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MSP पर गेहूं खरीद को लेकर एक और खुशखबरी | अब इस दिन तक जारी रहेगी सरकारी खरीद

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किसान साथियो और व्यापारी भाइयों मध्य प्रदेश में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि को 31 मार्च, 2025 से बढ़ाकर 9 अप्रैल, 2025 कर दिया गया है। राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में रबी विपणन वर्ष 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए पंजीकरण की अवधि 9 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। पूर्व में पंजीकरण की अवधि 31 मार्च, 2025 तक तय की गई थी।  चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

किसानों से मंत्री ने की अपील
मंत्री ने किसानों से आग्रह किया है कि जिन किसानों ने अभी तक सरकारी उपार्जन केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, वे 9 अप्रैल तक गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन जरूर करा लें। उन्होंने कहा कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये है और राज्य सरकार अपनी तरफ से 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस के रूप में दे रही है। इसका मतलब यह है कि किसानों को प्रति क्विंटल 2600 रुपये मिलेंगे।

गेहूं का किसानों को मिल रहा 2600 का भाव
इस वर्ष, राज्य सरकार किसानों को गेहूं की सरकारी खरीद पर 2600 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दे रही है। कृषि मंत्री ने जानकारी दी है कि 31 मार्च तक 15 लाख 9 हजार 324 किसानों ने गेहूं उपार्जन के लिए अपना पंजीकरण करा लिया है, और गेहूं की खरीद प्रक्रिया अभी भी जारी है। सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है।  चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

पराली प्रबंधन को लेकर एक्‍शन में अफसर
बुधवार को भोपाल में, पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए एक राज्य और जिला स्तरीय बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता पर्यावरण के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने की। बैठक में कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, उद्योग, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, राजस्व, बागवानी विभाग और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने भाग लिया। धान और गेहूं की कटाई के बाद पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को रोकने के लिए बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। डॉ. कोठारी ने कहा कि राज्य सरकार पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने कृषि विभाग से गेहूं की कटाई के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनों में रीपर/बेलर्स लगाना अनिवार्य करने को कहा। उन्होंने राज्य के ताप विद्युत संयंत्रों के अधिकारियों के साथ बैठक कर पराली के वैकल्पिक उपयोग को बढ़ावा देने और पराली जलाने की घटनाओं के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर इस वर्ष के लिए कार्य योजना बनाने का भी आग्रह किया।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

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