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इस राज्य में जमीन की रजिस्ट्री कराना हो सकता है महंगा | जाने क्या है इसकी वज़ह

इस राज्य में जमीन की रजिस्ट्री कराना हो सकता है महंगा | जाने क्या है इसकी वज़ह
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दोस्तों अब बिहार में जमीन और संपत्ति का रजिस्ट्रेशन जल्द ही महंगा हो सकता है, क्योंकि राज्य सरकार शहरी इलाकों में सर्किल रेट यानी न्यूनतम मूल्य रजिस्टर (एमवीआर) बढ़ाने की योजना बना रही है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो 1 अप्रैल से सर्किल रेट में संशोधन लागू किया जा सकता है। इस बदलाव का सीधा असर जमीन मालिकों और प्रॉपर्टी खरीदने वालों पर पड़ेगा, क्योंकि स्टांप ड्यूटी महंगी हो जाएगी, जिससे रजिस्ट्रेशन की लागत बढ़ जाएगी।

शहरी इलाकों में एमवीआर (Minimum Value Register) में बदलाव की तैयारी
पटना सहित बिहार के अन्य प्रमुख शहरी इलाकों में जमीन के रजिस्ट्रेशन की लागत बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। सरकार पिछले कुछ महीनों से इस प्रस्ताव पर काम कर रही है और विभिन्न इलाकों में बाजार दर के आधार पर प्रॉपर्टी की कीमतों का आकलन किया जा रहा है। पंजीकरण विभाग के फील्ड अधिकारियों ने कई जगहों का सर्वेक्षण किया है और वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि कई इलाकों में सर्किल रेट में संशोधन की आवश्यकता है।

ग्रामीण इलाकों में भी बदलाव संभव
दोस्तों, सिर्फ शहरी इलाकों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सर्किल रेट को संशोधित करने की संभावना जताई जा रही है। ग्रामीण इलाकों में अंतिम बार 2013 में सर्किल रेट में बदलाव किया गया था, जबकि शहरी क्षेत्रों में 2016 में यह संशोधन हुआ था। हालांकि, इसके बाद सरकार ने एमवीआर में बदलाव नहीं किया, जिससे रियल एस्टेट कारोबारियों और खरीदारों को राहत मिली थी। लेकिन अब सरकार ने सर्किल रेट बढ़ाने पर विचार शुरू कर दिया है, जिससे जमीन की कीमतों और रजिस्ट्रेशन शुल्क में इजाफा हो सकता है।

बाजार दर के आधार पर क्षेत्रवार संशोधन संभव
सूत्रों के अनुसार, इस बार एमवीआर में अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से बदलाव किया जा सकता है। पटना और अन्य प्रमुख शहरों में विभिन्न इलाकों की बाजार दरों का अध्ययन किया गया है और फील्ड अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कई क्षेत्रों में मौजूदा सर्किल रेट बाजार दर की तुलना में काफी कम है, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार एमवीआर में बदलाव की दिशा में कदम उठा रही है।

2016 में हुए बदलाव से प्रॉपर्टी बाजार पर पड़ा था असर
बिहार सरकार ने 2016 में आखिरी बार शहरी क्षेत्रों में सर्किल रेट में बदलाव किया था। उस समय कई इलाकों में सर्किल रेट को मौजूदा बाजार भाव से भी ज्यादा कर दिया गया था, जिससे रियल एस्टेट कारोबारियों और प्रॉपर्टी खरीदने वालों को परेशानी हुई थी। जमीन और फ्लैटों की कीमतें बढ़ने के कारण प्रॉपर्टी का लेन-देन प्रभावित हुआ था। इस वजह से सरकार ने कई सालों तक सर्किल रेट में बदलाव नहीं किया, लेकिन अब एक बार फिर से एमवीआर में संशोधन की तैयारी की जा रही है।

अप्रैल से लागू हो सकता है नया सर्किल रेट
अधिकारियों के अनुसार, यदि राज्य सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो 1 अप्रैल से नए सर्किल रेट लागू हो सकते हैं। पहले शहरी क्षेत्रों में हर साल सर्किल रेट को संशोधित करने का नियम था, जबकि ग्रामीण इलाकों में हर दो साल में बदलाव किया जाता था। लेकिन पिछले कई वर्षों से यह प्रक्रिया ठप पड़ी हुई थी। अब सरकार इस पर फिर से काम कर रही है और अगर प्रस्ताव पास होता है, तो रजिस्ट्रेशन की लागत बढ़ जाएगी।

रियल एस्टेट सेक्टर पर असर पड़ने की संभावना
अगर सर्किल रेट में बढ़ोतरी होती है, तो इसका असर सीधे तौर पर रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा। पहले से ही महंगाई और अन्य कारणों से प्रॉपर्टी बाजार की रफ्तार धीमी चल रही है, ऐसे में रजिस्ट्रेशन की लागत बढ़ने से आम लोगों के लिए घर खरीदना और भी मुश्किल हो सकता है। रियल एस्टेट कारोबारियों का मानना है कि अगर सर्किल रेट बहुत ज्यादा बढ़ाया जाता है, तो इससे प्रॉपर्टी की बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

सरकार को मिल सकता है ज्यादा राजस्व
हालांकि, सरकार के लिए यह फैसला राजस्व बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है। रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टांप ड्यूटी बढ़ने से सरकारी खजाने को अधिक आय होगी, जिससे विभिन्न विकास कार्यों को गति दी जा सकेगी। लेकिन इसके साथ ही यह भी जरूरी होगा कि सरकार सर्किल रेट को इतनी अधिक न बढ़ाए कि प्रॉपर्टी बाजार पर नकारात्मक असर पड़े।
कुल मिलाकर, बिहार में जमीन और संपत्ति का रजिस्ट्रेशन महंगा होने की पूरी संभावना है। सरकार जल्द ही इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला ले सकती है, जिसके बाद 1 अप्रैल से नए सर्किल रेट लागू हो सकते हैं। इससे जमीन मालिकों, प्रॉपर्टी खरीदारों और रियल एस्टेट सेक्टर पर असर पड़ना तय है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।