गेहूं में मोटे और चमकदार दाने चाहिए तो इस समय ये चमत्कारी स्प्रे कर दो | उत्पादन होगा 80 मण पार
किसान साथियो हर एक किसान की यही कोशिश होती है कि उसकी गेहूं की फसल में से अधिक से अधिक उत्पादन मिले दाने मोटे हो चमकदार और भारी हों जिससे पैदावार अच्छी खासी हो। अच्छी पैदावार पाने के लिए सबसे जरूरी होता है कि बाली लंबी और मोटी हो और उनमे दाने अच्छे से भरें हो जिससे वे वजन में अच्छे बैठे। लेकिन हर खेत की स्थिति अलग होती है और उसी के अनुसार देखभाल की जरूरत होती है। मुख्य रूप से गेहूं की फसल तीन स्थितियों में पाई जाती है अगेती फसल, सामान्य फसल और देर से बोई गई फसल। इन तीनों ही परिस्थितियों में फसल को सही पोषण और देखभाल देने से उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि हर स्थिति में क्या उपाय किए जाएं ताकि गेहूं की फसल से अधिक उत्पादन लिया जा सके।
अगेती फसल में जब हाइट ज्यादा बढ़ रही हो तो क्या करे
अगर गेहूं की फसल जल्दी बोई गई है, तो कई बार उसकी ऊंचाई जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है। इस स्थिति में दो मुख्य समस्याएं आती हैं पहली, जैसे ही दाने भरते हैं, पौधे कमजोर होकर गिर सकते हैं जिससे उत्पादन में गिरावट आ सकती है। दूसरी, अधिक घनी फसल में नमी के कारण फंगस जनित रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे फसल खराब हो सकती है। इस स्थिति में फसल की ऊंचाई को नियंत्रित करने के लिए लियोसिन (क्लोर मेक्ट क्लोराइड 50%) का स्प्रे करना चाहिए। यह पौधे की बढ़वार को संतुलित करता है और उसे मजबूत बनाता है, जिससे फसल गिरने से बचती है। साथ ही, फंगस जनित रोगों से बचाने के लिए फंगीसाइड का उपयोग करना जरूरी है। इसके लिए रोको (थायोफेनेट मिथाइल) या टेबोकॉनाजोल का छिड़काव किया जा सकता है।
सामान्य फसल: जब बड़वार संतुलित हो लेकिन बालियां लंबी करनी हों तो क्या करे
अगर गेहूं की फसल सामान्य रूप से बढ़ रही है लेकिन आप चाहते हैं कि बाली लंबी और मोटी हो, तो इसके लिए सही पोषण देना जरूरी है। फास्फोरस और पोटाश जैसे तत्व बाली के विकास और दानों के भराव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस स्थिति में एनपीके 05-52-34 (मोनो पोटेशियम फॉस्फेट) 1 KG प्रति एकड़ का स्प्रे करना चाहिए। इससे बाली का आकार बड़ा होगा और दाने अच्छी तरह भरेंगे। साथ ही, बोरोन 100 ग्राम प्रति एकड़ के साथ मिलाकर छिड़काव करने से पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और दानों में चमक आती है।
लेट बिजाई की गई फसल: जब फसल कमजोर हो और फुटाव कम हो तो क्या करे
अगर गेहूं की फसल देर से बोई गई है या फिर मिट्टी का pH बहुत ज्यादा है, खारा पानी इस्तेमाल हो रहा है या पोषक तत्वों का सही से अवशोषण नहीं हो रहा है, तो पौधों का विकास प्रभावित हो सकता है। ऐसी स्थिति में फसल कमजोर और पतली रह सकती है, जिससे पैदावार कम हो सकती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए जिंक सल्फेट, फेरस सल्फेट, मैग्नीशियम सल्फेट और मैंगनीज़ सल्फेट (सभी 500 ग्राम प्रति एकड़) का स्प्रे करना चाहिए। ये सभी पोषक तत्व पौधे की वृद्धि को बढ़ाते हैं और उसे मजबूत बनाते हैं। इसके साथ ही, सीवीड (500 ग्राम) और बोरोन (100 ग्राम प्रति एकड़) मिलाकर छिड़काव करने से पौधे को तुरंत पोषण मिलता है, जिससे फसल जल्दी हरी-भरी और मजबूत बनती है।
रोग नियंत्रण और संतुलित वृद्धि के लिए जरूरी उपाय
फसल में रोगों को आने से रोकने के लिए आवश्यक है कि घनी फसल में समय-समय पर फंगीसाइड का छिड़काव किया जाए। साथ ही, मिट्टी का pH बैलेंस बनाए रखना जरूरी है, जिससे पौधे पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित कर सकें। फास्फोरस और पोटाश की पर्याप्त मात्रा से फसल का तना मजबूत रहता है, जिससे फसल गिरने से बचती है।
स्प्रे तैयार कैसे करते है
फसल के लिए सही स्प्रे तैयार करना बहुत जरूरी है। लियोसिन और फंगीसाइड का घोल अलग-अलग तैयार करना चाहिए और फिर मिलाकर तुरंत स्प्रे करना चाहिए। इसी तरह, एनपीके और बोरोन का हल्का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए ताकि पौधे इसे आसानी से अवशोषित कर सकें। न्यूट्रिशनल स्प्रे जैसे जिंक, फेरस, मैग्नीशियम और मैंगनीज़ सल्फेट को भी मिलाकर तुरंत स्प्रे करना चाहिए ताकि फसल को जल्दी फायदा मिले। अगर फसल की बढ़वार ज्यादा हो और गिरने की संभावना हो, तो लियोसिन + फंगीसाइड का उपयोग करें। अगर फसल सामान्य है लेकिन बाली लंबी और मोटी चाहिए, तो एनपीके 05-52-34 + बोरोन का छिड़काव करें। वहीं, अगर फसल कमजोर है और अच्छी बढ़वार नहीं हो रही, तो जिंक, फेरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज़ सल्फेट + सीवीड + बोरोन का उपयोग करें। इन उपायों से गेहूं की फसल मजबूत बनेगी, दाने चमकदार और भारी होंगे और उत्पादन बेहतर होगा। सही पोषण और संतुलित वृद्धि से ही अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।