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गेहूं में मोटे, चमकदार और वजनदार दाने करने के लिए अभी करें यह काम | बम्पर उत्पादन की गारन्टी है ये स्प्रे

गेहूं में मोटे, चमकदार और वजनदार दाने करने के लिए अभी करें यह काम | बम्पर उत्पादन की गारन्टी है ये स्प्रे
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गेहूं में मोटे, चमकदार और वजनदार दाने करने के लिए अभी करें यह काम | बम्पर उत्पादन की गारन्टी है ये स्प्रे

किसान साथियो गेहूं की फ़सल अब लगभग 60 दिन की होने वाली है। इस समय किसानों को इस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए कि गेहूं की फसल में दानों का साइज और वजन कैसे बढ़ाएं?

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जाहिर सी बात है भरपूर पोषण देकर या काम किया जा सकता है। साथियो 55-60 दिन होने पर गेहूं में कल्लों का फूटना लगभग पूरा हो चुका होता है। जितने कल्ले उतनी बालियां उतना ही बढ़िया उत्पादन। परंतु फुटाव पूरा होने के बाद जब गेहूं के पौधे लंबाई खींचें लगते हैं उस समय ऐसा क्या करें कि गेहूं के दानों का साइज बढ़े, दाने मोटे मोटे हों और इनका वजन बढ़ जाए? क्या हम एक बाली में दानों की संख्या भी बढ़ा सकते हैं क्या? आज की रिपोर्ट में हम जानेंगे कि 55-60 दिन बाद हम अपनी गेहूं की फसल में ऐसा क्या करें के दानों की संख्या भी बढ़े। दाने भी मोटे और चमकदार और वजनदार बने।

कोन सा पोषक तत्व है सबसे जरूरी

किसान साथियो गेहूं के तने के अंदर बाली बनने की शुरुआत के समय एक तत्व बहुत महत्वपूर्ण होता है वह है फॉस्फोरस। अगर इसकी उपलब्धता भरपूर हो तो बाली में दानों की संख्या बढ़ सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गेहूं की फ़सल में बाली के बनने की शुरुआत तो 60 दिन के लगभग होती है हालांकि बाली को बाहर निकलने में 25-30 दिन का समय लग जाता है। यह जो बीच का समय है इसमे गेहूं को फॉस्फोरस देने के लिए NPK 12-61-0 या फिर 0-52-34 की स्प्रे की जा सकती है। आप चाहे तो दो किलो डीएपी का घोल का स्प्रे भी कर सकते हो, इससे बालिया एक ही समय पर बाहर निकलेंगी, बालियां लंबी होंगी, और दानों की संख्या ज्यादा होगी। किसान साथियो आपने देखा होगा कि जहाँ पर कल्लों की संख्या कम होती हैं वहाँ बाली नैचुरली लंबी होती है, वजन भी ज्यादा होता है। आप सोचिए कि जहाँ पर कल्ले भरपूर है वहां पर लंबी और वजनदार बलिया मिल जाए तो सोने पर सुहागा हो सकता है।

किस पोषक तत्व जरूरत कब

किसान साथियो यह जानना जरूरी है कि गेहूं में माइक्रो न्युट्रीएंट जैसे बायोमास,, फॉस्फोरस, पोटाश और सल्फर का अपटेक पौधा सबसे ज्यादा कब करता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 60 दिनों से पहले पहले तो इन चीजों का अपडेट थोड़ा कम होता है, लेकिन 60 दिन के बाद के बाद जब गेहूं लंबाई खींचता है तब इसकी उपलब्धता ज्यादा होनी चाहिये। क्योंकि इस समय पौधे को इन तत्वों की ज्यादा जरूरत होती है और बाली निकलने तक इनका अपटेक सबसे ज्यादा होता है। साथियो अगर शुरू में हम नाइट्रोजन कम देते हैं तो दानों का वजन कम रह जाएगा। लेकिन बालियां निकलने के बाद हमें नाइट्रोजन नहीं देनी चाहिए। दाने के वजन में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बाली निकलने से पहले थोड़ा फर्क पड़ेगा। कल्ले निकलने के समय नाइट्रोजन यूरिया देने से बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है।  पोटाश की कमी है तो दानों का वजन कम हो सकता है दाने बहुत छोटे रह जाएंगे। इसलिए पोटाश की कमी नहीं रहनी चाहिए। सही मात्रा में पोटाश डाले तो दानों का वजन पूरा आ जाएगा और अगर हम बहुत ही ज्यादा देते हैं तो दानों के वजन में ज्यादा फर्क नहीं पडता। गेहूं के बीज को लो लेवल की पोटाश की जरूरत पड़ती है। बहुत ज्यादा की जरूरत नहीं पड़ती।

दाने की मोटाई के लिए अन्य तत्व

साथियो फॉस्फोरस का भी दानों की संख्या पर इफेक्ट होता है। मैग्नीज और जिंक का भी फर्क पड़ता है तो मैंगनीज और जिंक हमें दे देना चाहिए। अगर हमने अभी तक नहीं दिया है तो मैगनीज और जिंक का स्प्रे 60 से 80 दिन के बीच करना चाहिए। ध्यान ये रखना है कि जिंक सल्फेट, मैग्नीशियम सल्फेट, और सल्फर को NPK के साथ नहीं मिलाना है। इनका स्प्रे अलग से करना चाहिए।

बोरॉन का क्या है महत्व

बोरोन का गेहूं के दाने के साइज को बढ़ाने में बहुत महत्व होता है । बोरॉन वह तत्व है जो पौधे में परागण में मदद करता है । इसलिए हम बाली निकलने से पहले हम कहते 0-52-34 के साथ बोरोन 200 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से मिलाकर स्प्रे कर दो तो इससे भी पैदावार के ऊपर काफी असर दिखता है बोरोन मिला लेना चाहिए। आपको ध्यान रखना है कि 0-52-34 का स्प्रे हमें 1% के हिसाब से करना है। 1 किलो को 100 लिटर पानी में मिलाकर स्प्रे करना चाहिए। इससे ज्यादा नहीं करना है नहीं तो गेहूं के पत्तों की नोक पर जलने के निशान आ सकते हैं। कॉपर हम गेहूं में नहीं डालते हैं लेकिन कॉपर का भी उत्पादन पर थोड़ा असर पड़ता है।

अगर आपने उपर दिए गए सारे पोषक तत्वों की कमी पूरी कर दी और आप समय से सिंचाई कर रहे हैं तो आपकी गेहूं की बम्पर पैदावार होने से कोई नहीं रोक सकता।
 
 नोटः दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इन्टरनेट पर उपलब्ध विश्वसनीय स्त्रोतों से प्राप्त की गई है। किसी भी जानकारी को अम्ल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।