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1121, 1718 और अन्य बासमती धान में 65 मन से ज्यादा उत्पादन लेना है तो अभी देखें यह रिपोर्ट

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किसान साथियो इस समय बासमती धान की फसल डेढ़ महीने से 2 महीने के आसपास हो गई है। अब तक किसान अपनी फसल की ग्रोथ का विश्लेषण कर चुके होंगे। अगर आपकी धान की फसल में कम कल्ले है तो आप यह जरूर जानना चाह रहे होंगे कि आपने क्या गलतियां की है । और आपके पड़ोसी की धान की फसल में ज्यादा कल्ले है तो आप यह भी जानना चाहेंगे कि उसने अपनी फसल में क्या डाला है? तो दोस्तों धान में सबसे बढ़िया ग्रोथ का क्या फार्मूला है आज हम इस बारे में जानेंगे | चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

दोस्तों हमारे कुछ किसान साथियों ने धान की अगेती फ़सल लगाई हुई है और हम जब एक किसान की फसल को देखने के लिए गए तो हमने पाया कि  उसकी फसल के एक पौधे में 13 ही कल्ले है और दूसरी तरफ हमारे दूसरे किसान साथी के एक पौधे में करीबन 65 कल्ले हैं। लेकिन जब ध्यान से देखा तो पाया कि उन 65 कल्लो में से 35 में ही बालियां निकली हुई है बाकि 30 कल्लो में से बालियां नहीं निकली और आने वाले समय में इन में से बालियां निकलेगी भी नहीं गई | दोस्तों फसल में कल्ले बढ़ाने का क्या मतलब हुआ जब उन में से बालियां ही नहीं निकलेंगी | आज की रिपोर्ट में हम उन सारी चीजो शामिल करेंगे जो कि आपकी धान की फ़सल में ना सिर्फ कल्ले बढ़ायेगा बल्कि बालियां भी बढ़ाने में सहायक होंगी।

क्या है अधिक उत्पादन का फार्मूला
साथियो जितने भी किसान भाई है वो जब अपने खेत के अंदर धान की रोपाई करता है तो सबसे पहले उसके दिमाग में एक ही बात आती कि हमें कल्लो की संख्या को ज्यादा से ज्यादा करनी है लेकिन जिस किसान के खेत से बढ़िया उत्पादन निकलता है वो 2 बातें ध्यान रखता है पहले बात जहां वो इफेक्टिव टिलर यानी कल्लों की संख्या को बढ़ाता है वहीं दूसरी तरफ उन टिलर्स को प्रोडक्टिव टिलर्स (बालियां वाली पौध) के अंदर बदलने के लिए भी लगातार काम करता रहता है। साथियो जैसा कि आप सबको पता है कि धान की खेती में सबसे महत्वपूर्ण समय वह है जब आपकी फसल गबोट अवस्था में हो यानि कि अंदर से  (गोभ) बाहर निकाल चुकी हो या निकलने वाली हो। इस समय की खास बात यह है कि इस समय के बाद जो किसान झंडा पत्ती यानी कि फ्लैग लीफ को आखिरी समय तक भी हरा भरा रखने में सफ़ल होता है उस किसान को धान की फसल में अधिक उत्पादन मिलता है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

किसान कल्ले बढ़ाने के लिए क्या करे
किसान साथियो अगर आपकी पछेती फ़सल है और आपकी फसल में आपको इस समय खेत के अंदर कल्लो की संख्या कम दिख रही है तो आप को क्या करना चाहिए | सबसे पहले तो इसके अंदर आप यूरिया की पूर्ति कीजिये। उम्र के हिसाब को देखें तो अभी तक आप ने यूरिया के 2 डोज डाल दिए हो होंगे। पहला डोज 10 दिन पर दूसरा डोज 20-22 दिन पर। अब बात आती है तीसरे डोज की, धान में यह यह तीसरा डोज ही बहुत इंपॉर्टेंट है इसीलिए इस डोज को आप ने सही समय पर डालना है। अब हम बात करते है वह सही समय क्या है । दोस्तो अगर आपकी धान की वैरायटी 90 दिन के अंदर पक कर तैयार होने वाली है, तो बुआई के लगभग 30-32 दिन के आसपास धान की पेनिकल इनिशिएटिव आती है। अगर इस समय पर आपकी फसल के अंदर किसी भी तरह किसी भी पोषक तत्व की कमी आ जाती है तो आपकी फसल में आगे चलकर  बालियां कम बनती हैं और बनी हुई बालियों के अंदर दाने भी कम भरते हैं। हमें यही सबसे पहले ध्यान रखना है की हमें अपनी यूरिया की जो आखिरी डोज है ना वो इनीशिएशन स्टेज के ऊपर पूरी कर देनी है।

पीलापन का रामबाण इलाज
अगर आपकी फसल के अंदर पीलापन है उसकी ग्रोथ रुकी हुई है उसी हिसाब से यूरिया की पूर्ति करनी चाहिए। अगर आपकी धान की फसल के में पीलापन है तो निश्चित तौर पर आप आपकी फसल के अंदर तीन पोषक तत्त्वों की कमी मिलेगी। जिस में एक तो जिंक सल्फेट है क्योंकि अधिकतर खेतों के अंदर इसकी कमी देखी जाती है। दूसरा फेरस सल्फेट यानि कि आयरन। इनकी कमी विशेषकर उन खेतों के अंदर अक्सर देखी जाती है जिन खेतों मे  हर साल धान की बुआई होती है। तीसरा पोषक तत्व है मैग्नीशियम सल्फेट। अगर आपकी फसल इस समय पीलापन से पीड़ित है और उसकी ग्रोथ रुकी हुई है तो आखिरी यूरिया की डोज के साथ लगभग 5 किलो से 10 किलो जिंक सल्फेट 21% वाला ले सकते हैं  इसके अलावा 5-7 किलो के बीच में आप फेरस सल्फेट ले सकते हो और 5 से 7 किलो ही आप मैग्नीशियम सल्फेट ले सकते हैं। अगर आप चाहते है कि आगे चलकर धान में सीथ ब्लाइट वाली प्रॉब्लम ना आए या किसी भी तरह की फंगस जनित बीमारियां ना आए तो इसमें आप थाई फेनेट मिथाइल आधा किलो को लेकर इसी खाद के अंदर मिलाकर और अपने खेत के अंदर छिड़ककर  ऊपर से सिंचाई कर दें। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

धान की फसल जब मध्य अवस्था में पहुंच जाये तब क्या करे
 जब आपकी फसल लगभग 50-55 दिन की हो जाती है और उस समय भी आपकी फ़सल में पीलापन किसी भी कारण से आया हुआ है। तो एक बहुत कम खर्च का एक स्प्रे जिसमें आपको लगभग 2 किलो जिंक सल्फेट  33% वाला, आधा किलो फेरस सल्फेट 19%  वाला और आधा किलो मैग्नीशियम सल्फेट लेना है और साथ ही  आप इसे 1 किलो यूरिया मिला कर 120 लीटर में घोल लें फसल के ऊपर स्प्रे कर दें।

धान की फसल में पोटाश का कितना है महत्व
देखिए पोटाश किसी भी फसल के अंदर ट्रांसपोर्ट सिस्टम का काम करता है। जैसा कि आप सबको पता है कि धान की जड़ें नीचे से जमीन से वाटर और मिनरल्स लेती हैं। जमीन में आपने जो भी पोषक तत्व डाले हैं उनको यही से ट्रांसपोर्ट करके उपर तक पहुंचाती हैं। साथ ही सूर्य के प्रकाश की मदद से पौध पत्तों के जरिए फोटोसिंथेसिस करती हैं। दिन के समय ये भोजन बनाती हैं और भोजन को हर भाग में पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम जरूरी है। पौधे की बालियों के अंदर जो दानेे भरने वाले हैं या जितने दानेे भर चुके हैं उनके साइज को मोटा करने का काम पोटाश करता है। पोटाश एक तरह से माल गाड़ी का काम करता है। पौधे के अंदर जो पोषक तत्व अलग अलग हिस्सों में इकट्ठा हुआ रहता है उसे एक जगह से दूसरी जगह तक लेकर जाने का काम पोटाश करता है। दो दोस्तो इस समय पर पोटास की कमी नहीं होनी चाहिए। आपने शुरुआती चरण में जब आपने खेत में धान की बुआई की थी तो बेसल डोज में आपने पोटाश की पूरी पूर्ति की होगी लेकिन इस समय भी अगर हो सके तो पोटाश ऊपर से आप स्प्रे में दे दें। जैसे कि NPK 0-0-50 जिसके अंदर पोटाश आता है इसके बहुत ही शानदार रिजल्ट मिलते हैं। इसके साथ आप 100 से 120 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से बोरोन मिलाकर स्प्रे कर सकते है इसका भी बड़ा फायदा मिलता है।

धान की फसल में बोरोन क्या काम करता है
दोस्तों हम पोटाश के साथ बोरोन क्यों मिलाते हैं आइए इस कांसेप्ट को भी समझते हैं। दोस्तो बोरोन एक ऐसा पोषक तत्व है जो पोलिनेशन (परागण) की क्रिया में बहुत बड़ा योगदान करता है। अगर बालियां निकलने के समय आपकी फसल में बोरोन की कमी होगी तो बालियों के अंदर दाने कम भरेंगे। अगर स्वस्थ पोलिनेशन आपकी धान में होता है बालियों में नीचे से लेकर ऊपर तक कंप्लीट दाने भरेंगे और दानों का साइज भी मोटा देखने को मिलेगा। दाने भरने के समय पोटाश और बोरोन की उपलब्धता बहुत महत्वपूर्ण है। अगर हो सके तो आप लगभग एक किलो पर एकड़ के हिसाब से NPK 0-0-50 के साथ आप 100 - 120 ग्राम बोरोन 20% वाला लेकर लगभग 120 से 150 लीटर पानी में मिलाकर अपनी खड़ी फसल के ऊपर स्प्रे कर दीजिए इसके चमत्कारिक परिणाम है जो आपको 5 दिन के अंदर ही दिखाई देने लगेंगे चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

Note:- किसान साथियो उपर दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विश्वसनीय स्रोतों और किसानों के निजी अनुभव पर आधारित है। किसी भी जानकारी को उपयोग में लाने से पहले कृषि वैज्ञानिक की सलाह जरूर ले लें । कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार धान में किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत कृषि वैज्ञानिकों की सलाह लेनी चाहिए।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।