खुरों में समस्या भी बन सकती है पशु के दूध घटने का कारण, जाने कैसे पाए इससे छुटकारा
किसान साथियों, पशुओं के खुर बढ़ना या खुरों की सफाई न करना एक आम समस्या है, लेकिन हमारे कई पशुपालक भाई इस बात की तरफ ध्यान नहीं देते। वैसे तो पशुओं के खुर बढ़ना कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन अगर समय पर इनकी देखभाल न की जाए, तो यह दुधारू पशुओं के लिए दूध उत्पादन को कम करने का एक बड़ा कारण बन सकते हैं। दोस्तों, गाय-भैंसों के खुरों की समस्या पशुपालकों के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। खुर बढ़ना या उनमें कट-पट होना, खासकर जब यह अनियमित तरीके से होता है, पशुओं की सेहत और दूध उत्पादन पर गहरा प्रभाव डालता है। यदि खुरों में कोई चोट हो जाती है या उनका आकार असामान्य हो जाता है, तो पशुओं को चलने में दर्द होता है, जिससे वे लंगड़ाकर चलते हैं और उनका दूध उत्पादन तुरंत प्रभावित होता है। खुर की समस्या को अनदेखा करना पशुपालक के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। खुरों की समस्या न केवल पशुओं के स्वास्थ्य पर असर डालती है, अपितु पशुओं में दूध की मात्रा को घटाने का कारण भी बनती है। किसान भाई, पशुओं की अच्छी तरह देखभाल, सही पोषण, और खुर काटने की सही प्रक्रिया के द्वारा इस परेशानी को दूर कर सकते हैं। यदि पशुओं के खुर सही और साफ रहेंगे, तो उनकी शारीरिक सेहत और दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, जो आर्थिक रूप से किसानों के लिए काफी फायदेमंद होगा। इस रिपोर्ट में हम खुर की समस्या के स्थायी समाधान पर चर्चा करेंगे, जिसमें विटामिन और मिनरल्स की कमी, जेनेटिक कारण, और पशुओं के घूमने की कमी जैसे प्रमुख कारकों का समाधान दिया जाएगा। आइए, इस समस्या के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ते हैं आज की यह रिपोर्ट।
खुर और दूध उत्पादन का संबंध
दोस्तों, कई किसान भाइयों को इस बात का ज्ञान नहीं है कि खुरों का सीधा असर दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन पर पड़ता है। अगर आपके पशु के खुरों में कोई परेशानी है, तो आपका पशु चलने में दर्द के कारण परेशानी महसूस करता है, जिसके कारण न केवल पशु की चरने की क्षमता पर असर पड़ता है, बल्कि पशु के दूध में भी अत्यधिक कमी हो जाती है। इसलिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पशुओं के खुरों की नियमित देखभाल और जांच डॉक्टर की सलाह के अनुसार अवश्य करवाएं, जिससे आपके पशु को किसी भी प्रकार की खुर संबंधी समस्या न रहे और आपके पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता और दूध की गुणवत्ता अधिक से अधिक बनी रहे।
खुर की समस्या के प्रमुख कारण
1. पोषण की कमी
किसान भाइयों, आपके पशुओं में खुर संबंधी समस्याएं कई कारणों से हो सकती हैं। यदि आपके पशु के खुर अनियमित रूप से बढ़ रहे हैं, तो इसका सबसे बड़ा कारण आपके पशु में विटामिन और मिनरल्स की कमी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, कैल्शियम, मैंगनीज, जिंक, कॉपर, सेलेनियम, और फास्फोरस जैसे आवश्यक तत्वों की कमी भी खुरों की समस्या का एक कारण हो सकते हैं। इसीलिए इस समस्या के समाधान के लिए आपको अपने पशुओं, खासकर दुधारू पशुओं, को पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार उचित पोषण देने की आवश्यकता होती है। उनकी पूर्ति के लिए आप बाजार में उपलब्ध 'मिल्कोफीड प्लैटिनम पाउडर' जैसे उत्पाद पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार अपने पशु को दे सकते हैं, जो पशुओं में खुर संबंधित समस्याओं को कम करने में काफी लाभदायक है।
2. जेनेटिक कारण
किसान भाइयों, पशुओं में खुरों की समस्याओं का एक बड़ा कारण जेनेटिक भी हो सकता है। यदि आपके पशु की मां के खुरों में भी बार-बार समस्या रहती हो, तो यह परेशानी उसकी संतान में भी हो सकती है। हालांकि आप अपने पशुओं को मिनरल्स की सही मात्रा देकर इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन जेनेटिक समस्या को आप पूरी तरह से नियंत्रित नहीं कर सकते।
3. पशुओं का व्यायाम न होना
पशुपालक भाइयों को यह पता होना चाहिए कि पशुओं के खुरों की स्थिति पर उनकी दैनिक गतिविधि का भी प्रभाव पड़ता है। जो पशु नियमित रूप से चलते नहीं हैं या जिनके पास पर्याप्त जगह नहीं होती, उनके खुर अनियमित रूप से बढ़ सकते हैं। इसलिए, पशुओं को नियमित रूप से व्यायाम कराना, विशेष रूप से उन्हें बाहर घूमने देना, खुरों की समस्या को कम करने में मदद करता है। यह पशु और पशुपालक दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
4. जमीन की स्थिति का प्रभाव
दोस्तों, आपको पशुओं के रहने वाले स्थान का भी विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। पशुपालक भाई, जहां पर अपने पशुओं को घुमाते हैं या बांधते हैं, उस जमीन की स्थिति का भी पशुओं के खुरों की सेहत पर प्रभाव पड़ता है। यदि आपकी जमीन उबड़-खाबड़, गड्ढों वाली, पथरीली, या कांटेदार है, तो आपके पशुओं के खुरों में चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही अगर आपका पशु पथरीली जमीन पर चलता है, तो उसके खुरों में कट लग सकते हैं, जो आगे चलकर एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकते हैं। इसीलिए पशुपालक भाइयों को ध्यान रखना चाहिए कि जहां पर आप अपने पशुओं को घुमाते हैं और बांधते हैं, वह जमीन एकसमान और सुरक्षित होनी चाहिए ताकि आपके पशुओं के खुर स्वस्थ और सही रहें।
कैसे करें खुरों की देखभाल
किसान भाइयों, पशुओं के खुरों की सही देखभाल के लिए पशुपालकों को चाहिए कि वे अपने पशुओं के खुरों की पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार नियमित जांच अवश्य करवाएं और आवश्यकतानुसार समय पर पशुओं के खुरों को काटने का कार्य करें। अगर खुर बढ़े हुए दिखाई दें, तो तुरंत ध्यान दें। आप यह कार्य खुद भी कर सकते हैं। खुर काटने के लिए बाजार में उपलब्ध औजारों का सही उपयोग करें। पशुओं के खुरों की सही देखभाल के लिए पशुओं को ऐसी जगह पर रखें, जहां जमीन समतल हो और खुरों को कोई चोट न लगे। पशुपालक भाई, अपने पशुओं को कांटेदार या पथरीली जमीन से दूर रखें। अगर आप चाहते हैं कि आपके पशुओं के खुरों में कोई अन्य समस्या उत्पन्न न हो, तो खुरों को साफ रखना भी आवश्यक है ताकि उनमें कोई संक्रमण न हो। दोस्तों, अगर आप अपने पशुओं के खुरों की सही तरीके से देखभाल करते हैं, तो इसका असर न केवल आपके पशुओं की सेहत पर पड़ता है, अपितु दुधारू पशुओं के दूध पर भी इसका अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। आप अपने पशुओं की सही विधि और देखभाल करके पशुपालन से होने वाली अपनी आय को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी डेयरी फार्मिंग के निजी अनुभवों और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। पशुपालक भाई, संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले पशु चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।