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सरसों में टॉप उत्पादन लेने की शॉर्ट ट्रिक मिल गई है | रिपोर्ट में जाने प्रक्रिया

सरसों में टॉप उत्पादन लेने की शॉर्ट ट्रिक मिल गई है | रिपोर्ट में जाने प्रक्रिया
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किसान साथियो रबी के मौसम में सरसों की खेती देश के कई हिस्सों में की जाती है, खासकर बिहार में। किसानों को अच्छी उपज लेने के लिए कई तरह के उपाय करने होते हैं, जैसे कि कीटनाशकों का उपयोग, उचित सिंचाई और खाद देना। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप सरसों के दाने में तेल की मात्रा को कैसे बढ़ा सकते हैं? सरसों की फसल से अधिकतम तेल प्राप्त करने के लिए कुछ खास उपायों को अपनाना जरूरी होता है। इनमें से एक है खेत में उचित प्रकार के खाद का उपयोग करना। आप अपनी फसल में गंधक (सल्फर) मिला सकते हैं। एक एकड़ खेत के लिए लगभग 8-10 किलोग्राम गंधक मिलाने से सरसों के दानों में तेल की मात्रा बढ़ सकती है। इसके अलावा, बुवाई से पहले प्रति एकड़ खेत में 4 किलोग्राम बोरेक्स और 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट मिलाने से भी फायदा होता है। इन उपायों के अलावा, सरसों की ऐसी किस्मों का चयन करना भी महत्वपूर्ण है जो अधिक तेल देने वाली हों। साथ ही, फसल को समय-समय पर पानी देना और खरपतवार से मुक्त रखना भी जरूरी है। इन सभी उपायों को अपनाकर किसान अपनी सरसों की फसल से अधिकतम तेल प्राप्त कर सकते हैं।

जब सरसों में फूल आ जाये तब करें हल्की सिंचाई
कृषि विज्ञान केंद्र गंधार के कीट विशेषज्ञ डॉ. वाजिद हसन ने बताया है कि बिहार में मुख्य रूप से तीन प्रकार की सरसों की खेती की जाती है। फिलहाल सरसों के खेतों में फूल आने का समय चल रहा है। इस मौसम में तापमान में गिरावट के कारण फसल पर रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, किसानों को इस समय फसल की सिंचाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हल्की सिंचाई करने से पौधे स्वस्थ रहेंगे और तापमान में गिरावट के बावजूद फसल अच्छी होगी। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

ये उपाय से बढ़ जाएगी दाने में तेल की मात्रा
सरसों में तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए किसान सल्फर का इस्तेमाल कर सकते हैं। मिट्टी परीक्षण से पता चला है कि मिट्टी में सल्फर की मात्रा सामान्य होती है, लेकिन तिलहन फसलों, खासकर सरसों के लिए अतिरिक्त सल्फर की आवश्यकता होती है। एक एकड़ खेत में लगभग 7 से 8 किलोग्राम सल्फर का छिड़काव करने से सरसों के दानों में तेल की मात्रा 3 से 4 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। सल्फर, तिलहन फसलों में तेल के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है। इसलिए, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम के साथ-साथ सल्फर का भी उपयोग करना चाहिए ताकि तिलहन फसलों से अधिक से अधिक तेल प्राप्त किया जा सके।

लाही को कैसे करें नियंत्रित
सरसों की फसल फूलने की अवस्था में है जो कि काफी संवेदनशील होती है। इस समय लाही कीट का प्रकोप बढ़ने का खतरा रहता है। लाही कीट के प्रकोप को रोकने के लिए किसान येलो ट्रैप का उपयोग कर सकते हैं। ये ट्रैप उत्तर दिशा से आने वाली ठंडी हवाओं के साथ आने वाले लाही कीटों को फंसा लेते हैं। यदि फूलों पर लाही का प्रकोप 1 सेंटीमीटर तक पहुंच जाए तो नीम का तेल (एजेडियरेक्टिन 3000 पीपीएम) 10 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। यह उपाय लाही के प्रकोप को नियंत्रित करने में काफी प्रभावी होता है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।