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गेहूं के हर पौधे में चाहते है बेहिसाब कल्ले | गेहूं में डाले सिर्फ 120 रूपये की ये चीज

गेहूं के हर पौधे में चाहते है बेहिसाब कल्ले | गेहूं में डाले सिर्फ 120 रूपये की ये चीज
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किसान साथियो गेहूं की फसल में पहली सिंचाई का सही समय और सही तरीका बेहद जरूरी है। जब फसल 21 से 25 दिनों की अवस्था में पहुंच जाए, तब पहली सिंचाई करनी चाहिए। इस समय पौधों को हल्की मात्रा में पानी की जरूरत होती है, इसलिए सिंचाई करते समय खेत में पानी भरने से बचें। खेत में पानी अधिक समय तक खड़ा रहने से पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं, जिससे फसल को नुकसान हो सकता है। हल्की सिंचाई करने से पौधे पर्याप्त नमी प्राप्त करते हैं और उनकी ग्रोथ का आधार मजबूत होता है। इसके अलावा, यह ध्यान रखना चाहिए कि पहली सिंचाई से खेत में नमी बनी रहे और मिट्टी में पोषक तत्व सक्रिय हों। खेत में संतुलित नमी होने से पौधों की जड़ें गहराई तक फैलती हैं और पौधे बेहतर पोषण प्राप्त करते हैं। सही समय और तरीके से की गई सिंचाई फसल की शुरुआती ग्रोथ और फुटाव को तेज करती है। यह फसल की भविष्य की सेहत और उत्पादन के लिए एक मजबूत आधार तैयार करती है।

यूरिया का सही समय और सही मात्रा क्या है
सिंचाई के 5-6 दिन बाद, जब खेत में नमी बनी रहे और मिट्टी पर पैर टिकने लगे, तब पहली यूरिया डालना चाहिए। इस समय प्रति एकड़ 45-50 किलो यूरिया का प्रयोग करना उचित है। यह पौधों को नाइट्रोजन की पूर्ति करता है, जो उनकी हरियाली, फुटाव और शुरुआती ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी है। यूरिया का सही समय पर उपयोग करने से पौधों को शुरुआती अवस्था में तेज ग्रोथ का लाभ मिलता है। यह पौधों की जड़ों को मजबूत बनाता है और उनकी पत्तियों में हरियाली लाता है। पहली यूरिया का सही तरीके से उपयोग करने पर पौधे तेजी से बढ़ते हैं और उनकी फुटाव क्षमता भी बढ़ जाती है। इससे पौधों में पोषण की कमी पूरी होती है और उनकी ग्रोथ का पूरा फायदा किसानों को मिलता है।

गेहूं में बे हिसाब कल्ले पाने के लिए क्या करे
यूरिया के साथ बायो बीटा का उपयोग गेहूं की फसल की ग्रोथ को दोगुना कर सकता है। यह एक 100% ऑर्गेनिक खाद है, जिसे प्रति एकड़ 5 किलो की मात्रा में यूरिया के साथ मिलाकर खेत में बिखेरना चाहिए। बायो बीटा में सल्फर, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, कैल्शियम, कोबाल्ट और जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं। बायो बीटा का उपयोग करने से पौधों में फुटाव बढ़ता है, मिट्टी में पहले से मौजूद पोषक तत्व सक्रिय हो जाते हैं, और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। यह पौधों की जड़ों को गहराई तक फैलने में मदद करता है और उनकी पत्तियों में हरियाली बढ़ाता है। बायो बीटा के उपयोग से फसल में तेजी से ग्रोथ होती है और पौधे स्वस्थ दिखने लगते हैं। यह फसल की ओवरऑल सेहत को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बायो बीटा न मिले तो क्या करे
यदि बायो बीटा उपलब्ध न हो, तो जिंक सल्फेट, फेरस सल्फेट और मैग्नीशियम सल्फेट का उपयोग एक बेहतरीन विकल्प है। प्रति एकड़ 500 ग्राम जिंक सल्फेट (33%), 500 ग्राम फेरस सल्फेट और 500 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट लें। इन पोषक तत्वों को 100 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार करें और शाम के समय खेत में स्प्रे करें। स्प्रे करते समय यह सुनिश्चित करें कि खेत में पर्याप्त नमी हो, ताकि पोषक तत्व पौधों की जड़ों और पत्तियों तक आसानी से पहुंच सकें। यह मिश्रण पौधों की फुटाव और ग्रोथ को बढ़ाने में उतना ही प्रभावी है जितना कि बायो बीटा। इसका नियमित उपयोग कमजोर फसल में भी नई जान डाल सकता है और पौधों की ग्रोथ को तेज कर सकता है।

यूरिया के साथ बायो बीटा डालने से क्या लाभ मिलेगा
पहली यूरिया और पोषक तत्वों के सही उपयोग से गेहूं की फसल में चमत्कारिक बदलाव देखने को मिलते हैं। सिर्फ 10-12 दिनों में पौधों से अधिक फुटाव निकलने लगता है और 15 दिनों में पूरा खेत कल्लों से भर जाता है। पौधों में हरियाली और ग्रोथ तेजी से बढ़ती है। कमजोर फसलों में भी यह तकनीक नई जान डाल देती है। पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और मिट्टी में निहित पोषक तत्व सक्रिय होकर पौधों को पोषण प्रदान करते हैं। इससे पौधों का पीलापन खत्म होता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इस प्रक्रिया से फसल की ओवरऑल ग्रोथ बेहतर होती है और भविष्य में बंपर पैदावार सुनिश्चित होती है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।