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आपकी फसल के लिए सही यूरिया कौन सा: छोटे दाने या बड़े दाने? जानें रिपोर्ट में

आपकी फसल के लिए सही यूरिया कौन सा: छोटे दाने या बड़े दाने? जानें रिपोर्ट में
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किसान भाइयों, यूरिया एक महत्वपूर्ण उर्वरक है जो किसानों द्वारा अपनी फसलों को सही पोषण देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खासकर नाइट्रोजन (Nitrogen) से भरपूर होने की वजह से यह फसल के विकास में बहुत सहायक होता है। यूरिया बाजार में मुख्य रूप से दो प्रकारों में उपलब्ध होती है – बड़ा दाना यूरिया (Granulated Urea) और छोटा दाना यूरिया (Prilled Urea)। हालांकि दोनों ही प्रकार में समान रूप से 46% नाइट्रोजन होता है, लेकिन इन दोनों के प्रयोग में काफी अंतर है। इस रिपोर्ट के द्वारा हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि किस प्रकार का यूरिया किसान के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है और क्यों। दोस्तों, फसलों के लिए सही यूरिया का चयन करना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे न केवल नाइट्रोजन की सही आपूर्ति होती है, बल्कि पर्यावरण पर भी इसका असर पड़ता है। यूरिया का उपयोग करते वक्त अगर सही विकल्प का चुनाव किया जाए तो यह न केवल फसल की वृद्धि में मदद करता है, बल्कि इसके साथ होने वाली पर्यावरणीय क्षति को भी कम करता है। यूरिया के छोटे दाने और बड़े दाने दोनों के बीच अंतर को समझना, खासकर किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीधे उनकी फसल की गुणवत्ता और उपज पर असर डालता है। तो चलिए इसे विस्तार से समझने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

बड़े दाने वाली यूरिया

किसान साथियों, बड़ा दाना यूरिया, जिसे ग्रेनुलेटेड यूरिया भी कहा जाता है, धीरे-धीरे घुलने वाली उर्वरक है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह नाइट्रोजन की आपूर्ति धीरे-धीरे करती है और लंबे समय तक फसलों को पोषण देती रहती है। जब यूरिया का दाना बड़ा होता है, तो इसकी घुलनशीलता कम होती है, जिससे यह लंबे समय तक प्रभावी रहता है और फसल को नाइट्रोजन की लगातार आपूर्ति होती रहती है। इसके अलावा बड़े दाने वाली यूरिया में लीचिंग (Leaching) और गैस के रूप में उड़ने की संभावना बहुत कम होती है, जिससे नाइट्रोजन की हानि कम होती है। इससे न केवल यूरिया का अधिकतम उपयोग होता है, बल्कि यह पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा, बड़ा दाना यूरिया अधिक टिकाऊ होता है। यह उच्च आर्द्रता (humidity) और वातावरण के संपर्क में आने पर जल्दी से खराब नहीं होता। यानी, इसे लंबे समय तक सुरक्षित तरीके से स्टोर किया जा सकता है।

छोटे दाने वाली यूरिया

किसान साथियों, छोटे दाने वाली यूरिया, जिसे प्रिल्ड यूरिया कहा जाता है, जल्दी घुलने वाली उर्वरक है। इसका नाइट्रोजन तुरंत फसलों तक पहुंचता है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी कमी यह है कि यह जल्दी से हवा में उड़ सकता है और लीचिंग की प्रक्रिया के जरिए नाइट्रोजन का नुकसान हो सकता है। इसके कारण फसल को समय से पहले ही नाइट्रोजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जो फसल की वृद्धि को प्रभावित करता है। इसके अलावा, छोटे दाने वाली यूरिया का भंडारण भी मुश्किल होता है। क्योंकि यह बहुत महीन होती है, तो ज्यादा आर्द्रता में यह जल्दी जम सकती है, जिससे इसे इस्तेमाल करना कठिन हो सकता है। इसका टॉप ड्रेसिंग करना भी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि दाने बहुत छोटे होते हैं, और इनका छिड़काव सही तरीके से करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

नाइट्रोजन की प्रभावी आपूर्ति

साथियों, बड़ा दाना यूरिया जब धीरे-धीरे घुलता है, तो फसल को नाइट्रोजन की निरंतर आपूर्ति होती है। इससे फसल को समय से पोषण मिलता रहता है, जिससे उसकी वृद्धि बेहतर होती है। वहीं, छोटे दाने वाली यूरिया में नाइट्रोजन की आपूर्ति तेज होती है, लेकिन यह बहुत जल्दी खत्म हो जाती है, जिससे फसल को बाद में नाइट्रोजन की कमी हो सकती है।

भंडारण और उपयोग में आसानी

किसान भाइयों, जैसा कि पहले बताया गया, बड़े दाने वाली यूरिया को भंडारण में कोई खास समस्या नहीं होती। इसके दाने समान आकार के होते हैं, जिससे इसका छिड़काव भी आसानी से किया जा सकता है। इसके विपरीत, छोटे दाने वाली यूरिया के दाने बहुत छोटे होते हैं, जो इसके भंडारण और छिड़काव के दौरान परेशानी उत्पन्न कर सकते हैं। यदि आप यूरिया को अधिक समय तक सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो बड़े दाने वाली यूरिया का चयन करना बेहतर रहेगा। यह पर्यावरणीय बदलावों को बेहतर तरीके से सहन कर सकती है और लंबे समय तक गुणवत्ता बनाए रख सकती है।

पर्यावरणीय दृष्टिकोण से

दोस्तों, बड़ा दाना यूरिया छोटे दाने वाली यूरिया की तुलना में पर्यावरण के लिए ज्यादा सुरक्षित है। छोटे दाने वाली यूरिया के उपयोग से नाइट्रोजन गैस के रूप में वातावरण में उड़ने की संभावना अधिक रहती है, जो कि पर्यावरणीय प्रदूषण का कारण बनता है। इसके अलावा, यह हवा में उड़ने से न केवल नाइट्रोजन की हानि होती है, बल्कि यह मिट्टी में भी नाइट्रोजन की कमी का कारण बनता है। वहीं, बड़ा दाना यूरिया धीरे-धीरे घुलता है और इसके कारण नाइट्रोजन का नुकसान कम होता है, जिससे फसल को उचित पोषण मिलता है और पर्यावरण पर भी कम प्रभाव पड़ता है।

फसल में जलन की समस्या

किसान भाइयों, बड़ा दाना यूरिया का एक और महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह जलने की समस्या को कम करता है। छोटे दाने वाली यूरिया में ज्यादा महीन कण होते हैं, जो कभी-कभी अत्यधिक आर्द्रता (humidity) की स्थिति में पत्तियों को जलाने का कारण बन सकते हैं। यह समस्या बड़ी दाना यूरिया में नहीं होती, क्योंकि इसके दाने अधिक बड़े होते हैं और यह जल्दी से घुलने की बजाय धीरे-धीरे घुलते हैं, जिससे जलने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए जब भी किसान भाई अपनी फसल के लिए यूरिया खरीदें तो यूरिया का चयन सोच-समझकर करें।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।