतिशत मात्रा बढ़ी है। इस अवधि में पामोलिन का आयात भी बढ़ा है। मात्र जुलाई में आरबीडी पामोलिन का आयात 34555 टन के स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले साल 13895 टन था।
सस्ते आयातित तेल की भरमार होने के कारण घरेलु बाजार में खाद्य तेल लगभग आधी कीमतों के पास आ गए हैं। पाम तेल के दाम 600 रुपए डॉलर प्रति टन, सोयाबीन तेल 350 डॉलर प्रति टन और सूरजमुखी तेल 460 डॉलर प्रति टन नीचे आ गए हैं।

जहां तक सरसों की बात है किसान साथियो वैसे तो नयी सरसों आने में अभी लंबा समय है लेकिन विदेशी बाजार में अभी भी खाद्य तेलों की कीमतों पर दबाव बना हुआ है, इसलिए यह कहा जा सकता है कि विदेशी बाजारों की कमजोरी घरेलू बाजार में भी सरसों एवं इसके तेल की कीमतों में बड़ी तेजी आने नहीं देगी। लेकिन किसान साथियो समय के साथ माहौल बदल जाता है। और यह समय कब आ जाए कोई नहीं बता सकता। कुछ दिन पहले कहा जा रहा था कि विश्व में खाने के तेलों की भयंकर कमी हो गई है। कुछ यूरोपीय देशों ने प्रति व्यक्ति के हिसाब से तेल खरीदने पर लिमिट तक लगा दी थी। ईन खबरों ने सरसों और पाम के भाव को शिखर पर पहुंचा दिया था। जब तेजी का समय लंबा नहीं चला तो मंदी का दौर भी जरूर थमेगा। क्योंकि भारत में खाद्य तेलों की कमी बहुत आम बात है।

खाद्य तेलों की खपत का सीजन होने के कारण आगे सरसों तेल की मांग में सुधार आने की पूरी संभावना है।  स्टॉकिस्टों को मौजूदा कीमतों में नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में तेल मिलों की मांग बढ़ने पर सरसों की कीमतों में हल्का सुधार जरुर बन सकता है।

विदेशी बाजारों की बात करें तो यह सबको पता है कि मलेशिया के साथ ही इंडोनेशिया में पाम तेल की इन्वेंट्री बढ़ी है, इसके अलावा सबसे बड़े आयातक चीन में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन बढ़ने से खाद्य तेलों की मांग अभी कमजोर ही बनी रहने का अनुमान है। चीनी शहर चेंगदू ने कोविड- 19 की रोकथाम के लिए लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया है। सोयाबीन की अच्छी फसल होने की खबरों ने भी हजारों दबाया हुआ है। कुल मिलाकर संकेत ऐसे हैं कि तेजी के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि यहां से आगे बड़ी गिरावट की उम्मीद भी कम है।

हाजिर मंडियों में सरसों के भाव की बात करें तो नोहर मंडी में सरसों का भाव ₹ 5835 रुपये प्रति क्विंटल, हनुमानगढ़ मंडी में सरसों का भाव 5200 से लेकर 5764 रावतसर मंडी में सरसों का भाव 5657 संगरिया मंडी में सरसों का टॉप रेट 5690 गंगानगर मंडी में सरसों का रेट 5575 पीलीबंगा मंडी में सरसों का टॉप भाव 5500 रुपए प्रति कुंतल सादुल शहर मंडी में सरसों का रेट 5749 सादुलशहर मंडी में सरसों का रेट 5749 श्री विजयनगर मंडी में सरसों का रेट 5700 अलवर मंडी में कंडीशन सरसों का भाव 6050 रुपए प्रति क्विंटल तक बोला गया

अन्य मंडियों के ताजा भाव के लिए यहां क्लिक करें

घरेलू बाजारों में खाद्य तेलों के भाव को देखें तो जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शनिवार को एक. एक रुपये तेज होकर क्रमशः 1280 रुपये और 1270 रुपये प्रति 10 किलो हो गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 2450 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही। देशभर की मंडियों में शनिवार को सरसों की दैनिक आवक में कमी बनी और यह 1.75 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि शुक्रवार को आवक 2.15 लाख बोरियों की हुई थी।

मंडी भाव टुडे का यही मानना है कि सरसों अपने निम्नतम स्तर के आसपास घूम रही है और यहां से आगे इसमे और कमजोरी की उम्मीद कम है। हालांकि विदेशी बाजारों की कमजोरी के चलते बहुत जल्दी बड़ी तेजी की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। लेकिन दिवाली तक आते आते भाव में सुधार देखने को मिल सकता है। व्यापार अपने विवेक से करें