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अगेती गेहूं लगाने जा रहे हैं तो 2024 में धमाल मचाने वाली किस्म इस वैरायटी के बारे में जान लेना चाहिए

अगेती गेहूं लगाने जा रहे हैं तो 2024 में धमाल मचाने वाली किस्म इस वैरायटी के बारे में जान लेना चाहिए
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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित गेहूं की किस्म WH 1270 उत्तर पश्चिमी मैदानी भाग के लिए अधिक सिंचाई वाले क्षेत्र में अगेती बिजाई वाली खेती के लिए 3 साल पहले विकसित की गई थी। इस किस्म के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए  हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा आयोजित कृषि मेला जो, 16 और 17 सितंबर को लगाया गया था, हमारी टीम वहां गई। वहां पर हमने अलग-अलग किसानों से गेहूं की वैरायटी WH  1270 के बारे में बात की। गेहूं की वैरायटी के बारे में किसानों का फीडबैक भी बहुत बढ़िया था। एक किसान भाई रवि जैनी जो राजस्थान से आए हुए थे, उन्होंने बताया कि गेहूं की यह वैरायटी किसानों के लिए अत्यधिक मात्रा में उत्पादन देने वाली है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश,दिल्ली, और राजस्थान में सिंचाई वाले क्षेत्रों में इस वैरायटी ने अपना प्रभाव डाला है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के डॉक्टर ओमप्रकाश बिश्नोई ने बताया कि जो किसान भाई रासायनिक खेती करते हैं, उनके लिए यह वैरायटी बहुत अधिक उत्पादन देने वाली है  इसमें खाद की मात्रा आप 1.5 गुना कर सकते हैं। यदि आप इसमें खाद की मात्रा ज्यादा डालते हैं तो,उसी के अनुसार इसका उत्पादन भी ज्यादा हो जाता है। आइए गेहूं की इस वैरायटी के बारे में और अधिक जानने की कोशिश करते हैं इस रिपोर्ट में।

विशेषताएं:
गेहूं की वैरायटी डब्ल्यू एच 1270 किस्म की विशेषताएं इसे उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के लिए एक आदर्श विकल्प बनाती हैं। यह वैरायटी भारी मिट्टी में अच्छी पैदावार देती है। इसकी बाली निकलने की अवधि लगभग 100 दिन है, जबकि पकने की अवधि लगभग 156 दिन है। पौधों की ऊंचाई लगभग 100 सेंटीमीटर होती है, जो सुरक्षा के लिहाज से थोड़ी सी ज्यादा है, जिसके लिए आप पीजीआर का स्प्रे कर सकते हैं।जो इसे फसल की सुरक्षा और उत्पादन के लिए उपयुक्त बनाती है। इसके अलावा, इसके गेहूं के 1000 दानों का वजन लगभग 46 ग्राम होता है, जो इसकी उच्च गुणवत्ता को दर्शाता है। अगर इस वैरायटी की उत्पादन औसत की बात की जाए तो इसकी उत्पादन औसत 24 से 25 क्विंटल प्रति एकड़ की है और यदि इसके उत्पादन में क्षमता की बात की जाए तो इसकी उत्पादन क्षमता 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ की है।

प्रोटीन मात्रा:
गेहूं की डब्ल्यू एच 1270 किस्म में प्रोटीन की मात्रा लगभग 12.4% होती है, जो इसे उच्च गुणवत्ता वाले आटे के लिए उपयुक्त बनाती है। यह किस्म पीला, भूरा व काला रतुआ के लिए प्रतिरोधक है, जो फसल की गुणवत्ता को और भी अधिक बढ़ाती है।

बीज उपचार:
आप गेहूं की वैरायटी WH 1270 की बिजाई करने से पहले बीज को उपचारित जरूर करें। गेहूं में खुली व पत्तों की कांगियारी रोग से बचाव के लिए कार्बोकसिन या कार्बेडाजिम 2 ग्राम प्रति किलो या टेबुकोनाजोल 1 ग्राम प्रति किलो से सही ढंग से बीज का उपचार करना बहुत जरूरी है।

बिजाई का समय:
गेहूं की वैरायटी डब्ल्यू एच 1270 की बिजाई आप 20 अक्टूबर से 10 नवंबर तक कर सकते हैं। इस समय बिजाई करने से फसल की वृद्धि और उत्पादन में वृद्धि होती है। आप इसकी बिजाई अगेती और मध्य में कर सकते हैं, अगर आप इसकी बिजाई देरी से करते हैं तो इससे आपके उत्पादन में थोड़ा असर पड़ सकता है। लेकिन अगर आप इसकी बिजाई लेट करते हैं तो भी यह समय वाली फसलों के साथ पककर तैयार हो जाती है।यह किस्म मौसम के हिसाब से अपने आप को ढालना जानती है।

बीज की मात्रा:
गेहूं की वैरायटी की बिजाई के लिए आप 40 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ ले सकते हैं। बिजाई करते समय इसमें पंक्तियों के बीच 20 सेंटीमीटर का गैप जरूर रखें, ताकि आपकी फसल की  ग्रोथ अच्छे प्रकार से हो सके। जिससे आपकी फसल की वृद्धि और उत्पादन में वृद्धि होती है।

सिंचाई:
गेहूं की इस वैरायटी को फसल में सामान्यतः 5 से 6 सिंचाई की आवश्यकता होती है। सिंचाई का समय और मात्रा मिट्टी की गुणवत्ता और जलवायु पर निर्भर करती है। आमतौर पर इसमें पहली सिंचाई बिजाई के 20 से 25 दिन बाद, दूसरी सिंचाई 40 से 45 दिन में, तीसरी सिंचाई 60 से 65 दिन और चौथी सिंचाई 90 से 95 दिन के बाद करनी चाहिए। इसके बाद आपकी फसल में बलिया आनी शुरू हो जाती हैं,पांचवी सिंचाई आप फसल की कंडीशन और मौसम को देखकर कर सकते हैं।

क्षेत्र की उपयुक्तता:
डब्ल्यू एच 1270 किस्म उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्र के सिंचाई वाले क्षेत्र में अगेती बिजाई के लिए काफी उपयुक्त मानी जाती है। अगर आपके पास सिंचाई का उचित प्रबंध है और आप रासायनिक खेती करते हैं तो इसमें आप अधिक खाद डालकर और भी अधिक पैदावार ले सकते हैं।

नोट:- रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है, कृषि संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप कृषि विशेषज्ञों या कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अवश्य लें, और निर्णय अपने विवेक और समझ से करें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।