मई महीने के तापमान को लेकर मौसम विभाग ने जारी की बड़ी अपडेट | जाने कितनी पड़ेगी गर्मी
दोस्तों हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश और बिहार में आए तेज तूफानों और मूसलधार वर्षा ने कुछ समय के लिए तापमान को काबू में जरूर कर दिया था, लेकिन अब मौसम ने एक बार फिर अपनी चाल बदली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, उत्तर और पूर्वी भारत में तेज़ गर्मी की वापसी हो रही है और 8 मई से इन क्षेत्रों में झुलसा देने वाली लू का एक नया दौर आरंभ होने की संभावना है। विशेषकर बिहार और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में सूरज की किरणें अब बेहद तीव्र हो जाएंगी और गर्म हवाओं की मारक लहरें आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित करेंगी। लू के इस दौर में न केवल दोपहर के समय घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा, बल्कि वृद्धजनों, बच्चों और हृदय रोगियों के लिए यह अत्यंत घातक साबित हो सकता है।
हीटवेव ने ली जोरदार एंट्री
पूर्वी भारत के कई राज्य अब भीषण लू की चपेट में आ सकते हैं। मौसम विभाग के अनुसार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के ज्यादातर इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से 5-7 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर जाने की आशंका है। खेतों में काम करने वाले श्रमिक, निर्माण स्थलों पर कार्यरत मजदूर और रोज़मर्रा की भागदौड़ में लगे लोग अब इस मौसम की मार झेलने को मजबूर होंगे। हवा में नमी की कमी, ज़मीन की सूखी परत और सूरज की तीव्रता, इन सबका सम्मिलन जन-स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक स्थिति पैदा कर सकता है।
पश्चिम भारत में भी मौसम का मिज़ाज बदला
राजस्थान और उत्तराखंड में अब भी तूफानी गतिविधियों का खतरा बना हुआ है। आईएमडी के अनुसार, 6 और 7 मई को इन राज्यों के पहाड़ी तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में तेज बारिश, गरज के साथ बिजली चमकने और 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने की आशंका जताई गई है। गुजरात के कई भागों में बहुत भारी वर्षा के साथ-साथ ओले गिरने की चेतावनी भी दी गई है। अगले 48 घंटे यहां के लोगों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में भी इसी तरह की मौसमी हलचलों के संकेत मिल रहे हैं, जहां तेज़ बवंडर, बिजली की कड़क और आंधी की स्थितियां बन सकती हैं। इन राज्यों में फसल को भारी नुकसान की संभावना है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात और संचार व्यवस्था भी ठप पड़ सकती है।
पूर्वोत्तर भारत में वर्षा की अनवरत झड़ी
पूर्वोत्तर भारत के राज्य एक बार फिर प्रकृति की तेज़ी से करवट बदलती चाल से प्रभावित हो सकते हैं। 6 मई से 11 मई तक के बीच असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में लगातार बारिश, गर्जना और तूफानी हवाओं की चेतावनी दी गई है। इन दिनों यहां की नदियां भी उफान पर आ सकती हैं, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं और यातायात में रुकावटें संभावित हैं। विशेषकर 7 मई को तेज़ आंधी और ओले गिरने की संभावना को देखते हुए प्रशासन को पूरी तैयारी के साथ सतर्क रहना होगा। इन राज्यों के स्कूलों, छोटे बाजारों और यात्री मार्गों पर भी इसका प्रतिकूल असर देखने को मिल सकता है।
दक्षिण भारत में भी सक्रिय मौसम प्रणाली
देश का दक्षिणी भाग भी अगले कुछ दिनों तक हलचल से अछूता नहीं रहेगा। तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में हल्की से लेकर मध्यम स्तर की बारिश, गरज-चमक और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का अनुमान जताया गया है। आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्सों में 7 मई को भारी वर्षा के आसार हैं, जिससे मत्स्यपालन, बंदरगाह सेवाएं और समुद्री यातायात प्रभावित हो सकता है। 9 और 10 मई को केरल में भी मौसम का रूप उग्र हो सकता है, जिससे यहां के पर्यटक क्षेत्रों और चाय-कॉफी उत्पादन क्षेत्रों में नुकसान की संभावना है। दक्षिण भारत में बिजली गिरने और जल निकासी व्यवस्था की असफलता से जुड़ी घटनाएं भी बढ़ सकती हैं।
मॉनसून के आगमन की उल्टी गिनती शुरू
भारत के सबसे महत्वपूर्ण मौसमी तंत्र – दक्षिण-पश्चिम मॉनसून – को लेकर भी अब गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, 13 मई के आस-पास मॉनसून अंडमान सागर और निकोबार द्वीप समूह में दस्तक दे सकता है। यह वही क्षेत्र है जहां से हर वर्ष मॉनसून भारत में प्रवेश करता है। इसके बाद यह धीरे-धीरे बंगाल की खाड़ी की ओर अग्रसर होकर उत्तर-पूर्वी राज्यों में बारिश शुरू करता है। यदि परिस्थितियां अनुकूल बनी रहीं, तो इस वर्ष मॉनसून सामान्य समय पर यानी जून के पहले सप्ताह में केरल के तटों पर पहुंच सकता है। यह खबर किसानों और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले क्षेत्रों के लिए राहत की सांस के समान है, क्योंकि समय पर मॉनसून की शुरुआत अच्छी पैदावार की उम्मीदों को मजबूत कर सकती है।
सोर्स मौसम विभाग
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।