MSP पर फ़सल बेचने है तो ये काम जरूर कर लेना | ये है लास्ट डेट
किसान साथियों मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए गेहूं उपार्जन के लिए ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत किसान बिना किसी परेशानी के अपने घर से ही पंजीयन करा सकते हैं। गेहूं खरीदी का यह पंजीयन 20 जनवरी, 2025 से आरंभ हो चुका है और इसकी अंतिम तिथि 31 मार्च, 2025 निर्धारित की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ देना और उनकी उपज को सरकारी समर्थन प्रदान करना है। इस वर्ष गेहूं के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 150 रुपये अधिक है। इसके अलावा, सरकार किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस भी प्रदान कर रही है, जिससे कुल समर्थन मूल्य 2600 रुपये प्रति क्विंटल हो जाता है।
पिछले वर्षों की तुलना में इस बार प्रशासन ने किसानों की सुविधा के लिए उपार्जन केंद्रों की संख्या में वृद्धि की है। शुरुआत में छतरपुर जिले में 80 उपार्जन केंद्र बनाए गए थे, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 100 कर दिया गया है, ताकि किसानों को अपने नजदीकी केंद्र पर आसानी से अपनी फसल बेचने का अवसर मिले।
पंजीयन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
दोस्तों मध्य प्रदेश के किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए पहले से पंजीयन कराना आवश्यक होगा। इस बार पंजीयन प्रक्रिया को और भी सरल बना दिया गया है, जिससे किसान अपने मोबाइल के माध्यम से भी पंजीयन कर सकते हैं। इसके लिए एमपी किसान ऐप का उपयोग किया जा सकता है, जहां किसानों को अपने आवश्यक विवरण भरकर पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके अलावा, जिन किसानों के पास डिजिटल सुविधाओं की कमी है, वे ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत कार्यालय, तहसील कार्यालय, सहकारी समितियों और सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा स्थापित सुविधा केंद्रों पर जाकर निःशुल्क पंजीयन करा सकते हैं।
पंजीयन के दौरान किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जिनमें भूमि संबंधी दस्तावेज, आधार कार्ड और अन्य फोटो पहचान पत्र शामिल हैं। यह दस्तावेज इसलिए आवश्यक हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंजीयन करने वाला व्यक्ति वास्तविक किसान है और वह अपनी ही फसल बेच रहा है। वहीं, सिकमी, बटाईदार, कोटवार और वन पट्टाधारी किसानों के लिए पंजीयन की विशेष व्यवस्था की गई है। ऐसे किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया केवल सहकारी समितियों और सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केंद्रों पर पूरी की जा सकेगी। इस श्रेणी के किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
ध्यान देने योग्य बातें
किसानों को यह ध्यान रखना आवश्यक है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार किए बिना जल्द से जल्द अपना पंजीयन करा लें। पंजीयन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सही दस्तावेज़ों की उपलब्धता सुनिश्चित करना भी बहुत जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या उत्पन्न न हो। इसके अलावा, यदि किसी किसान को पंजीयन प्रक्रिया में कोई समस्या आती है, तो वे संबंधित तहसील कार्यालय, ग्राम पंचायत, या सहकारी समिति से संपर्क कर सकते हैं। सरकार ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जहां किसान अपनी शिकायतों का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।