धान को होपर रोग से बचाना है तो अभी से कर लें यह काम | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसान साथियो क्या आपकी धान की फसल भी भूरा माहू जिसे ब्लैक हॉपर के नाम से भी जाना जाता है इसके के प्रकोप से जूझ रही है? भूरा माहू ( ब्लैक हॉपर ) एक खतरनाक कीट है जो धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाता है। यह कीट धान के पौधों का रस चूसकर पौधे को कमजोर बना देता है जिससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन भी प्रभावित होता है। भूरा माहू धान के पौधे के जीवन चक्र के हर चरण में इसे नुकसान पहुंचा सकता है। यह कीट पौधे के टिलर के आधार पर हमला करता है जिससे पौधे पीले पड़ जाते हैं और जल्दी सूख जाते हैं। संक्रमण के शुरुआती चरण में पौधे पर गोल पीले धब्बे दिखाई देते हैं जो बाद में भूरे रंग के हो जाते हैं।
कीट के लिए क्या है अनुकूल परिस्थितियाँ
भूरा माहू एक ऐसा कीट है जो गर्म और आर्द्र वातावरण में पनपता है। यह 27 डिग्री सेल्सियस से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान में सबसे अच्छा विकास करता है। इस तापमान सीमा के बाहर, विशेषकर 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर या 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे, भूरे माहू का अस्तित्व और प्रजनन प्रभावित होता है। इसके अलावा, भूरे माहू को उच्च आर्द्रता वाली स्थितियाँ पसंद होती हैं। 70% से अधिक की सापेक्ष आर्द्रता वाले वातावरण में यह कीट सबसे अधिक सक्रिय रहता है। कम आर्द्रता की स्थिति में, भूरे माहू के अंडे और शिशु सूख जाते हैं, जिससे उनकी मृत्यु दर बढ़ जाती है।
क्या है आम लक्षण
जब पौधों की नई पत्तियों पर, खासकर आधार के पास, पीली धारियाँ या धब्बे दिखाई देते हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है कि पौधे किसी कीट या रोग से ग्रस्त है। अक्सर, यह रंग परिवर्तन पौधे की फ्लोएम वाहिकाओं से रस चूसने वाले निम्फ नामक छोटे कीटों के कारण होता है। ये कीट पौधे से आवश्यक पोषक तत्वों को चूस लेते हैं, जिससे पत्तियों का रंग पीला पड़ जाता है और पौधे की वृद्धि प्रभावित होती है। इसके परिणामस्वरूप, प्रभावित पौधे स्वस्थ पौधों की तुलना में आकार में छोटे रह जाते हैं।
क्या है गंभीर लक्षण
बीपीएच (ब्राउन प्लांट हॉपर) कीट फसलों के लिए एक गंभीर खतरा है। यह कीट फसलों को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। प्रभावित पौधों में सबसे पहले पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, फिर भूरी हो जाती हैं और अंततः सूख जाती हैं। यह प्रक्रिया अक्सर पत्तियों के किनारों और सिरों से शुरू होती है। खेत में पीली और सूखी पत्तियों के गोलाकार धब्बे दिखाई देते हैं, जो धीरे-धीरे फैलते हुए एक-दूसरे में मिल जाते हैं। बीपीएच कीट के संक्रमण से पौधे के निचले तनों पर काली कालिखयुक्त फफूंद भी लग जाती है। गंभीर रूप से प्रभावित पौधों में पोषक तत्वों की कमी के कारण पत्तियां विकृत हो जाती हैं और उनका रंग बदल जाता है। इसके अलावा, बीपीएच द्वारा फैलाए गए वायरल संक्रमण से भी पौधों की वृद्धि रुक जाती है। भूरा माहू कीट पौधों का रस चूसकर उनकी वृद्धि और विकास को बाधित करता है। इससे पौधों में टिलरों की संख्या कम हो जाती है और फूलों के गुच्छे छोटे और विकृत हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप फसल की उपज पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
भूरा माहू किट लगने पर फसल में क्या होता है
भूरा माहू धान की फसल के लिए एक गंभीर खतरा है। इसके लार्वा धान के पौधों का रस चूसते हैं, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं और उनकी वृद्धि रुक जाती है। अक्सर भूरा माहू के अंडे धान के खेतों के आसपास के क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ये कीट पौधे के रस को चूसकर पौधे को कमजोर बनाते हैं और इससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है। परिणामस्वरूप, धान की फसल में काफी नुकसान हो सकता है और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भूरा माहू को नियंत्रण करने के क्या है उपाय
भूरे माहू एक गंभीर कीट है जो फसलों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इस कीट से बचाव के लिए किसान अक्सर कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। कीटनाशक का छिड़काव भूरे माहू को नियंत्रित करने में प्रभावी साबित हो सकता है। हालांकि, कीटनाशक का उपयोग करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं। कीटनाशक का छिड़काव करते समय किसानों को सुरक्षात्मक कपड़े जैसे दस्ताने, चश्मा और मास्क पहनने चाहिए। साथ ही, कीटनाशक के पैकेट पर दिए गए निर्देशों का पालन करना भी बेहद जरूरी है। अनुचित तरीके से कीटनाशक का उपयोग करने से फसल को नुकसान पहुंच सकता है और पर्यावरण भी प्रदूषित हो सकता है।
उत्पाद | तकनीकी नाम | मात्रा बनाने की विधि |
BPH Super + | डाइनोटफ्यूरान 15 + पाइमेट्रोज़िन 45 डब्ल्यूजी | 133.2 ग्राम/एकड़ |
Imida | इमिडाक्लोप्रिड 30.5% एस.सी | प्रति एकड़ 50 से 75 मिलीलीटर डालें |
FANTASY | फिप्रोनिल 5% एससी | प्रति एकड़ 400-500 मि.ली |
BPH Super | पाइमेट्रोज़िन 50% डब्ल्यूजी | 120-150 ग्राम प्रति एकड़ |
Thioxam | थियामेथोक्साम 25% डब्ल्यूजी | 200 ग्राम/हेक्टेयर डालें |
भूरा माहू धान की फसल के लिए एक बहुत ही हानिकारक कीट है। यह कीट धान के पौधों का रस चूसकर उन्हें कमजोर बना देता है, जिससे फसल की पैदावार कम हो जाती है। यदि इस कीट का समय रहते नियंत्रण न किया जाए तो पूरी फसल बर्बाद हो सकती है।
Note: फसल सलाह की रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और इंटरनेट के माध्यम से इकट्ठी की गई है। किसी भी कार्य प्रणाली को अपनाने से पहले कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अवश्य लें और कार्य अपने विवेक और समझ से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।