गेहूं में इस समय पर करें यह खास स्प्रे | कल्लों से भर जाएगा खेत
किसान साथियो मध्य प्रदेश सहित देश के कई क्षेत्रों में गेहूं की खेती एक प्रमुख कृषि गतिविधि है। जलवायु और सिंचाई सुविधाओं के आधार पर गेहूं की बुवाई का समय अलग-अलग होता है। जहां पानी की कमी होती है, वहां बुवाई अक्टूबर के अंत में शुरू होती है। जबकि जिन किसानों के पास सिंचाई की पर्याप्त सुविधा होती है, वे दिसंबर में भी बुवाई कर सकते हैं। गेहूं की फसल के विभिन्न विकास चरणों में सिंचाई और उर्वरक का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। बुवाई के लगभग 20-25 दिन, 40-45 दिन और 60 दिन बाद फसल को सिंचाई और उर्वरक देने से गेहूं के पौधे स्वस्थ रहते हैं और उत्पादन में वृद्धि होती है। यह किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने में मदद करता है।
कृषि वैज्ञानिको ने क्या दी सलाह
सागर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. केएस यादव ने गेहूं की फसल के लिए सिंचाई और उर्वरक प्रयोग के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उन्होंने बताया कि गेहूं की बुवाई के लगभग 20 से 22 दिन बाद पहली सिंचाई कर देनी चाहिए। इसके तुरंत बाद फसल पर 30 से 40 किलो प्रति एकड़ की दर से यूरिया का छिड़काव करना आवश्यक है। यदि फसल 40 दिन या उससे अधिक उम्र की हो गई है तो दूसरी सिंचाई कर देनी चाहिए। इस दूसरी सिंचाई के समय भी 30 से 40 किलो प्रति एकड़ की दर से यूरिया डालना चाहिए या फिर नैनो यूरिया का छिड़काव भी किया जा सकता है। ये सुझाव गेहूं की फसल को स्वस्थ रखने और उत्पादन बढ़ाने में सहायक होंगे।
गेहूं की फसल 60 दिन होने के बाद क्या डाले
जिन किसानों की गेहूं की फसल लगभग 60 दिन की हो चुकी है, उन्हें तीसरी सिंचाई के साथ-साथ नैनो यूरिया का एक विशेष घोल का छिड़काव करना चाहिए। यह घोल 4 मिलीलीटर नैनो यूरिया को एक लीटर पानी में मिलाकर बनाया जाता है और इसे 20 लीटर की दर से प्रति एकड़ खेत में छिड़का जाना चाहिए। इस घोल का छिड़काव फसल को स्वस्थ रखने और उत्पादन बढ़ाने में मददगार साबित होता है। अगर किसान ने अच्छी किस्म के बीज का चुनाव किया है और समय-समय पर खाद और पानी की उचित मात्रा दी है, तो वह 60 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक गेहूं का उत्पादन प्राप्त कर सकता है।
नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।