40 दिन में अमीर बनना है तो मार्च में ही इस चीज की खेती कर लो | अमीर बनने का शॉर्टकट
किसान साथियों मार्च और अप्रैल का महीना खेतीबाड़ी के लिए कई संभावनाएं लेकर आता है। इस समय सरसों और आलू की कटाई पूरी होने के बाद खेत खाली हो जाते हैं, जिससे किसानों को अगली फसल की तैयारी का अवसर मिलता है। उत्तर भारत के कई हिस्सों में किसान इस समय हरा धनिया की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। हरा धनिया की मांग सालभर बनी रहती है, लेकिन गर्मियों के दिनों में इसकी आपूर्ति कम होने के कारण बाजार में इसके दाम अधिक मिलते हैं। इस वजह से यदि किसान इस समय धनिया की बुवाई करें, तो कम लागत में अधिक लाभ कमा सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, मार्च और अप्रैल धनिया की खेती के लिए आदर्श समय होता है, क्योंकि इस दौरान मौसम अनुकूल रहता है और पौधों की वृद्धि अच्छी होती है।
धनिया की खेती की शुरुआत कैसे करे
धनिया की खेती करने से पहले खेत की उचित तैयारी करना बेहद जरूरी होता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए ताकि मिट्टी नरम और भुरभुरी हो जाए। गहरी जुताई करने से मिट्टी में मौजूद खरपतवार और अन्य अवांछित पौधे स्वतः ही नष्ट हो जाते हैं, जिससे खेत साफ-सुथरा और उपजाऊ बनता है। इसके बाद अच्छी गुणवत्ता वाली सड़ी हुई गोबर की खाद डालकर सिंचाई करनी चाहिए ताकि खेत में पर्याप्त नमी बनी रहे। जब मिट्टी में नमी बनी रहती है, तो अगली जुताई करते समय मिट्टी में पोषक तत्व अच्छी तरह मिल जाते हैं, जिससे फसल को बेहतर पोषण प्राप्त होता है।
खेत की जुताई के बाद उर्वरकों का संतुलित प्रयोग आवश्यक होता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, खेत में डीएपी और पोटाश का प्रयोग करना बेहद जरूरी है। डीएपी पौधों की जड़ो के विकास को मजबूत बनाता है, जबकि पोटाश पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। खेत में रोटावेटर से जुताई करने के बाद मिट्टी को भुरभुरी बना लेना चाहिए, ताकि धनिया के बीज अच्छी तरह अंकुरित हो सकें। उसके बाद खेत को समतल करने के लिए पाटा चलाना आवश्यक है। समतल खेत में नमी का संतुलन बना रहता है और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व सही मात्रा में मिलते हैं।
बीज चयन और धनिया की बुवाई का सही तरीका
धनिया की अच्छी उपज के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन बेहद जरूरी होता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, 'हिसार सुगंध' धनिया की सबसे बेहतरीन किस्मों में से एक है। इस किस्म का उत्पादन अच्छा होता है, और इसके बीजों का जमाव भी बेहतरीन होता है। इसके अंकुरण की दर तेज होती है, जिससे फसल जल्दी तैयार हो जाती है। धनिया की बुवाई करने से पहले बीजों की सही तैयारी भी आवश्यक है। बीजों को एक जूट की बोरी में भिगोकर रखना चाहिए, जिससे उनके अंकुरण की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
बुवाई से पहले खेत को छोटे-छोटे क्यारियों में बांट लेना चाहिए, जिससे पौधों को आवश्यक मात्रा में पोषण मिल सके। छोटे क्यारियों में नमी और पोषक तत्व संतुलित रहते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है। बीजों को खेत में कतारों में बोना चाहिए और हल्की मिट्टी डालकर उन्हें ढक देना चाहिए। ध्यान रहे कि बीजों को अधिक गहराई में न दबाएं, क्योंकि इससे उनका अंकुरण प्रभावित हो सकता है।
धनिया की वृद्धि और फसल की देखभाल
बुवाई के तीन से चार दिनों के भीतर धनिया के बीज अंकुरित होने लगते हैं। इस दौरान खेत की नमी बनाए रखना जरूरी होता है, ताकि पौधों का विकास सुचारू रूप से हो सके। लगभग 35 से 40 दिनों में धनिया की फसल पूरी तरह से तैयार हो जाती है और इसे बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। हरा धनिया बाजार में ताजा बेचा जाता है और इसकी मांग सालभर बनी रहती है। गर्मी के मौसम में इसका उत्पादन कम होने के कारण इसके दाम अधिक मिलते हैं। इस वजह से इस समय हरा धनिया उगाने वाले किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त होता है।
धनिया की फसल को बेहतर बनाने के लिए नियमित रूप से सिंचाई और कीट नियंत्रण का ध्यान रखना आवश्यक है। अधिक गर्मी के कारण मिट्टी जल्दी सूख सकती है, इसलिए हल्की सिंचाई करना जरूरी होता है। साथ ही, खेत में खरपतवार न पनपने दें, क्योंकि वे धनिया की वृद्धि में बाधा डाल सकते हैं। इसके अलावा, फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
बाजार में धनिया की कीमत
धनिया की खेती से किसानों को लंबे समय तक मुनाफा मिलता रहता है। एक हेक्टेयर खेत से लगभग 10 क्विंटल तक हरा धनिया प्राप्त किया जा सकता है। इसकी फसल से कई बार कटिंग की जा सकती है, जिससे किसान लगातार कमाई कर सकते हैं। गर्मियों में बाजार में हरे धनिया की कीमत 250 से 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है। मांग अधिक और आपूर्ति कम होने की वजह से इसका मूल्य लगातार बढ़ता रहता है।
जो किसान सही विधि से धनिया की खेती करते हैं, वे कुछ ही महीनों में लाखों रुपये तक कमा सकते हैं। यह खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली होती है और खासकर गर्मियों के दिनों में किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है। इस वजह से शाहजहांपुर और अन्य इलाकों में किसान अब धनिया की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं
नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।