इस साल कितना बढ़ सकता है गेहूं, सरसों और चना आदि फसलों का MSP | इस रिपोर्ट में जाने
किसान साथियों हर साल केंद्र सरकार खरीफ और रबी दोनों सीजन में फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी करती है, जिससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सके और वे अपनी लागत निकाल सकें। किसानों के लिए MSP एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है, जो फसलों के बाजार मूल्य में गिरावट की स्थिति में उनकी रक्षा करता है। लेकिन वर्तमान समय में किसान आगामी रबी सीजन 2025-26 के लिए फसलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि मौजूदा MSP उनकी उत्पादन लागत को पूरा नहीं कर रहा है, और इसे बढ़ाना आवश्यक है।
रबी फसलों के लिए MSP में बढ़ोतरी की मांग
रबी सीजन में मुख्य रूप से सरसों, गेहूं, चना, और मसूर जैसी फसलें उगाई जाती हैं। ऐसे मे इस साल भी मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के किसान भी केंद्र सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि इन फसलों के MSP में बढ़ोतरी की जाएगी। किसानों का कहना है कि मौजूदा केंद्रीय कृषि मंत्री, शिवराज सिंह चौहान, किसानों के हितों को समझते हैं, और इसलिए उनकी उम्मीद है कि MSP में वृद्धि की जाएगी ताकि किसानों को लाभ मिल सके।
इस साल मे रबी फसलों के लिए MSP अपडेट
इस वर्ष कई सोयाबीन उत्पादक राज्यों में फसल को भारी नुकसान हुआ है, जिसके कारण किसान लगातार समर्थन मूल्य में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि MSP को उनकी लागत के आधार पर तय किया जाना चाहिए ताकि वे अपनी फसलों से मुनाफा कमा सकें। इस संदर्भ में, किसानों ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 2275 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3000 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग की है। उनका कहना है कि मौजूदा मूल्य उनकी लागत और मेहनत के अनुरूप नहीं है, इसलिए इसमें सुधार आवश्यक है।
रबी फसलों के लिए MSP की घोषणा कब तक होगी?
केंद्र सरकार आमतौर पर रबी सीजन के लिए MSP की घोषणा अक्टूबर या नवंबर महीने में करती है, ताकि किसान अपनी फसलों की बुवाई के लिए समय पर योजना बना सकें। किसानों और कृषि संगठनों की तरफ से मांग की जा रही है कि सरकार जल्द से जल्द MSP की घोषणा करे और उसमें किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उचित बढ़ोतरी करे। इस प्रकार, इस साल के रबी सीजन 2025-26 के लिए MSP की घोषणा पर सभी किसानों की निगाहें टिकी हुई हैं, और वे आशा कर रहे हैं कि इस बार उनकी मांगें पूरी होंगी।
सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कितना बढ़ सकता है?
रबी सीजन के दौरान सरसों की खेती भी भारत में बड़े पैमाने पर होती है और यह खाद्य तेल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पिछले साल सरसों के MSP में 4% की वृद्धि हुई थी, जिससे यह 5450 रुपए से बढ़कर 5650 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
सरकार तिलहन की खेती को बढ़ावा देने और खाद्य तेल के आयात को कम करने के उद्देश्य से 2025-2026 के लिए सरसों के MSP में 4% या इससे अधिक की वृद्धि कर सकती है। इससे सरसों की खेती करने वाले किसानों को लाभ मिलेगा और वे अपनी फसल से अधिक आय प्राप्त कर सकेंगे।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कितना बढ़ सकता है?
भारत में रबी सीजन के दौरान गेहूं सबसे प्रमुख फसल है, जिसकी बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। केंद्र सरकार ने 2024-2025 के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में गेहूं के लिए 7% की वृद्धि की थी, जिससे इसका मूल्य 2125 रुपए से बढ़कर 2275 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
अब 2025-2026 के रबी सीजन में गेहूं के MSP में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। सरकार घरेलू खपत और भंडारण को ध्यान में रखते हुए गेहूं की खेती को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही है। अगर इस बार भी बीते साल की तरह 7% तक की वृद्धि की जाती है, तो किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2434 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल सकता है। इससे किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिल सकेगा और वे अपनी उत्पादन लागत को कवर कर पाएंगे।
मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में संभावित वृद्धि
मसूर भी एक प्रमुख रबी फसल है, और पिछले साल इसके MSP में 7% की वृद्धि की गई थी, जिससे इसका मूल्य 6000 रुपए से बढ़कर 6425 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। इस साल भी मसूर के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मसूर के समर्थन मूल्य में 2 से 3% तक की वृद्धि की जा सकती है। इसका कारण यह है कि वर्तमान में घोषित समर्थन मूल्य उत्पादन लागत के मुकाबले उच्च स्तर पर है। अगर आने वाले रबी विपणन सत्र में मसूर के MSP में दो फीसदी वृद्धि की जाती है, तो इसका मूल्य 6553 रुपए प्रति क्विंटल तक हो सकता है। यह वृद्धि किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी और उन्हें बेहतर आय प्राप्त होगी।
चना के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में संभावित बदलाव
रबी सीजन में चना भी एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसकी बड़े पैमाने पर बुवाई होती है। पिछले साल चना के MSP में 2% की वृद्धि हुई थी, जिससे यह 5335 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 5440 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
इस वर्ष भी चना की बुवाई के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा है, जिससे इसके MSP में वृद्धि की संभावना है। अगर MSP में वृद्धि की जाती है, तो किसानों को चना की खेती में अधिक प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे उनकी उत्पादन लागत और मुनाफे में सुधार होगा।
रबी फसलों के लिए MSP की घोषणा कब होगी?
रबी विपणन सत्र 2025-26 के लिए सरकार आने वाले कुछ हफ्तों में नए समर्थन मूल्य की घोषणा कर सकती है। सरकार के इस निर्णय पर किसान और कृषि विशेषज्ञ दोनों अपनी नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि MSP में बदलाव आने वाले सीजन में खेती पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं। यदि MSP में उचित वृद्धि की जाती है, तो यह किसानों को प्रोत्साहित करेगा और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय और जीवन स्तर में सुधार हो सकता है।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।